भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच और पूर्व सांसद गौतम गंभीर एक बार फिर सुरक्षा के मुद्दे को लेकर चर्चा में हैं। 22 अप्रैल 2025 को उन्हें दो धमकी भरे ईमेल मिले, जिनमें “I KILL YOU” जैसे खतरनाक शब्द इस्तेमाल किए गए थे। खास बात यह है कि यह ईमेल उसी दिन भेजे गए जिस दिन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली।
दिल्ली पुलिस को जैसे ही इस मामले की जानकारी मिली, उन्होंने गंभीर की सुरक्षा को लेकर जांच शुरू कर दी है। धमकी में कथित तौर पर “ISIS Kashmir” का नाम सामने आया है, जिससे इस पूरे मामले की संवेदनशीलता और बढ़ गई है।
धमकी का पूरा घटनाक्रम: क्या हुआ 22 अप्रैल को?
गौतम गंभीर को मिले दोनों ईमेल एक ही दिन के भीतर अलग-अलग ईमेल आईडी से भेजे गए। पहला मेल दोपहर 2:07 बजे jigneshsinhsodhaparmar14@gmail.com से आया, जबकि दूसरा शाम 7:09 बजे chandressodha3@gmail.com से भेजा गया। दोनों ईमेल में एक ही लाइन थी – “I KILL YOU”
इन मेल्स का स्क्रीनशॉट गंभीर की टीम ने तुरंत दिल्ली पुलिस को सौंपा और राजेंद्र नगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई। शिकायत में कहा गया:
“जैसा कि हमने बात की थी, श्रीमान गौतम गंभीर (पूर्व सांसद), मुख्य कोच – भारतीय क्रिकेट टीम, को उपरोक्त मेल प्राप्त हुए हैं। कृपया एफआईआर दर्ज कर आवश्यक सुरक्षा सुनिश्चित करें।”
गौतम गंभीर को मिली जान से मारने की धमकी : ISIS कश्मीर ने लिखा : I Kill U : चार साल पहले भी मिली थी धमकी !! #gautamgambhir #ISIS pic.twitter.com/BREVgV9UJu
— COSMIC_SHAYAR ✍️ (@Cosmic_Shayar) April 24, 2025
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता
DCP (सेंट्रल) एम. हर्षवर्धन ने बयान जारी कर कहा कि,
“हमें गौतम गंभीर के ईमेल आईडी पर धमकी भरे मेल मिलने की जानकारी दी गई है। मामला जांच के अधीन है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि गंभीर पहले से ही दिल्ली पुलिस के सुरक्षा घेरे में आते हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, सुरक्षा व्यवस्थाओं के विवरण साझा करने से पुलिस ने इनकार किया।
पहले भी मिल चुकी हैं धमकियां – 2022 की घटना
गौतम गंभीर को यह पहली बार धमकी नहीं मिली है। साल 2022 में भी उन्हें इसी तरह के मेल और धमकियों का सामना करना पड़ा था। उस समय भी सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया था। गंभीर, एक समय बीजेपी से सांसद भी रह चुके हैं और कई बार राष्ट्रवाद और कड़े बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं।
‘ISIS Kashmir’ का जिक्र – क्या है इसके मायने?
दोनों ईमेल्स में “ISIS Kashmir” का जिक्र किया गया, जिससे मामला आतंकवाद से जुड़ा हुआ प्रतीत हो रहा है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि मेल वास्तव में किसी आतंकी संगठन से जुड़ा है या केवल डर फैलाने की कोशिश है।
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल इस बात की जांच कर रही है कि मेल भेजने वाले आईडी फर्जी हैं या किसी नेटवर्क से जुड़ी हैं। मेल भेजे जाने की टाइमिंग भी बेहद अहम है — क्योंकि इसी दिन कश्मीर के पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला हुआ।
IPL 2025 और गंभीर की भूमिका – एक संभावित एंगल
गौतम गंभीर IPL 2025 सीजन में भी एक्टिव भूमिका निभा रहे हैं। बतौर कोच या मेंटर उनकी क्रिकेट जगत में सक्रियता जारी है। IPL जैसी बड़ी लीग में व्यस्तता के दौरान ऐसी धमकियों का मिलना, न सिर्फ उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाता है बल्कि इस बात पर भी सवाल उठाता है कि क्या IPL से जुड़ा कोई एंगल भी इस घटना में शामिल हो सकता है?
हालांकि, अभी तक कोई स्पष्ट लिंक सामने नहीं आया है, लेकिन जांच एजेंसियां हर संभावना को ध्यान में रखते हुए कदम उठा रही हैं।
सोशल मीडिया पर हलचल –
जैसे ही ये खबर सामने आई, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह मामला तेजी से वायरल हो गया। कई प्रमुख पत्रकारों, क्रिकेट विशेषज्ञों और आम लोगों ने चिंता जताई और गंभीर के साथ एकजुटता दिखाई।
VIP सुरक्षा और डिजिटल सुरक्षा की मौजूदा स्थिति पर सवाल
यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि भारत में VIP लोगों की सुरक्षा कितनी चुनौतीपूर्ण होती जा रही है। खासकर जब बात डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की हो, तो ईमेल के जरिए इस तरह की धमकियां देना बेहद आसान हो गया है।
सवाल यह है कि –
क्या हमारे पास इतने मजबूत साइबर टूल्स हैं कि मेल ID का लोकेशन और ओरिजिन ट्रैक किया जा सके?
VIPs की डिजिटल और फिजिकल सुरक्षा में कितनी तालमेल है?
क्या यह सिस्टमिक फेलियर है या isolated case?
इन सवालों के जवाब भविष्य की नीति निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
क्या आगे होगा?
गौतम गंभीर जैसे राष्ट्रीय स्तर के व्यक्तित्व को धमकी मिलना न केवल उनकी सुरक्षा का मामला है, बल्कि यह पूरे खेल और राजनीति जगत के लिए एक चेतावनी है।
अब देखना यह है कि दिल्ली पुलिस और साइबर सेल कितनी जल्दी इस मामले की तह तक पहुंचती है और दोषियों को पकड़ने में सफल होती है। इस मामले की पारदर्शिता, समयबद्ध जांच और गंभीरता से लिया जाना बेहद जरूरी है।