तेलुगु सिनेमा में जब किसी स्टार की नई फिल्म की घोषणा होती है, तो उसके साथ चर्चाओं का सिलसिला शुरू हो जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ पवन कल्याण की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘हरी हरा वीरा मल्लू’ के साथ। यह फिल्म अपने ऐतिहासिक बैकड्रॉप, स्टारकास्ट और मेकिंग टाइमलाइन को लेकर पहले से ही चर्चा में थी, लेकिन अब जो सबसे ज्यादा ध्यान खींच रहा है, वो है पवन कल्याण की फीस को लेकर चल रही अफवाहें।
क्या वाकई पवन कल्याण ने फीस घटाई?
बीते कुछ समय से मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा था कि पवन कल्याण ने इस फिल्म के लिए अपनी फीस में भारी कटौती की है। कुछ चर्चाओं में तो यह भी कहा गया कि उन्होंने पूरी फीस ही छोड़ दी है। इन बातों ने फैन्स के बीच उत्सुकता बढ़ा दी, लेकिन इन अफवाहों की हकीकत क्या है?
पवन कल्याण का साफ-साफ जवाब
अंततः पवन कल्याण ने खुद इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि फिल्म हिट होती है या नहीं, उसी आधार पर वे फीस पर विचार करेंगे। यानी, उन्होंने अभी तक कोई भुगतान नहीं लिया है और फिल्म की सफलता के बाद ही वो आगे तय करेंगे कि भुगतान लेना है या नहीं।
यह बयान जितना सादा है, उतना ही यह उनके व्यक्तित्व और सोच को दर्शाता है। बतौर अभिनेता और एक जिम्मेदार राजनीतिक नेता, पवन कल्याण ने यह कदम शायद सोच-समझकर ही उठाया है।
#HariHaraVeeraMallu climax portions
A whopping ₹25CR was spent on this 22-minute sequence
Action choreography and Direction by #PawanKalyan himself
“Some say I might not focus on films because of my involvement in politics, but this film – especially this sequence – I did… pic.twitter.com/V5TdQsXYUe
— Daily Culture (@DailyCultureYT) July 22, 2025
बजट और प्रोडक्शन में बदलाव
यह फिल्म लंबे समय से बन रही है। प्रोडक्शन हाउस पर आर्थिक दबाव भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। फिल्म के स्केल को देखते हुए इसमें कई बार बदलाव हुए हैं, और शायद इसी वजह से पवन ने अपनी ओर से सहयोग देने का निर्णय लिया।
उनका यह कदम इंडस्ट्री में एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है। जहां कई अभिनेता फीस को लेकर सख्त रुख अपनाते हैं, वहीं पवन कल्याण ने कहानी और फिल्म की सफलता को प्राथमिकता दी।
दर्शकों की उम्मीदें और राजनीतिक जिम्मेदारियां
पवन कल्याण न केवल एक सुपरस्टार हैं, बल्कि एक सक्रिय राजनीतिक नेता भी हैं। उनके पास जनसेना पार्टी की जिम्मेदारियां भी हैं। इस फिल्म को उन्होंने राजनीतिक व्यस्तताओं के बीच पूरा किया है, जो अपने-आप में एक बड़ा उदाहरण है।
उनके फैन्स को उम्मीद है कि ये फिल्म उनके करियर की एक और बड़ी हिट साबित होगी, और इस बयान ने उनकी छवि को और भी मजबूत किया है।
‘हरी हरा वीरा मल्लू’ को मिल रही शुरुआती प्रतिक्रियाएं
जहां एक ओर पवन कल्याण के बयान ने सुर्खियां बटोरी हैं, वहीं दूसरी ओर फिल्म को लेकर दर्शकों की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है। कुछ दर्शकों ने फिल्म की स्पीड और स्क्रीनप्ले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है, जबकि कुछ ने निधि अग्रवाल की परफॉर्मेंस की तारीफ की है।
इस बीच, हाल ही में रिलीज हुई एक और फिल्म ‘अय्यारा’ ने बॉक्स ऑफिस पर ₹20 करोड़ की ओपनिंग की है, जिससे यह साफ होता है कि साउथ सिनेमा के लिए दर्शकों में उत्साह बना हुआ है। पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें।
The temple scene was a statement from Pawan Kalyan sir 🔥🔥🔥
PS – Don’t fall for the paid online negativity go experience #HariHaraVeeraMallu in theatres. Don’t miss it! 🙏🏻
☪️onver✝️s 😂 Cry more 🤡#Pawanakalyan | #BlockBusterHHVM pic.twitter.com/thaf3NURaf— Cosmoshiv 🚩 (@TrinetraWrath) July 24, 2025
क्या यह फैसला नया ट्रेंड सेट करेगा?
पवन कल्याण का यह फैसला फिल्म इंडस्ट्री में एक नई सोच का प्रतीक हो सकता है। खासकर तब जब कई फिल्में अपने बजट की वजह से रुक जाती हैं, ऐसे में अगर कोई बड़ा स्टार अपनी फीस कम करता है, तो यह कई छोटी फिल्मों को राहत दे सकता है।
क्या बाकी अभिनेता भी इससे प्रेरणा लेंगे? क्या प्रोड्यूसर्स के साथ इस तरह का तालमेल आने वाले समय में और फिल्मों को मदद देगा? ये सवाल अब इंडस्ट्री में उठने लगे हैं।
एक संतुलित सोच: कलाकार और नेता
पवन कल्याण के इस कदम को सिर्फ फीस कटौती के रूप में नहीं देखा जा सकता। यह उनके समर्पण, दृष्टिकोण और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है। जिस तरह उन्होंने राजनीति और सिनेमा के बीच संतुलन बनाकर रखा है, वह वाकई प्रेरणादायक है।
उनके इस रुख से यह भी स्पष्ट होता है कि वे केवल ग्लैमर या पैसे के पीछे नहीं हैं, बल्कि वे उस सिनेमा में विश्वास करते हैं जो दर्शकों के दिल तक पहुंचे।
एक मिसाल या रणनीति?
कई लोग इस फैसले को “रणनीतिक” मान सकते हैं, ताकि फिल्म को ज्यादा मीडिया अटेंशन मिले। लेकिन जिन लोगों ने पवन कल्याण को नजदीक से जाना है, वे मानते हैं कि यह उनका स्वभाव है – सादगी और जिम्मेदारी का मेल।
जो भी हो, इस फैसले ने निश्चित रूप से इंडस्ट्री में एक नई बहस को जन्म दिया है। यह देखना रोचक होगा कि फिल्म की सफलता के बाद पवन क्या निर्णय लेते हैं और क्या ये ट्रेंड अन्य फिल्मों में भी दिखेगा।
पाठकों से सवाल:
क्या आप मानते हैं कि पवन कल्याण का यह कदम साउथ सिनेमा में नई मिसाल बन सकता है? नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर बताएं।




















