भारतीय सिनेमा में कमल हासन एक ऐसा नाम है, जो न केवल बेहतरीन अभिनय के लिए जाना जाता है, बल्कि अपनी साफगोई और अलग नजरिए के लिए भी मशहूर है। वे जिस अंदाज में मुद्दों को उठाते हैं, वो कई बार समाज को चौंका देता है। उनकी हर फिल्म कोई न कोई चर्चा जरूर पैदा करती है। लेकिन क्या ये सब इत्तेफाक होता है या कमल हासन जानबूझकर ऐसा करते हैं? आइए समझते हैं उनकी विवादों से जुड़ी यात्रा को।
“Hey Ram” – एक फिल्म, कई मत
“Hey Ram” को एक ऐतिहासिक कहानी के तौर पर पेश किया गया, जिसमें विभाजन, सांप्रदायिकता और गांधी जी की हत्या के इर्द-गिर्द एक काल्पनिक लेकिन संवेदनशील कथा रची गई थी। इस फिल्म पर कुछ वर्गों ने यह आरोप लगाया कि यह गांधी जी की छवि को गलत तरीके से पेश करती है।
“Hey Ram में मेरी कोई दुर्भावना नहीं थी, सिर्फ इतिहास की कल्पना थी”
कमल ने साफ कहा कि उनका मकसद इतिहास की एक भावनात्मक झलक दिखाना था, न कि किसी को नीचा दिखाना। फिर भी, इस फिल्म ने उनके करियर में विवादों का पहला बड़ा अध्याय जोड़ा।
“Vishwaroopam” – फिल्म से पहले ही मचा शोर
इस थ्रिलर फिल्म की कहानी एक मुस्लिम जासूस के इर्द-गिर्द घूमती है, जो आतंकवादियों के बीच रहकर अपनी भूमिका निभाता है। कुछ संगठनों ने फिल्म को एक समुदाय के खिलाफ बताते हुए आपत्ति जताई और इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की।
“यह फिल्म आतंकवाद के खिलाफ है, न कि किसी समुदाय के”
कमल हासन ने बताया कि फिल्म का उद्देश्य केवल एक गंभीर मुद्दे पर बात करना था। लेकिन रिलीज से पहले ही फिल्म विवादों में आ गई। उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी चिंता जताई कि उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है। बाद में फिल्म को मंजूरी मिली और दर्शकों ने सराहना भी की।
“Thug Life” – नाम पर उठे सवाल
कमल हासन की नई फिल्म “Thug Life” ने अपने नाम को लेकर ही बहस छेड़ दी। कुछ लोगों ने कहा कि यह नाम अपराध को बढ़ावा देता है, तो कुछ ने इसे सिर्फ एक किरदार की शैली से जोड़ा।
“थग का मतलब हर बार नकारात्मक नहीं होता”
कमल हासन ने कहा कि इस फिल्म में किरदार की परतों को दिखाने के लिए यह नाम रखा गया है। उनके अनुसार, फिल्में समाज को एक नया दृष्टिकोण देती हैं और सिर्फ नाम से किसी नतीजे पर पहुंचना ठीक नहीं।
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— Bharat Journal (@BharatjournalX) May 31, 2025
क्या ये सब जानबूझकर होता है?
कमल हासन की छवि एक खुले विचार वाले कलाकार की है। वे समाज, राजनीति और धर्म जैसे विषयों पर अपने विचार रखते हैं। ये बातें कई बार लोगों को असहज कर देती हैं और विवाद पैदा हो जाते हैं।
“मैं सिर्फ वो कहता हूं जो मुझे सही लगता है”
कई लोग मानते हैं कि वह अपनी फिल्मों और विचारों से जानबूझकर विवाद खड़े करते हैं, लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि वे सिर्फ सच बोलते हैं और कभी डरते नहीं। उनके लिए सिनेमा केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि सोच को जगाने का जरिया है।
कमल हासन जैसे कलाकारों की विवादों से जूझती छवि बॉलीवुड में आम है, जहां कई सितारे अपनी बेबाकी और स्टाइल के कारण चर्चा में रहते हैं। उदाहरण के तौर पर, बॉलीवुड की क्वीन दीपिका पादुकोण भी हाल ही में एक विवाद के बीच अपनी शांत और असंवेदनशील प्रतिक्रिया के कारण सुर्खियों में आई थीं। अगर आप दीपिका की इस घटना के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो आप हमारे यहां लिखे आलेख को पढ़ सकते हैं, जिसमें उनके व्यवहार और प्रतिक्रिया की पूरी कहानी दी गई है।
कमल हासन की साफ बात – “मैं क्यों बदलूं?”
एक बातचीत में कमल हासन ने साफ कहा कि अगर सच बोलने से विवाद होता है, तो वह इसे स्वीकार करने को तैयार हैं। उनके मुताबिक, लोकतंत्र में हर किसी को बोलने का अधिकार है, और वह अपने विचारों से कभी पीछे नहीं हटते।
“अगर सच बोलना अपराध है, तो मैं अपराधी हूं”
उन्होंने कहा कि उनका मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं होता, बल्कि सवाल उठाना और सोच को जगाना होता है। यही उनकी पहचान है।
कमल हासन : एक बेबाक कलाकार
कमल हासन सिर्फ एक अभिनेता नहीं हैं, बल्कि एक ऐसा चेहरा हैं जो सिनेमा के जरिए समाज से संवाद करते हैं। उनकी फिल्मों में भावनाएं, मुद्दे और सोचने के लिए मजबूर कर देने वाली कहानियां होती हैं। वो विवादों से घबराते नहीं, बल्कि उनसे गुजरते हुए अपने काम से नई राह बनाते हैं।
शायद यही कारण है कि उनकी हर बात, हर फिल्म और हर विचार चर्चा में रहता है। और यही उन्हें बाकी कलाकारों से अलग बनाता है।