उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को और मज़बूत करने के लिए ₹3,300 करोड़ की लागत से कई नई बुनियादी शिक्षा परियोजनाओं का शुभारंभ किया। सुरक्षा और जागरूकता के संदर्भ में हाल ही में NIA द्वारा एक CRPF जवान की गिरफ्तारी जैसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि शिक्षा के साथ-साथ सुरक्षा और जिम्मेदारी की भावना भी छात्रों में विकसित करना अत्यंत आवश्यक है। इस पहल का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में छात्रों को बेहतर सुविधाएं, आधुनिक तकनीक और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार का लक्ष्य है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, चाहे वह किसी भी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि से क्यों न हो।
परियोजनाओं की संक्षिप्त जानकारी
इस योजना के अंतर्गत करीब 680 स्कूलों का नवीनीकरण किया जाएगा। इन स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, नया फर्नीचर, साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था और सुरक्षा से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग और लोक निर्माण विभाग (PWD) इस पूरी योजना को संयुक्त रूप से लागू कर रहे हैं।
➤ ₹3,300 करोड़ की लागत से राज्यभर में शिक्षा सुधार का अभियान
➤ 680 स्कूलों में स्मार्ट क्लास, फर्नीचर और कंप्यूटर लैब की सुविधा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा की बुनियाद को सशक्त बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी ज़ोर दिया कि बच्चों को ऐसा माहौल मिलना चाहिए जहाँ वे आत्मविश्वास के साथ शिक्षा प्राप्त कर सकें। सीएम योगी ने परियोजनाओं की शुरुआत के मौके पर कहा, “आज का विद्यार्थी कल का राष्ट्रनिर्माता है। हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उन्हें बेहतर संसाधन और प्रेरणादायक वातावरण दें।”
➤ “बच्चों को बेहतर स्कूल, स्मार्ट क्लासरूम मिलेंगे” – योगी आदित्यनाथ
➤ “शिक्षा में तकनीक का उपयोग समय की माँग है”
VIDEO | Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath (@myogiadityanath) inaugurated and laid foundation stones for key initiatives of the Basic Education Department in Lucknow, aimed at transforming school education. The programme saw the launch of 43 CM Model Composite Schools,… pic.twitter.com/TfkqgApfig
— Press Trust of India (@PTI_News) May 26, 2025
अब तक की प्रगति की झलक
पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार हुए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ और ‘निपुण भारत मिशन’ जैसे अभियानों के जरिए हजारों स्कूलों में आधारभूत सुधार किए गए हैं। दीवारों की मरम्मत, स्वच्छ शौचालय, बिजली, टाइल्स वाली फर्श और रंगीन कक्षाओं जैसे बदलावों ने स्कूलों की सूरत ही बदल दी है।
➤ 1.6 लाख से अधिक स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर का कायाकल्प
➤ निपुण भारत अभियान से कक्षा 1-3 के छात्रों में सीखने की गुणवत्ता में वृद्धि
नई योजनाओं से संभावित लाभ
इन परियोजनाओं के लागू होने से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के स्कूलों में भी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। डिजिटल लर्निंग, बाल मैत्रीपूर्ण कक्षाएं और बाल सुरक्षा मानकों का पालन शिक्षा व्यवस्था को एक नई ऊँचाई देगा। छात्रों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए लैपटॉप, प्रोजेक्टर और डिजिटल कंटेंट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
➤ ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को मिलेगा आधुनिक शिक्षा का अवसर
➤ डिजिटल इंडिया के सपने को मिलेगी गति
सरकारी और सामाजिक भागीदारी की भूमिका
इस योजना में केवल सरकार ही नहीं बल्कि स्थानीय निकाय, ग्राम पंचायतें और निजी कंपनियाँ भी सहभागी हैं। CSR के अंतर्गत कई कॉर्पोरेट संस्थाएं स्कूलों के निर्माण और रखरखाव में सहयोग दे रही हैं। यह सामाजिक सहभागिता योजना को और प्रभावशाली बना रही है।
➤ समाज और सरकार की साझेदारी से शिक्षा का आधार मजबूत
➤ CSR के माध्यम से निजी कंपनियों का योगदान
जनभागीदारी का महत्व
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह नई पहल उत्तर प्रदेश में शिक्षा की तस्वीर बदलने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। इससे न केवल स्कूलों की भौतिक स्थिति सुधरेगी बल्कि छात्रों में आत्मविश्वास और सीखने की इच्छा भी बढ़ेगी। अब जरूरत है कि शिक्षक, अभिभावक और समाज मिलकर इस पहल को सफल बनाएं।
➤ बच्चों का भविष्य संवारने की दिशा में सकारात्मक प्रयास
➤ शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश बन रहा है अग्रणी राज्य
आपकी राय ज़रूरी है!
क्या आपके क्षेत्र के स्कूलों में भी इस योजना का असर देखने को मिला है? क्या आपको लगता है कि यह पहल छात्रों के भविष्य को उज्जवल बनाएगी? नीचे कमेंट करके अपनी राय जरूर साझा करें।