सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की ‘मोदी-चोर’ मानहानि के मामले में सजा पर रोक लगाई, जिससे उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य ठहराया गया था।
नई दिल्ली, 4 अगस्त 2023: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘मोदी-चोर’ मानहानि मामले में सजा पर रोक लगा दी, जिससे उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
शीर्ष अदालत ने कहा कि सत्र अदालत ने दो साल की अधिकतम सजा को सही ठहराने के लिए कोई कारण नहीं दिया था, जिसके परिणामस्वरूप राहुल गांधी को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अदालत ने कहा कि इस तरह की सजा से न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में जारी रहना प्रभावित हुआ, बल्कि उस क्षेत्र के मतदाताओं का भी, जिन्होंने उन्हें चुना था।
मामले में सुनवाई करते हुए, न्यायमूर्ति बीआर गवई, पीएस नरसिम्हा और पीवी संजय कुमार की एक पीठ ने कहा कि सत्र अदालत को दो साल की सजा के बजाय एक साल और 11 महीने की सजा देनी चाहिए थी। अदालत ने कहा कि ऐसा करने से राहुल गांधी को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित नहीं किया जाएगा।
अदालत ने राहुल गांधी की याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
राहुल गांधी को 2019 में एक चुनावी रैली में “मोदी-चोर” टिप्पणी करने के बाद मानहानि का दोषी ठहराया गया था। उनकी टिप्पणी ने भाजपा नेता पुर्नेश मोदी को नाराज कर दिया था, जिन्होंने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
राहुल गांधी के वकील, कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि उनकी टिप्पणी एक राजनीतिक टिप्पणी थी और इसका किसी व्यक्ति या समुदाय को अपमानित करने का इरादा नहीं था। उन्होंने कहा कि सत्र अदालत ने उनकी टिप्पणी को “सर्वसाधारण के लिए अपमानजनक” करार दिया था, लेकिन यह एक गलत निष्कर्ष था।
अदालत ने राहुल गांधी की याचिका को स्वीकार कर लिया और उनकी सजा पर रोक लगा दी। अदालत ने कहा कि इस मामले में आगे की सुनवाई 15 अगस्त को होगी।
राहुल गांधी की इस जीत से कांग्रेस और उनके समर्थकों में खुशी की लहर है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि अदालत इस मामले में अंत में उन्हें बरी कर देगी।
संक्षेप में:
- सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की ‘मोदी-चोर’ मानहानि मामले में सजा पर रोक लगा दी है।
- निचली अदालत ने दो साल की सजा सुनाते समय कोई कारण नहीं बताया था।
- अदालत ने कहा कि इस मामले में राहुल गांधी के अधिकारों के साथ-साथ उन क्षेत्र के मतदाताओं के अधिकारों का भी हनन हुआ है।
- शीर्ष अदालत ने मामले को और सुनवाई के लिए लौटा दिया है।