अमेरिका की कड़ी कार्रवाई, TRF को घोषित किया आतंकवादी संगठन
अमेरिका ने TRF को आतंकवाद से जुड़ा एक खतरनाक संगठन मानते हुए इसे ‘डिज़िग्नेटेड टेरर आउटफिट’ घोषित कर दिया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों पर बढ़ते हमले दुनियाभर में चिंता का विषय बन चुके हैं। अमेरिका ने साफ किया है कि TRF का सीधा संबंध सीमापार से संचालित चरमपंथी गतिविधियों से है।
इस कार्रवाई के तहत TRF की सभी अमेरिकी परिसंपत्तियों को जब्त कर दिया गया है और अमेरिकी नागरिकों के लिए संगठन से किसी भी प्रकार का आर्थिक या व्यावसायिक लेनदेन गैरकानूनी करार दिया गया है।
🔴 TRF: एक नाम, कई सवाल
TRF यानी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ को लंबे समय से एक आतंकी फ्रंट संगठन के रूप में देखा जा रहा है। इसका गठन आर्टिकल 370 के हटने के तुरंत बाद हुआ था, जिसका मकसद जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को नए नाम और नए माध्यमों से जारी रखना था। TRF अक्सर सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप्स का इस्तेमाल कर युवाओं को जोड़ने और उकसाने की रणनीति अपनाता रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ही लोगों द्वारा चलाया जा रहा है, मगर अलग नाम से ताकि अंतरराष्ट्रीय नजर से बचा जा सके।
China’s Take On US Action Against Group Behind Pahalgam Terror Strike | India Pakistan News#DNAVideos #china #usa #pahalgamattack
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— DNA (@dna) July 19, 2025
🔴 अमेरिका ने क्यों उठाया यह कदम?
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद अमेरिका की यह कार्रवाई सामने आई है। अमेरिका का मानना है कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को तभी प्रभावी बनाया जा सकता है जब ऐसे संगठनों को समय रहते रोका जाए। अमेरिकी विदेश विभाग ने TRF के दो मुख्य चेहरों—शाहीन यूसुफ और बसीत अहमद रेशी—को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
TRF के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई ने भारत-अमेरिका के आतंकवाद विरोधी सहयोग को और मज़बूत किया है।
इससे पहले ये दोनों नाम कश्मीर घाटी में हुए कई आतंकी हमलों में सामने आ चुके हैं। अब इन्हें भी वैश्विक आतंकवाद से जुड़ी सूची में डाला गया है।
🔴 पाकिस्तान का विरोधाभासी रुख
पाकिस्तान ने अमेरिका के फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है और TRF का लश्कर से कोई संबंध होने से साफ इनकार किया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का कहना है कि ऐसे आरोप बिना पुख्ता सबूतों के लगाए गए हैं और इससे क्षेत्रीय शांति प्रयासों को ठेस पहुंचेगी।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने इस तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं। अतीत में भी वह कई आतंकी संगठनों के अस्तित्व को नकारता रहा है, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसके उलट सबूत पेश करता रहा है।
🔴 चीन की सतर्क प्रतिक्रिया: न समर्थन, न विरोध
चीन ने इस पूरे मामले में एक संयमित और सतर्क रुख अपनाया है। उसने सीधे TRF का नाम लिए बिना इतना कहा कि “आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और इससे लड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है।”
इस बयान में स्पष्ट रूप से चीन ने अपने रणनीतिक साझेदार पाकिस्तान को नाराज़ करने से बचने की कोशिश की है। साथ ही, यह भी दिखाया कि वह अमेरिका के हर कदम से सहमत नहीं है, भले ही वह आतंकवाद के खिलाफ ही क्यों न हो।
चीन का यह रुख उसके पहले के रवैये के अनुरूप ही है, जहां वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान समर्थित संगठनों के खिलाफ प्रस्तावों को बार-बार टालता रहा है।
🔴 भारत की प्रतिक्रिया: अमेरिका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर
भारत ने TRF को लेकर अमेरिका के कदम का स्वागत किया है और इसे आतंक के खिलाफ वैश्विक प्रयासों की दिशा में एक जरूरी कदम बताया है। भारत का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं के पीछे TRF जैसे संगठनों की भूमिका बेहद अहम रही है।
भारत की तरफ से यह भी कहा गया है कि TRF जैसे संगठनों को समर्थन देने वाले देशों पर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाना जरूरी है ताकि वैश्विक शांति बनी रह सके।
🔴 क्या TRF पर यह कार्रवाई असरदार होगी?
अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सबसे बड़ा असर आतंकी संगठनों की फंडिंग और नेटवर्किंग पर होता है। TRF को ‘डिज़िग्नेटेड टेरर ग्रुप’ घोषित करने के बाद इसके अंतरराष्ट्रीय संपर्क बाधित होंगे और यह संगठन धीरे-धीरे अलग-थलग पड़ सकता है।
लेकिन असल चुनौती है—इस संगठन को समर्थन देने वाले ढांचों को तोड़ना, जो कई बार राजनीतिक संरक्षण के तहत काम करते हैं। जब तक इन पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक सिर्फ घोषणाओं से जमीन पर असर सीमित ही रहेगा।
China Slams Pakistan, Seeks Cooperation To Nab Terror Outfit The Resistance Front
Pahalgam AttackHours after US designated The Resistance Front, which is a proxy of Pakistan-based Lashkar-e-Tayyiba, as a terrorist organisation for its involvement in the Pahalgam terror attack,… pic.twitter.com/wD9d5t9Kky
— Augadh (@AugadhBhudeva) July 19, 2025
🔴ग्लोबल मोर्चे पर आतंक के खिलाफ मजबूती की जरूरत
TRF को आतंकी घोषित करना सिर्फ एक संगठन पर रोक नहीं, बल्कि एक संदेश है—कि आतंकवाद अब किसी भी नाम, रूप या संरचना में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि पाकिस्तान और चीन की प्रतिक्रियाएं यह जरूर दर्शाती हैं कि भू-राजनीतिक हित अक्सर आतंकवाद पर एकमत होने में बाधा बनते हैं।
भारत, अमेरिका और अन्य लोकतांत्रिक देशों को मिलकर इन संगठनों के खिलाफ एक व्यापक और समन्वित रणनीति बनानी होगी ताकि असल असर दिखे।