आसमान में छा गया ‘ब्लड मून’
रविवार रात का आकाश उस समय अद्भुत दृश्य का गवाह बना जब दुनिया भर में लोगों ने ‘ब्लड मून’ यानी लालिमा से भरे चंद्र ग्रहण का नजारा देखा। यह सिर्फ एक खगोलीय घटना नहीं बल्कि इंसान और प्रकृति के बीच संबंध का भी एहसास कराता है। भारत में भी लाखों लोगों ने इसे प्रत्यक्ष देखा, जबकि सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें और वीडियो लगातार वायरल होते रहे।
ब्लड मून क्या है?
जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, तब सूर्य की रोशनी सीधे चांद तक नहीं पहुँच पाती। लेकिन पृथ्वी का वायुमंडल उस रोशनी को मोड़कर चांद तक पहुँचाता है। इस प्रक्रिया में नीली रोशनी फ़िल्टर हो जाती है और लालिमा लिए किरणें चांद तक पहुँचती हैं, जिससे चंद्रमा रक्तवर्णी दिखाई देता है।
यही कारण है कि इसे आमतौर पर ‘Blood Moon’ कहा जाता है। यह दृश्य दुर्लभ होते हुए भी जब-जब घटित होता है, तो लोगों में खासा उत्साह भर देता है।
“When the sun of love rises, the light of the moon fades.”
Look up in the sky It’s a full moon today! 🌕
Tonight the moon will turn a deep red during a total lunar eclipse. “Red Moon” Blood Moon” #redmoon | #LunarEclipse pic.twitter.com/6YR2RAN5Xw
— Sumit (@SumitHansd) September 7, 2025
2025 का टोटल लूनर इक्लिप्स: समय और दृश्य
- यह पूर्ण चंद्र ग्रहण एशिया, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका के कई हिस्सों में साफ-साफ देखा गया।
- भारत में ग्रहण रात करीब 11:15 बजे शुरू हुआ और तड़के 3:30 बजे तक चला।
- सबसे अद्भुत क्षण वह था जब रात लगभग 1:45 बजे चांद पूरी तरह लाल हो गया।
कई जगहों पर मौसम साफ रहने की वजह से लोग खुले मैदानों और छतों पर जाकर इस खगोलीय घटना का आनंद लेते नजर आए।
भारत में ग्रहण का असर
भारत में दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों में लोगों ने इसे साफ तौर पर देखा। हालांकि दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में बादलों ने दृश्य को थोड़ा धुंधला कर दिया।
खगोल विज्ञान प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए यह एक सुनहरा अवसर रहा। कई विश्वविद्यालयों और वेधशालाओं ने इस दौरान विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए।
धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं
भारत में चंद्र ग्रहण को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं हैं।
- हिंदू परंपरा में ग्रहण के समय पूजा-पाठ और नए कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।
- कई लोग इस दौरान उपवास रखते हैं और ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके दान-पुण्य करते हैं।
- मंदिरों में इस समय विशेष प्रार्थनाएं और अनुष्ठान भी किए गए।
हालांकि, युवाओं और विज्ञान प्रेमियों के लिए यह ज्यादा खगोल विज्ञान का रोमांच रहा।
A ‘blood moon’ rose during a total lunar eclipse over Asia, Europe, and Africa, as stargazers marvelled at the sight.
— in pictures https://t.co/xcyNBZlz97 pic.twitter.com/ltmlyrfJG0
— Al Jazeera English (@AJEnglish) September 8, 2025
वैज्ञानिक और खगोलशास्त्रीय दृष्टिकोण
खगोलविदों के अनुसार, ब्लड मून का कोई अशुभ प्रभाव नहीं होता। यह सिर्फ प्रकाश के परावर्तन और वायुमंडलीय परतों का खेल है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि ऐसे अवसर पर पृथ्वी और ब्रह्मांड के बारे में अधिक जानने का मौका मिलता है। खगोल शास्त्रियों के लिए ब्लड मून अध्ययन का एक खास क्षण होता है, क्योंकि इससे पृथ्वी के वातावरण की स्थिति और प्रकाश के फैलाव के बारे में नई जानकारियाँ मिलती हैं।
सोशल मीडिया पर चर्चा
जैसे ही ब्लड मून दिखा, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इसकी तस्वीरें और वीडियो छा गए।
- ट्विटर पर #BloodMoon2025 और #ChandraGrahan ट्रेंड करने लगे।
- इंस्टाग्राम और फेसबुक पर लोगों ने अपनी छतों और खुले मैदानों से ली गई झलकियां शेयर कीं।
- भारत ही नहीं, दुनिया भर से इस अद्भुत दृश्य को लेकर उत्साह झलकता दिखा।
भविष्य के ग्रहण और ब्लड मून
खगोलविदों ने बताया है कि अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण 2026 में देखने को मिलेगा।
हालांकि ब्लड मून हर ग्रहण में नहीं दिखता, लेकिन जब-जब यह घटना घटती है, लोग इसे देखने के लिए देर रात तक जागते हैं।
यह न सिर्फ विज्ञान का विषय है बल्कि इंसानी जिज्ञासा और भावनाओं को भी जोड़ने वाला अनुभव है।
क्या आपने देखा यह नजारा?
2025 का ब्लड मून लोगों की स्मृति में लंबे समय तक रहेगा। यह खगोलीय घटना बताती है कि प्रकृति का हर पल अद्भुत और अनोखा होता है।
👉 अब सवाल आपसे – क्या आपने भी इस खूबसूरत लालिमा लिए चांद का नजारा देखा? हमें कमेंट में जरूर बताइए।




















