उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। एक महिला ने अपने पति और ससुरालवालों को जान से मारने के लिए जो योजना बनाई, वह न केवल खतरनाक थी बल्कि अविश्वसनीय भी।
महिला ने घर में इस्तेमाल होने वाले गेहूं के आटे में सल्फॉस नामक ज़हर मिला दिया, जिससे पूरे परिवार की जान खतरे में पड़ गई। गनीमत रही कि खाना बनाते समय बदबू महसूस हुई, जिससे परिवार को शक हुआ और समय रहते ज़हर खाने से रोका जा सका।
यह घटना 21 जुलाई को कौशांबी जिले के चरवा थाना क्षेत्र में सामने आई, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई और मामले की जांच शुरू की गई।
आरोपी महिला कौन है? और उसकी मंशा क्या थी?
घटना की जांच में पता चला कि यह साजिश रचने वाली कोई और नहीं बल्कि परिवार की बहू है। महिला का नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस के अनुसार वह काफी समय से पति और ससुरालवालों से नाराज चल रही थी।
बताया जा रहा है कि महिला का अपने पति के साथ लंबे समय से विवाद चल रहा था। घरेलू कलह, अधिकारों को लेकर झगड़े, और मानसिक तनाव के चलते उसने यह घातक कदम उठाया। महिला का मकसद था कि एक ही बार में पूरा परिवार खत्म कर दिया जाए ताकि उसे मानसिक राहत मिल सके या शायद बदला लिया जा सके।
ज़हर देने की पूरी योजना कैसे रची गई?
महिला ने सल्फॉस की गोलियां, जो आमतौर पर कीटनाशक के रूप में उपयोग होती हैं, किसी तरह से प्राप्त कीं। उसके बाद उसने सोचा कि यदि वह इन गोलियों को गेहूं के आटे में पीसकर मिला दे, तो कोई शक भी नहीं करेगा और सभी सदस्य वही खाना खाकर बीमार हो जाएंगे या मर जाएंगे।
उसने मौका देखकर रसोई में रखा आटा निकाला और उसमें सल्फॉस की गोलियां पीसकर मिला दीं। योजना इतनी चुपचाप और शातिर तरीके से बनाई गई थी कि अगर बदबू ना आती, तो शायद उसकी साजिश सफल भी हो जाती।
परिवार के सदस्य कैसे बचे? और क्या हुआ जब घटना का खुलासा हुआ?
जब महिला ने ज़हर मिला आटा रसोई में रखा, तो किसी को शक नहीं हुआ। लेकिन जैसे ही खाना बनाने के लिए आटा इस्तेमाल किया गया, अचानक से बदबू फैल गई, जो सामान्य नहीं थी। गृहिणी को शक हुआ और उसने तुरंत बाकी सदस्यों को जानकारी दी।
परिवार ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और आटे का सैंपल जांच के लिए भेजा गया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि आटे में सल्फॉस जहर मिला हुआ था, जो जानलेवा साबित हो सकता था।
सौभाग्य से, किसी ने भी उस दिन उस आटे से बना खाना नहीं खाया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
जेठानी संग क्लेश क़े बीच विवाहिता ने पूरी ससुराल को ख़त्म करने की रची साजिश, आटे में मिलाई सल्फास की गोलियां.. अब हुई अरेस्ट
UP क़े कौशांबी में घरेलू कलह ने रिश्तों को इस कदर तोड़ दिया कि एक महिला ने पति सहित पूरे ससुराल को खत्म करने की साजिश रच डाली। आरोपी मालती देवी, निवासी… pic.twitter.com/UZ29AdHMjz
— TRUE STORY (@TrueStoryUP) July 22, 2025
पुलिस की कार्रवाई और महिला की गिरफ्तारी
पुलिस को सूचना मिलते ही चरवा थाना की टीम मौके पर पहुंची और तत्काल जांच शुरू की गई। पूछताछ में महिला ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और यह भी बताया कि उसने यह कदम क्यों उठाया।
महिला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया है और आगे की जांच जारी है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला सिर्फ घरेलू झगड़े का नहीं बल्कि सोची-समझी हत्या की साजिश का है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया पर चर्चा
घटना के बाद गांव में हड़कंप मच गया है। आसपास के लोग हैरान हैं कि कोई महिला, जो खुद एक मां, बहू और पत्नी है, वह इतना खतरनाक कदम कैसे उठा सकती है।
सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ लोग इसे घरेलू हिंसा और मानसिक तनाव का नतीजा बता रहे हैं, तो कई इसे एक जघन्य अपराध मान रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय: पारिवारिक तनाव और मानसिक स्थिति का संबंध
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं केवल क्राइम नहीं बल्कि साइकोलॉजिकल ट्रिगर का परिणाम होती हैं। जब परिवार में लगातार तनाव होता है, महिला को अगर कोई सपोर्ट नहीं मिलता, और भावनात्मक दबाव बढ़ता है, तो वह ऐसे खतरनाक फैसले लेने पर मजबूर हो सकती है।
हाल ही में बागपत में घटी एक अन्य घटना भी इसी मानसिक तनाव का उदाहरण है, जहां एक विवाहित महिला ने होटल की छत से कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया था, जब वह अपने प्रेमी के साथ पकड़ी गई थी। पूरी खबर पढ़ें यहाँ।
विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते काउंसलिंग या हस्तक्षेप होता, तो शायद यह स्थिति नहीं आती। परिवारों को चाहिए कि वे मतभेदों को बातचीत से हल करें, ना कि एक-दूसरे के प्रति घृणा पालें।
समाज में बढ़ती पारिवारिक कलह पर चिंता
यह घटना केवल एक महिला द्वारा ज़हर देने की कोशिश नहीं है, यह एक सामाजिक चेतावनी है कि हमारे परिवारों में संवाद, समझ और भावनात्मक सहारा कितना जरूरी है।
अगर समय रहते इन झगड़ों को संभाला नहीं गया, तो ऐसी त्रासदियों की संख्या बढ़ती ही जाएगी। जरूरी है कि हम मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक रिश्तों पर गंभीरता से विचार करें।