अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हमेशा से अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। हाल ही में उन्होंने चीन के साथ रिश्तों पर ऐसा बयान दिया जिसने सभी को चौंका दिया। जहाँ कुछ समय पहले उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन पर “षड्यंत्र रचने” का आरोप लगाया था, वहीं अब उन्होंने चीन के साथ संबंधों को “Very Good” बताते हुए यू-टर्न ले लिया है।
इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बहस छिड़ गई है कि आखिर ट्रंप की यह बदलती रणनीति किस ओर इशारा करती है। क्या यह चुनावी रणनीति का हिस्सा है या फिर वाकई अमेरिका-चीन रिश्तों में नई शुरुआत का संकेत?
ट्रंप और चीन के रिश्ते
ट्रंप और चीन का रिश्ता हमेशा उतार-चढ़ाव भरा रहा है। राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान उन्होंने चीन पर ट्रेड वॉर छेड़ा, आयात शुल्क बढ़ाए और कई टेक्नोलॉजी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए। ट्रंप ने बार-बार कहा था कि चीन अमेरिका की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा रहा है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
2018-2019 के दौर में जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौता लगभग टूट गया था, तब ट्रंप के बयानों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में बड़ी हलचल मचा दी थी। यही वजह है कि जब अब वही ट्रंप चीन के लिए “बहुत अच्छा” शब्द इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर तुरंत सुर्खियों में आ जाती है।
‘षड्यंत्र’ आरोप: शी, पुतिन और किम पर हमला
कुछ हफ्ते पहले ट्रंप ने एक भाषण में दावा किया था कि चीन, रूस और उत्तर कोरिया मिलकर अमेरिका के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं। उनका कहना था कि शी जिनपिंग, पुतिन और किम जोंग-उन एक साथ आकर अमेरिका को वैश्विक स्तर पर कमजोर करना चाहते हैं।
इस बयान ने अमेरिका की घरेलू राजनीति में बड़ा तूफान खड़ा कर दिया। रिपब्लिकन पार्टी के कुछ नेता ट्रंप के साथ खड़े दिखे, लेकिन कई विशेषज्ञों ने इसे सिर्फ चुनावी बयानबाजी बताया।
ट्रंप के इन आरोपों के बाद अचानक यू-टर्न लेना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी ज्यादा चर्चा का विषय बन गया है।
PRESIDENT TRUMP FIRES SHOT AT CHINA’S XI
As Beijing parades with Putin and Kim — Trump says: “Give my warmest regards…as you conspire against the United States” 😳pic.twitter.com/oNCVygVjKb
— Shay Boloor (@StockSavvyShay) September 3, 2025
अचानक नरमी: ‘Very Good’ बयान का मतलब
न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने कहा कि चीन के साथ अमेरिका के रिश्ते “बहुत अच्छे” रहे हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर सही तरीके से बातचीत हो तो दोनों देशों के बीच संबंध फिर से पटरी पर आ सकते हैं।
यहाँ सवाल उठता है कि क्या ट्रंप का यह बयान किसी रणनीतिक बदलाव का संकेत है?
- पहली संभावना यह हो सकती है कि ट्रंप चुनावों से पहले चीन के साथ रिश्तों को मुद्दा बनाना चाहते हैं।
- दूसरी संभावना यह है कि वे अमेरिका के हितों को देखते हुए नरम रुख अपनाने की कोशिश कर रहे हैं।
कई विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की बयानबाजी अमेरिकी मतदाताओं के मूड पर निर्भर करती है। जब उन्हें लगता है कि सख्ती काम करेगी तो वे कठोर बयान देते हैं, और जब बातचीत से फायदा होगा तो नरम हो जाते हैं।
बीजिंग परेड और ट्रंप की प्रतिक्रिया
हाल ही में बीजिंग में एक भव्य परेड का आयोजन हुआ जिसमें शी जिनपिंग और पुतिन शामिल हुए। इस मौके पर चीन ने अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया। ट्रंप ने दावा किया कि यह परेड असल में उनके लिए थी, क्योंकि चीन और रूस चाहते थे कि वह इसे देखें।
ट्रंप का यह बयान एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया। अमेरिकी मीडिया में इसे लेकर बहस छिड़ गई कि क्या सच में चीन और रूस का संदेश ट्रंप को ध्यान में रखकर था या यह सिर्फ उनकी राजनीतिक बयानबाजी है।
👉 इसी संदर्भ में देखें कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर नेताओं की मौजूदगी को लेकर पहले भी चर्चा होती रही है। उदाहरण के लिए हाल ही में हुए SCO शिखर सम्मेलन 2025 में भी चीन, रूस और भारत की नजदीकी पर वैश्विक विश्लेषण किया गया था।
चीन-अमेरिका रिश्तों का बदलता समीकरण
अमेरिका और चीन के बीच संबंध आज भी दुनिया के लिए सबसे अहम हैं।
- व्यापार युद्ध,
- एशिया-प्रशांत में सुरक्षा संतुलन,
- टेक्नोलॉजी पर वर्चस्व की लड़ाई,
ये सभी पहलू इस रिश्ते को जटिल बनाते हैं। ट्रंप का “Very Good” बयान इन सभी मुद्दों पर एक नए सिग्नल के तौर पर देखा जा रहा है।
अगर आने वाले दिनों में अमेरिका और चीन फिर से बातचीत की मेज पर आते हैं, तो यह न केवल दोनों देशों बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
रूस और नॉर्थ कोरिया का एंगल
ट्रंप ने जिस तरह अपने बयान में रूस और नॉर्थ कोरिया का नाम लिया, वह भी गौर करने लायक है।
- रूस पहले से ही अमेरिका का सबसे बड़ा रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी है।
- नॉर्थ कोरिया की मिसाइल और परमाणु नीति अमेरिका के लिए चिंता का कारण रही है।
इन दोनों देशों का जिक्र कर ट्रंप ने यह संदेश देने की कोशिश की कि अमेरिका के खिलाफ एक नया गठजोड़ बन रहा है, और चीन इस गठजोड़ में मुख्य भूमिका निभा रहा है।
अमेरिकी राजनीति पर असर
ट्रंप का यह यू-टर्न अमेरिकी राजनीति पर भी गहरा असर डाल सकता है।
- रिपब्लिकन समर्थकों को लग सकता है कि ट्रंप चीन के साथ संबंध सुधारकर अमेरिका को फायदा पहुँचाना चाहते हैं।
- डेमोक्रेट्स इसे बदलते रुख और अवसरवादी राजनीति का उदाहरण बता रहे हैं।
चुनावों से पहले ट्रंप की यह रणनीति उन्हें लाभ दिलाती है या नुकसान, यह आने वाले महीनों में साफ होगा।
वैश्विक विश्लेषण: विशेषज्ञ क्या कहते हैं
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप के बयानों को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
- कुछ इसे राजनीतिक बयानबाजी मानते हैं।
- कुछ का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच टकराव इतना बढ़ चुका है कि यू-टर्न लेना आसान नहीं होगा।
भारत जैसे देशों पर भी इसका असर हो सकता है, क्योंकि भारत दोनों देशों के साथ अपने हित संतुलित करने की कोशिश करता है।
क्या यह यू-टर्न टिकेगा?
ट्रंप का “Very Good” बयान निश्चित रूप से चौंकाने वाला है, लेकिन क्या यह यू-टर्न लंबे समय तक टिक पाएगा, यह कहना अभी मुश्किल है।
ट्रंप की राजनीति का सबसे बड़ा हथियार उनके बयान ही रहे हैं, और वे कब किस विषय पर क्या कह देंगे, यह अनुमान लगाना आसान नहीं।
क्या आपको लगता है कि ट्रंप का यह यू-टर्न सिर्फ राजनीतिक रणनीति है या सच में रिश्तों में बदलाव का संकेत है? अपनी राय नीचे कमेंट में ज़रूर लिखें।