अनिल कपूर की मां निर्मल कपूर का 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। यह दुखद समाचार सोमवार को सामने आया, जब उन्हें उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते मुंबई स्थित उनके घर पर अंतिम सांस लेते हुए देखा गया।
निर्मल कपूर, जो कि एक शांत और पारिवारिक जीवन जीती रहीं, अपने पीछे एक मजबूत और एकजुट कपूर परिवार को छोड़ गईं।
उनके बेटे बोनी कपूर, अनिल कपूर और संजय कपूर भारतीय फिल्म उद्योग की चर्चित हस्तियाँ हैं, और मां निर्मल जी को हमेशा उनके जीवन में प्रेरणास्त्रोत के रूप में देखा गया।
VIDEO | Mortal remains of Nirmal Kapoor reach Pawan Hans Crematorium cemetery in Mumbai, Maharashtra. Actor Arjun Kapoor and other family members are also there for the last rites.
Anil Kapoor’s mother Nirmal Kapoor died on Friday evening at a private hospital due to old… pic.twitter.com/mRR4D45myE
— Press Trust of India (@PTI_News) May 3, 2025
निर्मल कपूर: एक आदर्श मां, एक मजबूत स्तंभ
निर्मल कपूर केवल एक मां नहीं थीं, वह कपूर परिवार की नींव थीं।
उनका जीवन बहुत हद तक पारिवारिक मूल्यों और सादगी से जुड़ा रहा। उन्होंने बच्चों में जो अनुशासन, कर्तव्यपरायणता और पारिवारिक एकजुटता के मूल्य भरे, वही आज कपूर परिवार की पहचान हैं।
बोनी कपूर जैसे सफल निर्माता, अनिल कपूर जैसे बहुप्रशंसित अभिनेता, और संजय कपूर जैसे बहुमुखी कलाकार — सभी ने बार-बार यह स्वीकारा है कि उनके जीवन की नैतिकता और अनुशासन का श्रेय उनकी मां को जाता है।
अंतिम यात्रा में उमड़ा भावनाओं का सैलाब
सोमवार को मुंबई में आयोजित निर्मल कपूर की अंतिम यात्रा में भावनाओं का माहौल गमगीन था।
अनिल कपूर, बोनी कपूर और संजय कपूर के चेहरे पर स्पष्ट था कि वे एक बहुत बड़ी निजी क्षति से गुजर रहे हैं।
पारिवारिक करीबी, फिल्मी सितारे और शुभचिंतक इस मौके पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे। बोनी कपूर भावुक हो उठे और उनके चेहरे पर मां को खोने का दर्द साफ दिखाई दिया।
अनिल कपूर शांत और गहरे सोच में डूबे नजर आए, जो यह दिखाता है कि मां का जाना उनके लिए केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से तोड़ देने वाला क्षण था।
बॉलीवुड से आया भावनात्मक समर्थन
निर्मल कपूर के निधन की खबर फैलते ही बॉलीवुड से संवेदनाओं की बाढ़ आ गई।
प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर ने ट्वीट कर लिखा,
“एक मां का जाना केवल एक परिवार की क्षति नहीं होती, वह पूरे समाज के लिए दुखद होता है। निर्मल जी की आत्मा को शांति मिले।”
जावेद अख्तर, सोनम कपूर, अर्जुन कपूर, करिश्मा कपूर, तब्बू और फराह खान जैसी हस्तियों ने सोशल मीडिया पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
फिल्म जगत ने माना कि पर्दे के पीछे रहने वाली माताएं जैसे निर्मल कपूर, परिवारों की असली रीढ़ होती हैं।
इसी प्रकार, हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता मनोज कुमार की अंतिम यात्रा में भी इसी तरह का भावुक माहौल देखने को मिला। आप यहां क्लिक करके उस रिपोर्ट को पढ़ सकते हैं।
#NirmalKapoor, mother of #BoneyKapoor & #AnilKapoor passed away this evening. Last September she celebrated her 90th birthday with her entire family😢
May her soul rest in eternal peace 🙏🏻#BTownLife pic.twitter.com/lfgrDKPFpk
— B-Town Life (@BTownLife1) May 2, 2025
अनिल कपूर का मां से जुड़ा भावनात्मक पक्ष
अनिल कपूर कई इंटरव्यू में मां के प्रति अपने प्रेम और सम्मान का इज़हार कर चुके हैं।
एक बार उन्होंने कहा था:
“मां के बिना मेरी जिंदगी अधूरी है। उन्होंने ही मुझे जमीन से जोड़े रखा।“
बोनी कपूर भी अक्सर सोशल मीडिया पर मां की तस्वीरें साझा करते रहते थे, जिनमें उनका स्नेह साफ दिखाई देता था। उनका परिवार को एकजुट रखने का प्रयास हमेशा प्रेरणादायक रहा है।
निर्मल कपूर का निजी जीवन: सादगी और संस्कारों का प्रतीक
निर्मल कपूर एक साधारण लेकिन अत्यंत प्रभावशाली महिला थीं।
उन्होंने कभी लाइमलाइट की चाह नहीं रखी, लेकिन परिवार के हर सदस्य के जीवन में उनका प्रभाव स्पष्ट था।
कपूर परिवार का रीति-रिवाज़ों और भारतीय संस्कृति से जुड़ाव बहुत हद तक उनकी वजह से ही बना रहा।
त्योहारों पर पूरा परिवार एकत्र होता था, जिसमें उनकी भूमिका केंद्रीय होती थी।
कपूर परिवार की विरासत और निर्मल जी की भूमिका
कपूर परिवार भारतीय सिनेमा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसकी जड़ें पृथ्वीराज कपूर, राज कपूर और शम्मी कपूर जैसे दिग्गजों से जुड़ी हैं।
निर्मल कपूर ने इस विरासत को आधुनिक पीढ़ी तक बखूबी पहुँचाया।
उन्होंने अपने बेटों को वह संस्कार दिए, जिनसे वे केवल अभिनेता नहीं, बल्कि अच्छे इंसान बन सके।
फिल्मी दुनिया में एक मां की अनुपस्थिति
फिल्म इंडस्ट्री में मां का रोल पर्दे पर अक्सर देखा जाता है, लेकिन निर्मल कपूर जैसी माताएं पर्दे के पीछे वास्तविक नायक होती हैं।
उनकी ममता, सहनशीलता और आदर्श पालन से उनका योगदान फिल्म इंडस्ट्री में अप्रत्यक्ष रूप से अहम रहा।
आज जब फिल्मी परिवारों में रिश्तों की डोर कमज़ोर पड़ती जा रही है, निर्मल जी का जीवन एक आदर्श प्रस्तुत करता है कि कैसे परिवार को एकजुट रखा जा सकता है।
श्रद्धांजलि: एक युग की विदाई
निर्मल कपूर का जाना केवल एक मां का जाना नहीं है, बल्कि एक युग का अंत है।
उनके बच्चों और पोते-पोतियों में आज जो संस्कार और सफलता दिखाई देती है, वह निर्मल जी की परवरिश की झलक है।
इस अवसर पर हम सभी उनके जीवन से सीख लेते हुए यही कह सकते हैं —
“मां की छाया भले ही अब हमारे बीच नहीं रही, पर उनका आशीर्वाद जीवन भर साथ रहेगा।”
निष्कर्ष
निर्मल कपूर का जीवन सादगी, प्रेम और पारिवारिक एकता का प्रतीक रहा है।
उनका जाना एक व्यक्तिगत क्षति के साथ-साथ समाज के लिए भी एक सच्चे मार्गदर्शक की विदाई है।
उनकी आत्मा को शांति मिले, और कपूर परिवार को इस कठिन समय में धैर्य व संबल प्राप्त हो।