उत्तराखंड की राजधानी देहरादून इस समय मूसलाधार बारिश और बादल फटने जैसी घटनाओं से जूझ रही है। पिछले कई घंटों से जारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। तामसा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और आसपास के इलाके जलमग्न हो चुके हैं। खासकर Tapkeshwar महादेव मंदिर परिसर में पानी घुसने से श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सावधान रहने की अपील की है। लगातार बढ़ते जलस्तर और भारी बारिश ने प्रशासन को अलर्ट मोड पर ला दिया है। राहत और बचाव दल प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।
बादल फटने और तेज बारिश का असर
देहरादून और आसपास के इलाकों में पिछले 24 घंटों से लगातार तेज बारिश हो रही है। कई क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाएँ भी सामने आई हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
- सड़कों पर जगह-जगह मलबा और पानी भरने से यातायात प्रभावित है।
- पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएँ दर्ज की गई हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों में कई कच्चे मकान ढहने की खबरें आई हैं।
लोगों का कहना है कि बारिश की तीव्रता सामान्य से कहीं अधिक है और कई बार तो यह मूसलाधार बारिश अचानक तेज़ होकर बादल फटने जैसी स्थिति पैदा कर देती है।
#WATCH | Uttarakhand | Tamsa river in spate and Tapkeshwar Mahadev temple inundated as heavy rainfall lashes Dehradun.
Temple priest Acharya Bipin Joshi says, “The river started flowing heavily since 5 AM, the entire temple premises were submerged… This kind of situation had… pic.twitter.com/4E6PhKBM6K
— ANI (@ANI) September 16, 2025
तामसा नदी का उफान और Tapkeshwar महादेव मंदिर
देहरादून में स्थित तामसा नदी इस वक्त उफान पर है। नदी के जलस्तर बढ़ने से Tapkeshwar महादेव मंदिर परिसर पूरी तरह जलमग्न हो गया है।
- मंदिर की सीढ़ियों तक पानी भर गया है।
- आसपास की दुकानें और छोटे होटल भी जलभराव की चपेट में आए हैं।
- श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में जाने से रोका गया है।
Tapkeshwar मंदिर धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण स्थल है। हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ आते हैं। मंदिर परिसर में पानी भर जाने से स्थानीय लोगों और भक्तों में चिंता का माहौल है।
प्रशासन और मुख्यमंत्री धामी की समीक्षा
स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित इलाकों में तुरंत सहायता पहुँचाई जाए।
- SDRF और NDRF की टीमें तैनात कर दी गई हैं।
- जिन इलाकों में पानी का स्तर अधिक है, वहाँ से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है।
- प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसी भी हालत में लोगों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा और सभी विभाग मिलकर राहत कार्य करेंगे।
जनजीवन पर असर
देहरादून की भारी बारिश ने आम लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है।
- स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद कर दिए गए हैं।
- कई बाजार और दुकानें पानी में डूब गई हैं, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली और मोबाइल नेटवर्क की समस्या उत्पन्न हो गई है।
लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है, वहीं सड़क मार्ग बाधित होने से यातायात ठप पड़ गया है।
#WATCH | Uttarakhand | Tamsa river in full spate as heavy rainfall lashes Dehradun.
1-2 feet of debris has accumulated in the Tapkeshwar Mahadev Shivalinga complex, and there has been a lot of damage in the temple premises. pic.twitter.com/jR8AiTp7EA
— ANI (@ANI) September 16, 2025
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग का कहना है कि अगले कुछ घंटों में भी तेज बारिश जारी रहने की संभावना है।
- पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।
- नदियों और नालों का जलस्तर और बढ़ सकता है।
- तेज हवाएँ चलने की भी संभावना जताई गई है।
IMD ने लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी है।
पिछले अनुभव और सीख
उत्तराखंड में मानसून के दौरान इस तरह की घटनाएँ नई नहीं हैं। 2013 की त्रासदी से लेकर अब तक राज्य कई बार ऐसी आपदाओं से जूझ चुका है।
- हर बार यह साबित होता है कि पहाड़ी राज्यों को बेहतर आपदा प्रबंधन व्यवस्था की आवश्यकता है।
- समय पर चेतावनी और त्वरित राहत कार्य ही बड़े नुकसान से बचा सकते हैं।
- स्थानीय लोगों को भी आपदा से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।
सरकार की भूमिका पर नजर
इससे पहले भी जब हिमाचल और पंजाब में बाढ़ जैसी स्थिति बनी थी, तब प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। उस समय का विस्तृत विवरण ज़ीहुलचल की पिछली रिपोर्ट पीएम मोदी का हिमाचल और पंजाब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा में देखा जा सकता है।
इसी तरह, देहरादून की मौजूदा स्थिति में भी सरकार की भूमिका अहम है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर राहत और बचाव कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ा रही हैं।
निष्कर्ष
देहरादून इस समय प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। भारी बारिश, बादल फटना और नदियों का उफान मिलकर एक गंभीर संकट खड़ा कर रहे हैं। प्रशासन और राहत एजेंसियाँ लगातार काम कर रही हैं, लेकिन चुनौतियाँ बड़ी हैं।
पाठकों के लिए सवाल:
क्या आपको लगता है कि उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन और चेतावनी प्रणाली को और मजबूत करने की ज़रूरत है? अपने विचार कमेंट में ज़रूर साझा करें।