राजस्थान के दौसा जिले में सोमवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। एक पिकअप वैन ने तेज रफ्तार में हाईवे पर खड़े एक ट्रक को जोरदार टक्कर मार दी। इस भीषण टक्कर में 7 बच्चों समेत 10 लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई और चीख-पुकार के बीच राहत-बचाव कार्य शुरू हुआ।
घटना का समय और स्थान
यह हादसा सुबह के समय हुआ, जब सड़क पर ट्रैफिक अपेक्षाकृत कम था। पिकअप वैन में सवार लोग पास के कस्बे में एक धार्मिक आयोजन से लौट रहे थे। जैसे ही वैन दौसा के पास हाईवे से गुजर रही थी, वह सड़क किनारे खड़े एक ट्रक से टकरा गई।
सुबह का समय, कम ट्रैफिक और तेज रफ्तार का मेल इस हादसे का कारण बन गया।
हादसे की वजह और टक्कर का विवरण
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पिकअप वैन के ड्राइवर ने तेज रफ्तार में गाड़ी चला रखी थी। संभावना है कि या तो उसे नींद आ गई थी या उसने सामने खड़े ट्रक को देर से देखा। ट्रक सड़क किनारे बिना उचित चेतावनी संकेत के खड़ा था, जिससे टक्कर टालना मुश्किल हो गया।
गवाहों ने बताया कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वैन का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और यात्री अंदर फंस गए।
पीड़ितों की जानकारी
मृतकों में 7 बच्चे और 3 वयस्क शामिल हैं। घायलों में से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ घायलों को बेहतर इलाज के लिए जयपुर रेफर किया गया है।
अस्पताल में कई की हालत नाजुक बनी हुई है।
VIDEO | Dausa, Rajasthan: At least 10 people killed, and several others injured after the pick-up van they were travelling in collided with container truck early morning. Sagar Rana, Superintendent of Police, Dausa, says, “We have received information that at least 10 people have… pic.twitter.com/pnLdcY5mA5
— Press Trust of India (@PTI_News) August 13, 2025
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं। क्रेन और गैस कटर की मदद से गाड़ी में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया। घायलों को एंबुलेंस के जरिए तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।
पुलिस ने ट्रक ड्राइवर और पिकअप वैन ड्राइवर के खिलाफ लापरवाही से मौत का मामला दर्ज किया है और आगे की जांच जारी है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद गांव और आसपास के क्षेत्रों में मातम का माहौल है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हाईवे पर खड़े ट्रकों के लिए उचित पार्किंग व्यवस्था और चेतावनी संकेत जरूरी हैं, ताकि इस तरह के हादसे टाले जा सकें।
इससे पहले भी प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं, जैसे हाल ही में सामने आए वॉशिंगटन में नेशनल गार्ड तैनाती और बल प्रयोग के मामले में देखा गया था।
ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू किया जाए।
सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक चुनौतियां
राजस्थान में पिछले कुछ सालों में सड़क हादसों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। कई बार हादसों की वजह तेज रफ्तार और सड़क किनारे खड़े भारी वाहनों का सही तरीके से संकेत न देना होती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क पर खड़े भारी वाहनों के लिए सख्त नियम और पर्याप्त चेतावनी संकेत आवश्यक हैं, ताकि आने वाले वाहनों को समय रहते सावधान किया जा सके।
सबक और अपील
यह हादसा एक बार फिर याद दिलाता है कि सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है। ड्राइवरों को न केवल रफ्तार पर नियंत्रण रखना चाहिए, बल्कि थकान की हालत में गाड़ी चलाने से बचना चाहिए।
प्रशासन को भी चाहिए कि वह हाईवे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे और गलत तरीके से खड़े वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
सड़क पर सावधानी और जिम्मेदारी ही हादसों से बचने का सबसे बड़ा उपाय है।