देश की राजधानी दिल्ली से होकर बहने वाली यमुना नदी, न केवल एक धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि लाखों लोगों के जीवन से भी जुड़ी हुई है। बीते कुछ वर्षों में यमुना का जल स्तर नहीं, बल्कि उसका प्रदूषण स्तर चर्चा का विषय बन गया है।
यमुना की हालत अब सिर्फ पर्यावरण का नहीं, जीवन और सम्मान का मुद्दा बन चुकी है। दिल्ली में यमुना का 22 किलोमीटर का हिस्सा सबसे अधिक प्रदूषित पाया गया है, जहां घरेलू और औद्योगिक गंदा पानी बिना किसी उपचार के सीधे नदी में छोड़ा जाता है। ऐसे में यमुना को पुनर्जीवित करने की मांग अब केवल जनता की नहीं रही, बल्कि सरकारों की प्राथमिकता बन गई है।
🟢 अमित शाह का हस्तक्षेप: बड़ा निर्णय
हाल ही में एक अहम बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यमुना सफाई अभियान की समीक्षा की। उन्होंने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि 2028 तक राजधानी की सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता को दोगुना किया जाए।
इस बैठक में प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत चल रही परियोजनाओं की समीक्षा की गई। इसमें यह साफ कहा गया कि सिर्फ योजनाएं बनाना काफी नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर बदलाव जरूरी है।
2028 तक यमुना को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प अब केंद्र और राज्य की साझा जिम्मेदारी है।
🟢 योजना के प्रमुख बिंदु
वर्तमान में दिल्ली की सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता करीब 814 मिलियन गैलन प्रति दिन (MGD) है, जबकि लक्ष्य इसे बढ़ाकर 1618 MGD करना है। यह एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन होगा, जिसमें बड़े पैमाने पर निवेश और तकनीकी अपग्रेडेशन की जरूरत होगी।
इस अभियान को ‘PM-PUSH’ (PM Programme for Urgent, Sustainable, Holistic Rejuvenation of Yamuna River) के तहत लागू किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य दिल्ली के सभी गंदे नालों को ट्रीटमेंट प्लांट्स से जोड़कर यमुना में untreated पानी का प्रवाह पूरी तरह रोकना है।
दिल्ली सरकार की नई योजना यमुना के किनारों से 100% गंदे नाले हटाने पर केंद्रित है।
🟢 केंद्र बनाम राज्य: समन्वय या संघर्ष?
यमुना की सफाई को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच अक्सर संवाद और विवाद दोनों देखने को मिलते हैं। दिल्ली सरकार ने पहले भी कई बार सीवेज प्रोजेक्ट्स को लेकर केंद्र पर फंड न देने का आरोप लगाया, जबकि केंद्र ने राज्य पर निष्क्रियता का ठीकरा फोड़ा।
इस बार अमित शाह के सीधे हस्तक्षेप से उम्मीद है कि दोनों पक्ष एक साझा रोडमैप पर सहमत होकर काम करेंगे। इस दिशा में हालिया कोर्ट के निर्देश भी अहम माने जा रहे हैं।
Internal Linking: इस संबंध में हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट का हस्तक्षेप भी चर्चा में रहा, जहां नागरिकों के बुनियादी अधिकारों को लेकर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी।
सिर्फ आंकड़ों से बदलाव नहीं, ज़मीन पर अमल ज़रूरी है।
आज गृह मंत्रालय में आयोजित यमुना पुनर्जीवन पर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए माननीय केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने जिस दूरदृष्टि और दृढ़ संकल्प के साथ यमुना स्वच्छता मिशन को गति देने के निर्देश दिए,… pic.twitter.com/xWGqpvr2de
— Rekha Gupta (@gupta_rekha) July 11, 2025
🟢 STP और तकनीकी पहल
वर्तमान में दिल्ली में 36 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) कार्यरत हैं, लेकिन इनकी क्षमता और प्रभावशीलता दोनों पर सवाल उठते रहे हैं। अब योजना यह है कि इन सभी STP को Tertiary Level पर लाया जाए, जिससे पानी का 100% उपचार हो सके।
तकनीक के जरिए अब वेस्ट वॉटर को पुनः उपयोग में लाने की सोच पर काम हो रहा है। कुछ स्थानों पर ट्रीटेड वाटर को गार्डनिंग, कूलिंग टावर और कंस्ट्रक्शन वर्क में उपयोग किया जा रहा है।
अब सिर्फ ट्रीटमेंट नहीं, टोटल रिसाइकलिंग ही लक्ष्य है।
🟢 चुनौतियाँ और संभावनाएँ
हालांकि योजना महत्वाकांक्षी है, लेकिन इसकी राह में कई चुनौतियाँ हैं:
- फंडिंग और बजट आवंटन की अनिश्चितता
- भूमि अधिग्रहण में देरी
- स्थानीय लोगों और निकायों के बीच तालमेल की कमी
- मानसून में ओवरफ्लो की समस्याएं
इसके अलावा, कई बार निर्माणाधीन STPs समय पर पूरे नहीं हो पाते, जिससे लक्ष्य प्रभावित होता है।
योजना तभी सफल होगी जब जन और शासन दोनों की भागीदारी होगी।
🟢 उम्मीद की किरण या फिर एक और वादा?
यमुना पुनर्जीवन अभियान को लेकर एक नई ऊर्जा दिखाई दे रही है। अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेता का सीधा दखल इस बात का संकेत है कि अब केवल भाषण नहीं, एक्शन की बारी है।
हालांकि पहले भी कई बार योजनाएं बनीं, लेकिन उनका नतीजा ज़मीन पर कम ही नजर आया। अब देखना होगा कि क्या यह मिशन सिर्फ कागजों तक सीमित रहता है या वास्तव में यमुना को फिर से जीवनदान मिलेगा।
क्या दिल्ली यमुना को गंगा जैसी प्राथमिकता देगी?
क्या सरकार और जनता मिलकर 2028 तक यमुना को फिर से निर्मल बना पाएंगे?
➡️ आपके विचार में क्या यह मिशन सफल हो पाएगा? नीचे कॉमेंट करके अपनी राय ज़रूर दें।