महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए नवी मुंबई में एक अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सिटी की स्थापना की योजना बनाई है। यह परियोजना देश में पहली बार इस स्तर पर शिक्षा क्षेत्र में वैश्विक भागीदारी को मूर्त रूप देने जा रही है। इसका उद्देश्य न केवल उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को देश में लाना है, बल्कि छात्रों को वैश्विक अवसर भी प्रदान करना है।
राज्य सरकार का उद्देश्य शिक्षा को वैश्विक मंच से जोड़ना है। इस एजुकेशन सिटी में आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट क्लासरूम, इनोवेशन लैब्स और वैश्विक मानकों के अनुरूप कोर्स उपलब्ध कराए जाएंगे।
वैश्विक सहयोग से शिक्षा में नयापन
राज्य सरकार ने पांच प्रमुख अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ प्रारंभिक सहमति पत्र (LoI) के माध्यम से साझेदारी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह सहयोग भारत के शिक्षा क्षेत्र में पहली बार इतनी व्यापक स्तर पर देखने को मिलेगा। इन संस्थानों का चयन उनकी वैश्विक रैंकिंग, शोध की गुणवत्ता और विविध पाठ्यक्रमों के आधार पर किया गया है।
यह सहयोग भविष्य की स्किल-बेस्ड शिक्षा को दिशा देगा। साझेदारी से शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा, साथ ही विद्यार्थियों को वैश्विक नेटवर्क, इंटर्नशिप और रिसर्च के अवसर मिलेंगे।
भारत में अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों का प्रथम शैक्षणिक हब होगा मुंबई/नवी मुंबई में !
पांच विदेशी विश्वविद्यालयों का एलओआइ समारोह
🗓️दि. १४ जून २०२५#MumbaiRising #InternationalEducationCity #UGC #HigherEducation #GlobalCampuses #StudyInIndia #cidco #navimumbai pic.twitter.com/BGAMo4DlHB— MAHARASHTRA DGIPR (@MahaDGIPR) June 14, 2025
किस क्षेत्र में विकसित होगी यह शिक्षा नगरी?
एजुकेशन सिटी को नवी मुंबई के विशेष आर्थिक क्षेत्र के अंतर्गत विकसित किया जाएगा। यहां लगभग 150 एकड़ भूमि को इस प्रोजेक्ट के लिए चिन्हित किया गया है। निर्माण कार्य में पर्यावरण-संवेदनशीलता का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। यह क्षेत्र यातायात, परिवहन और अन्य शहरी सुविधाओं से जुड़ा हुआ है, जिससे छात्रों और शिक्षकों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
यह परियोजना छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए उत्कृष्ट माहौल प्रदान करेगी।
नई शिक्षा नीति के अनुरूप योजनाएं
यह एजुकेशन सिटी भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप तैयार की जा रही है। इसमें इंटरडिसिप्लिनरी शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट, तकनीकी दक्षता और वैश्विक सहयोग को मुख्य आधार बनाया गया है। राज्य सरकार का इरादा है कि यह सिटी केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम न बने, बल्कि छात्रों को नवाचार, अनुसंधान और उद्यमशीलता के लिए प्रेरित करे।
यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर साकार करेगा।
यहां पर स्किल्स यूनिवर्सिटी, स्टार्टअप इन्क्यूबेशन सेंटर और रिसर्च पार्क जैसे संस्थान भी विकसित किए जाएंगे जो शिक्षा के साथ-साथ उद्योग को भी बढ़ावा देंगे।
नवी मुंबईत महाराष्ट्र शासनाकडून आंतरराष्ट्रीय एज्युकेशन सिटीची उभारणी ५ विदेशी विद्यापीठांना देण्यात येणार इरादापत्र Maharashtra Government creating an International Education City at Navi Mumbai Letter of Intent to Top 5 Foreign Universities#cidcoupdates@VIJAY_SINGHAL30… pic.twitter.com/KIA1Fb43FG
— CIDCO Ltd (@CIDCO_Ltd) June 13, 2025
युवाओं के लिए वैश्विक पढ़ाई के द्वार खुलेंगे
इस एजुकेशन सिटी से ग्रामीण, शहरी और अर्ध-शहरी सभी क्षेत्रों के छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सुलभ होगी। विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत में आ जाने से छात्रों को विदेश जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी और वे घर बैठे ही अंतरराष्ट्रीय स्तर की डिग्री, कोर्स और प्रमाणन प्राप्त कर सकेंगे।
अब देश में ही विदेशी स्तर की शिक्षा संभव होगी।
- महिलाओं के लिए विशेष छात्रवृत्तियां
- अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए विशेष आरक्षण और योजनाएं
- डिजिटल क्लासरूम, 24×7 पुस्तकालय और विश्वस्तरीय रिसर्च लैब्स
इस योजना से सिर्फ छात्र ही नहीं, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी रोजगार, व्यवसाय और प्रशिक्षण के नए अवसर प्राप्त होंगे।
कब तक साकार होगा यह सपना?
एजुकेशन सिटी को चरणबद्ध तरीके से तैयार किया जाएगा। पहले चरण में 2 वर्ष के भीतर आधारभूत ढांचे का निर्माण और कुछ शैक्षणिक संस्थानों की शुरुआत का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद अगले 3 वर्षों में इसे पूरी तरह कार्यात्मक बनाने की योजना है।
इस शिक्षा सिटी का निर्माण चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा।
CIDCO और राज्य सरकार मिलकर भूमि आवंटन, प्लानिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर संयुक्त रूप से कार्य करेंगे।
शिक्षा से जुड़े सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन
इस प्रोजेक्ट से राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा मिलेगी। स्थानीय लोगों को निर्माण, प्रशासन, सेवा और तकनीकी क्षेत्रों में रोजगार मिलेगा। साथ ही यह शिक्षा सिटी तकनीकी, स्वास्थ्य, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता विकसित करने में सहायक होगी। वैसे ही जैसे भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को बढ़ावा देने वाली यात्राओं का महत्व होता है, जैसे जगन्नाथ रथ यात्रा 2025, उसी तरह यह एजुकेशन सिटी भी भारत की वैश्विक शैक्षिक पहचान को मजबूत करेगी।
यह पहल महाराष्ट्र को शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी।
यह परियोजना सिर्फ एक इमारत नहीं है, बल्कि एक सोच है — जहां छात्र केवल पढ़ाई नहीं करेंगे, बल्कि दुनिया को बदलने की क्षमता भी विकसित करेंगे।
एक नई शैक्षणिक क्रांति की शुरुआत
राज्य सरकार की यह पहल न केवल शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय मंच से जोड़ेगी, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर और वैश्विक नागरिक बनने के लिए प्रेरित करेगी।
यह योजना भारत को वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर स्थापित कर सकती है।
भविष्य में यह एजुकेशन सिटी न केवल छात्रों को लाभ देगी, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए एक नायक की तरह कार्य करेगी।