धमकी भरे ईमेल से दिल्ली में सनसनी
18 जुलाई की सुबह दिल्ली के कई स्कूलों को एक ऐसा ईमेल मिला, जिसने सभी को चौंका दिया। ईमेल की विषयवस्तु में साफ तौर पर लिखा गया था कि “I will erase every last one of you…” यानी “मैं तुम सभी को मिटा दूंगा”।
दिल्ली पुलिस को जैसे ही इस मेल की जानकारी मिली, तुरंत एक्शन में आ गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 45 से अधिक स्कूलों ने इस धमकी को रिपोर्ट किया। खास बात ये थी कि ऐसे ही मेल बेंगलुरु और कुछ अन्य शहरों में भी दर्ज किए गए हैं, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई।
इन धमकियों का असर सिर्फ स्कूलों तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि छात्रों, अभिभावकों और स्कूल प्रशासन के बीच दहशत का माहौल बन गया।
🔷 पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने धमकी की सूचना मिलते ही त्वरित प्रतिक्रिया दी। स्थानीय थानों, बम निरोधक दस्तों, डॉग स्क्वॉड और एनडीआरएफ की टीमें तुरंत स्कूलों में तैनात कर दी गईं।
हर स्कूल में तलाशी अभियान शुरू हुआ। अधिकारियों ने सबसे पहले यह सुनिश्चित किया कि किसी भी छात्र, शिक्षक या स्टाफ की सुरक्षा को खतरा न हो।
कई स्कूलों में बच्चों को अस्थायी रूप से छुट्टी देकर घर भेज दिया गया ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। इस कार्रवाई के दौरान कई स्कूल स्टाफ ने जिम्मेदारी के साथ स्थिति को संभाला, जो सराहनीय था।
🚨 Bomb threat in Delhi (via email):
• St Thomas School & St Stephen’s College targeted
• Campuses evacuated as a precaution
• Bomb squad, police, fire brigade on site
• No suspicious object found so far
• Children’s safety is the top priority#DelhiBombThreat… pic.twitter.com/tglwTjmpE8— Khushi Singh (@KhushiSing71889) July 15, 2025
🔷 बच्चों की सुरक्षा और स्कूलों की स्थिति
स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि रही। धमकी मिलते ही छात्रों को क्लासरूम से बाहर निकाला गया और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
अभिभावकों को तुरंत सूचित किया गया और कई जगहों पर स्कूल प्रशासन और पुलिस ने मिलकर evacuation drills को भी अंजाम दिया।
इस बीच कई स्कूलों ने सोशल मीडिया या मैसेज के ज़रिए अभिभावकों को आश्वस्त किया कि स्थिति पर पूरी नज़र रखी जा रही है।
कई स्कूलों को एहतियात के तौर पर दिनभर के लिए बंद भी कर दिया गया। स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के निर्देश भी प्रशासन द्वारा दिए गए।
🔷 ईमेल की जांच: साइबर सेल और मनोवैज्ञानिक पहलू
ईमेल की जांच अब साइबर सेल के हवाले है। पुलिस की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, धमकी भरे ईमेल का IP एड्रेस ट्रैक किया जा रहा है।
ईमेल की भाषा और शैली से ऐसा प्रतीत होता है कि ये किसी मानसिक तनाव या भ्रम से ग्रस्त व्यक्ति का कृत्य हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे ईमेल सिर्फ डर फैलाने के लिए भेजे जाते हैं लेकिन इनका उद्देश्य गंभीर हो सकता है।
साइबर एक्सपर्ट्स ने बताया कि यह मेल किसी VPN या अननोन सर्वर से भेजा गया है, जिससे ट्रैकिंग मुश्किल हो सकती है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।
🔷 हालिया घटनाओं से तुलना और अलर्ट सिस्टम की समीक्षा
पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली और अन्य महानगरों में इस तरह की धमकियों की घटनाएं बढ़ी हैं।
- मई 2023 में भी कुछ अंतरराष्ट्रीय स्कूलों को धमकी मिली थी
- जनवरी 2024 में एक नकली बम की अफवाह ने दिल्ली के एक स्कूल को खाली करवाया था
इन सभी घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि स्कूलों की सुरक्षा के लिए एक स्थायी समाधान जरूरी है।
इसी कड़ी में यह जरूरी बनता जा रहा है कि स्कूलों में Emergency Response Protocols तैयार किए जाएं और Mock Drills नियमित रूप से करवाई जाएं।
Over 20 schools in Delhi received bomb threat emails earlier this morning. All schools have been evacuated and search operations are currently underway.#bombthreat #Delhi #SpecialOps2 pic.twitter.com/M0fxzpsWoB
— Komal Punia (@punia_komal1) July 18, 2025
🔷 सरकार और जनता की प्रतिक्रिया
घटना के बाद आम लोगों में रोष और चिंता देखी गई। सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने सवाल उठाए कि अगर हर कुछ महीने में ऐसी घटनाएं होती हैं, तो सिस्टम को और मजबूत क्यों नहीं किया जाता?
हालांकि अभी तक किसी बड़े नेता या शिक्षा मंत्री का औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच और सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
🔷 विशेषज्ञों की राय और भविष्य की सुरक्षा रणनीतियाँ
सुरक्षा विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि सभी स्कूलों में अब AI-based surveillance systems, metal detectors, और entry monitoring अनिवार्य किए जाने चाहिए।
इसके अलावा, cyber threat awareness programs भी जरूरी हैं ताकि छात्र, शिक्षक और अभिभावक इस तरह की परिस्थितियों में सही निर्णय ले सकें।
स्कूलों को यह सिखाना जरूरी है कि ऐसी स्थिति में panic करने के बजाय SOPs का पालन किया जाए।
🔚 सामाजिक सतर्कता और जिम्मेदारी की जरूरत
ऐसी घटनाएं केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि समाज की भी ज़िम्मेदारी बनाती हैं। हमें मिलकर यह समझना होगा कि सुरक्षा सिर्फ पुलिस या सरकार की जिम्मेदारी नहीं है।
छात्रों की सुरक्षा को लेकर यदि हम समय रहते सजग नहीं हुए तो ऐसे खतरे बार-बार लौटेंगे।
आपको क्या लगता है — क्या स्कूलों में साइबर सुरक्षा और फिजिकल सुरक्षा दोनों को और बेहतर करने की जरूरत है?