यह मामला कर्नाटक के बेलगावी जिले के मंगोली इलाके में स्थित कैनरा बैंक शाखा का है, जहां सोमवार सुबह जब बैंक खुला तो कर्मचारियों ने लॉकर रूम की दीवार में बड़ा छेद देखा। जब तिजोरी की जांच की गई तो सामने आया कि बैंक में गिरवी रखे गए करीब 59 किलोग्राम सोने के आभूषण गायब थे, जिसकी कुल कीमत ₹52 करोड़ आंकी गई है।
बैंक के कर्मचारी इस घटना से बेहद स्तब्ध हैं। स्थानीय पुलिस को तुरंत सूचना दी गई, जिसके बाद कई जांच एजेंसियां मौके पर पहुंचीं।
कैसे हुआ बैंक में सेंध?
चोरी बेहद योजनाबद्ध ढंग से अंजाम दी गई। चोरों ने बैंक के पीछे के हिस्से से करीब 8 फीट लंबी और 5 फीट गहरी सुरंग खोदकर लॉकर रूम तक रास्ता बनाया।
इस पूरी घटना को शनिवार से सोमवार की छुट्टियों के दौरान अंजाम दिया गया, जिससे उन्हें uninterrupted समय मिला।
अंदरूनी सुरक्षा के उपकरण जैसे CCTV, अलार्म सिस्टम आदि भी इस दौरान कोई अलर्ट नहीं दे सके, जो बैंक की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं।
पुलिस जांच और फॉरेंसिक टीम की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम मौके पर पहुंची।
फिलहाल घटनास्थल की बारीकी से जांच की जा रही है —
- फिंगरप्रिंट की जांच
- मिट्टी के नमूने लिए गए
- CCTV फुटेज की समीक्षा चल रही है
बेलगावी के पुलिस अधीक्षक संजीव पाटिल ने मीडिया को बताया कि “हमारी कई टीमें इस मामले पर एक साथ काम कर रही हैं। अपराधियों की पहचान जल्द ही कर ली जाएगी।”
Canara Bank heist: 59 kg gold, cash looted, black magic ruse used in Karnataka!!!
Unidentified robbers looted 59 kg of pledged gold and Rs 5.2 lakh from a Canara Bank branch in Karnataka. The gang disabled the alarm system and used a fake key to access a specific locker. A black… pic.twitter.com/OVTDS3PmVh
— J Gautam ♑️ (@JagrutBharatiya) June 4, 2025
‘ब्लैक मैजिक’ और रहस्यमयी गुड़िया की गुत्थी
घटनास्थल पर एक बेहद अजीब चीज मिली — एक गुड़िया, जिसके हाथ-पैर में कीलें गड़ी हुई थीं और पास में कुछ नींबू तथा सिंदूर रखा था।
स्थानीय पुलिस को आशंका है कि यह किसी ‘ब्लैक मैजिक’ या टोने-टोटके का हिस्सा हो सकता है, जिसे या तो चोरी को “सफल बनाने” या पुलिस को भ्रमित करने के लिए छोड़ा गया हो।
हालांकि पुलिस इसे सिर्फ एक मनोवैज्ञानिक चाल मान रही है।
बैंक की सुरक्षा में चूक और जिम्मेदार कौन?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतना बड़ा सोना बिना किसी अलार्म या रोक के कैसे चोरी हो गया?
बैंक में मौजूद सिर्फ एक CCTV कैमरा कार्यशील था, और लॉकर रूम के आसपास की सुरक्षा बेहद कमजोर थी।
कई सूत्रों का कहना है कि बैंक के पास कोई आधुनिक सुरक्षा प्रणाली नहीं थी —
- ना तो motion sensors
- ना ही इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम
- और ना ही लॉकर रूम पर कोई एक्स्ट्रा सिक्योरिटी
बैंक अधिकारियों की लापरवाही साफ नजर आती है।
इस तरह की बड़ी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं
यह पहली बार नहीं है जब किसी बैंक से इतने बड़े पैमाने पर सोना या नकदी चोरी हुई हो।
साल 2020 में पुणे में एक बैंक से 30 किलो सोना चोरी हुआ था और
2017 में दिल्ली के एक बैंक में सुरंग बनाकर लॉकर से नकदी चुराई गई थी।
इन घटनाओं के बावजूद बैंकिंग सिस्टम ने अपने सुरक्षा उपायों में खास बदलाव नहीं किया, जो अब आम नागरिकों की जमापूंजी के लिए खतरा बनता जा रहा है।
अगला कदम क्या होगा?
बैंक और पुलिस अब मिलकर इस मामले की गहन जांच में जुटे हैं।
- सोना गिरवी रखने वाले ग्राहकों की जानकारी भी जांच में शामिल की गई है।
- पास के इलाकों में खोदी गई खुदाई के सुराग ढूंढे जा रहे हैं।
- साइबर टीम यह भी जांच कर रही है कि कहीं बैंक सिस्टम से कोई अंदरूनी जानकारी तो लीक नहीं हुई।
सरकार और बैंकिंग संस्थानों को अब पारंपरिक सुरक्षा के साथ-साथ टेक्नोलॉजी पर भी फोकस करना होगा, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।