देश के चार बड़े राज्यों की कुल पांच विधानसभा सीटों पर आज उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें गुजरात की कड़ी, पंजाब की लुधियाना सेंट्रल, केरल की नीलांबुर और पश्चिम बंगाल की भागमुंडी व कालिगंज सीटें शामिल हैं। इन सीटों पर या तो पिछले प्रतिनिधि के इस्तीफे या असामयिक निधन के चलते उपचुनाव कराए जा रहे हैं।
हर इलाके की अलग-अलग राजनीतिक पृष्ठभूमि है। कुछ सीटों पर लंबे समय से एक ही पार्टी का वर्चस्व रहा है, वहीं कुछ पर मुकाबला कांटे का है।
सुबह से दिखा वोटर्स का जोश
मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और पहले ही घंटे में कई बूथों पर लोगों की कतारें दिखने लगीं। गुजरात और बंगाल के कुछ इलाकों में मतदान प्रतिशत शुरुआती घंटों में ही 10% पार कर गया।
लुधियाना सेंट्रल में बुजुर्गों और युवाओं का उत्साह खास तौर पर देखने को मिला। वहीं नीलांबुर की गलियों में महिलाओं की भागीदारी भी खास रही। कुछ जगहों पर धूप की परवाह किए बिना मतदाता कतारों में खड़े दिखे।
Bypolls will be held tomorrow on 5 seats :
◾Gujarat – Visavadar
◾Gujarat – Kadi
◾Punjab – Ludhiana West
◾West Bengal – Kaliganj
◾Kerala – NilamburResults will be out on June 23.
What’s your prediction? 🗳️#Bypolls2024
— Desh Ka Verdict (@DeshKaVerdict) June 18, 2025
कौन-कौन हैं मैदान में?
हर सीट पर उम्मीदवारों की लिस्ट काफी दिलचस्प है। स्थानीय मुद्दों को ध्यान में रखते हुए पार्टियों ने ऐसे चेहरों को टिकट दिया है जो क्षेत्र की राजनीति में अपनी पकड़ रखते हैं।
- कड़ी और लुधियाना में मुख्य मुकाबला दो बड़े दलों के बीच माना जा रहा है।
- नीलांबुर में एक युवा चेहरा मैदान में है, जो पहली बार किस्मत आजमा रहा है।
- बंगाल की दोनों सीटों पर एक से ज्यादा पार्टियों की दावेदारी से मुकाबला बहुकोणीय बन गया है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
चुनाव आयोग और राज्य प्रशासन ने उपचुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष बनाने के लिए पूरी तैयारी की है। हरेक राज्य में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और संवेदनशील बूथों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
- सुरक्षा बलों की गश्त लगातार जारी है
- कई बूथों पर CCTV और वेबकास्टिंग के जरिए निगरानी
- हर जगह EVM और VVPAT की जांच कर शुरुआत की गई
हाल ही में सामने आई विदेश से लौटे छात्रों की बस व्यवस्था से जुड़ी अव्यवस्थाएं यह दर्शाती हैं कि सामान्य हालात में भी प्रशासन को उतनी ही गंभीरता दिखानी चाहिए जितनी चुनाव या आपात स्थिति में दिखाई जाती है।
अबकी बार क्या संकेत मिल सकते हैं?
23 जून को जब वोटों की गिनती होगी, तब यह पता चलेगा कि जनता ने किसे समर्थन दिया। यह उपचुनाव हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के बाद पहला बड़ा इम्तिहान है — न सिर्फ उम्मीदवारों के लिए बल्कि राजनीतिक दलों के लिए भी।
इन नतीजों से यह संकेत जरूर मिल सकता है कि आने वाले समय में मतदाताओं का मूड कैसा रह सकता है।
अब तक की बड़ी बातें – एक नजर में
- पांच सीटों पर मतदान हो रहा है
- सुबह से ही मतदाता उत्साहित
- मुख्य मुकाबले में कई नए और पुराने चेहरे
- सुरक्षा और प्रशासन ने सख्ती बरती
- नतीजे 23 जून को आएंगे
ये चुनाव क्यों अहम हैं?
हर उपचुनाव अपने-आप में भले छोटा लगे, लेकिन राजनीति में इसका असर बड़ा होता है। ये सीटें भले कम हों, पर इनसे पार्टी की ज़मीनी पकड़ का अंदाज़ा लग जाता है।
इन चुनावों के जरिए कई दल खुद को फिर से मजबूत करने की कोशिश में हैं, जबकि कुछ के लिए यह नई शुरुआत हो सकती है।
लोकतंत्र की असली ताकत है हर वोट
हर बार की तरह इस बार भी जनता ने दिखा दिया है कि लोकतंत्र में उसकी आस्था अटूट है। वोट डालना महज़ एक अधिकार नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी भी है। जब एक-एक वोट जुड़ते हैं, तभी एक मज़बूत सरकार बनती है।
अगर आप इन क्षेत्रों में हैं और अभी तक वोट नहीं डाला है, तो ज़रूर जाएं और लोकतंत्र के इस पर्व का हिस्सा बनें।