भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट दर्ज की गई। कारोबारी हफ्ते की शुरुआत में ही निवेशकों को जोरदार झटका लगा जब BSE Sensex 750 से अधिक अंक टूट गया और Nifty50 24,550 के नीचे फिसल गया।
बाजार की इस गिरावट ने ना सिर्फ छोटे निवेशकों की चिंता बढ़ा दी, बल्कि बड़े निवेशकों में भी अनिश्चितता का माहौल बना दिया। टेक, फाइनेंस, और मिडकैप शेयरों में सबसे ज्यादा दबाव देखने को मिला।
🟡 Sensex-Nifty में गिरावट की पूरी टाइमलाइन
शेयर बाजार की शुरुआत सुबह हल्की तेजी के साथ हुई थी, लेकिन जल्द ही बिकवाली का दबाव दिखने लगा।
- सुबह 9:15 पर बाजार लगभग सपाट खुले
- 10:30 बजे के बाद से गिरावट तेज हुई
- दोपहर तक Sensex में 750 अंकों की गिरावट और Nifty 24,550 के नीचे फिसल गया
🔻 टॉप लूज़र्स:
- Infosys, HDFC Bank, Reliance Industries, ITC, और TCS में बड़ी गिरावट
🔺 टॉप गेनर्स:
- कुछ FMCG और फार्मा कंपनियों ने हल्की मजबूती दिखाई
FII (Foreign Institutional Investors) ने लगातार दूसरे दिन भारी बिकवाली की, जबकि DII (Domestic Institutional Investors) की खरीदारी सीमित रही।
Markets open weak 😓
• Nifty slips below 24,600
• Metals stocks fall as tariffs ramp up to 50%
• Nifty IT falls the most, down 1.3% at the moment pic.twitter.com/DboUifDe8m— Stocktwits India 🇮🇳 (@StocktwitsIndia) June 2, 2025
🔴 बाजार में गिरावट की 5 बड़ी वजहें
भारत के बाजारों में आई इस गिरावट के पीछे कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारण छिपे हैं:
1. Donald Trump की नई टैरिफ चेतावनी
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन पर नए व्यापारिक टैरिफ की चेतावनी दी है। इससे वैश्विक बाज़ारों में घबराहट फैली है और भारत भी उससे अछूता नहीं रहा।
2. US बॉन्ड यील्ड में तेज़ी
अमेरिकी 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड में तेजी आने से ग्लोबल फंड्स इक्विटी से निकलकर सुरक्षित परिसंपत्तियों में जा रहे हैं।
3. RBI की संभावित सख्त मौद्रिक नीति
RBI की आगामी बैठक में रेपो रेट बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है। इससे ब्याज दरें बढ़ेंगी और निवेश पर असर पड़ेगा।
4. FII की तेज़ बिकवाली
विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों से पैसे निकालने की रणनीति अपनाई है। इससे बाजार में बिकवाली और बढ़ी।
5. लोकसभा चुनाव को लेकर अनिश्चितता
राजनीतिक अस्थिरता और चुनावी माहौल ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया है, जिससे वे सतर्क हो गए हैं।
🔵 वैश्विक संकेत और अमेरिकी मार्केट का असर
- Dow Jones और Nasdaq में भी पिछले हफ्ते बड़ी गिरावट देखी गई थी।
- चीन-अमेरिका व्यापार तनाव फिर से बढ़ता दिख रहा है।
- Crude oil की कीमतों में उछाल और Dollar Index में मजबूती ने निवेशकों की चिंता और बढ़ा दी।
वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और आर्थिक तनाव के चलते भारतीय बाजार में भी दबाव बना है। अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टैरिफ चेतावनियों ने निवेशकों को असहज कर दिया है। साथ ही, घरेलू स्तर पर भी सुरक्षा से जुड़ी तैयारियों का माहौल देखा जा रहा है।
हाल ही में पूरे देश में Operation SHIELD मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसमें सायरन, ब्लैकआउट और सुरक्षा अभ्यास जैसी गतिविधियाँ शामिल थीं। ऐसे माहौल में निवेशकों का सतर्क होना स्वाभाविक है।
🟢 क्या कहते हैं मार्केट विशेषज्ञ?
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार यह गिरावट “लॉन्ग टर्म correction” का हिस्सा हो सकती है।
“इस समय बाजार में बहुत सी अनिश्चितताएं हैं। निवेशकों को घबराने के बजाय सोच-समझकर फैसले लेने चाहिए।”
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट बाजार में रीसेट का संकेत है, और आने वाले हफ्तों में स्थिरता लौट सकती है।
🟣 तकनीकी स्तर और आगे का संभावित रुझान
तकनीकी विश्लेषकों के मुताबिक Nifty50 के लिए कुछ अहम स्तर:
- 🔻 Support Zone: 24,400 – 24,200
- 🔺 Resistance Zone: 24,700 – 25,000
यदि Nifty 24,200 के नीचे जाता है तो और गिरावट संभव है। वहीं, 25,000 के ऊपर बंद होने पर बाजार में नई तेजी शुरू हो सकती है।
🟤 निवेशकों के लिए सुझाव और अलर्ट
- इस गिरावट को panic selling का कारण न बनाएं
- SIP निवेशकों को अपना निवेश चालू रखना चाहिए
- जिनके पास लॉन्ग टर्म नजरिया है, वे गिरावट को खरीदारी का मौका मान सकते हैं
- ज्यादा leverage (उधार) लेकर ट्रेडिंग फिलहाल ना करें
⚪अब आप क्या सोचते हैं?
भारतीय शेयर बाजार में आई यह गिरावट कई वैश्विक और घरेलू कारणों का मिलाजुला प्रभाव है।
जहां कुछ लोग इस गिरावट को अवसर मान रहे हैं, वहीं कुछ इससे घबराए हुए हैं।
अब सवाल आपसे:
क्या आप मानते हैं कि बाजार जल्द संभलेगा?
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