कभी विज्ञान-कथा में सुनी गई बातें आज हकीकत में बदल रही हैं। हाल ही में Google DeepMind के CEO डेमिस हासाबिस (Demis Hassabis) ने एक ऐसा दावा किया है, जिसने दुनिया भर के वैज्ञानिकों, टेक एक्सपर्ट्स और आम लोगों के बीच हलचल मचा दी है। उनका कहना है कि आने वाले 10 वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इतनी उन्नत हो जाएगी कि वह सभी बीमारियों का इलाज ढूंढ सकती है।
इतना ही नहीं, इस दावे को Perplexity AI के CEO अरविंद श्रीनिवास (Aravind Srinivas) का भी समर्थन मिला है। अब सवाल उठता है — क्या वाकई AI वो कर सकता है, जो सदियों से चिकित्सा विज्ञान नहीं कर पाया?
🔬 डेमिस हासाबिस का विज़न: AI से चिकित्सा में क्रांति
Demis Hassabis न सिर्फ Google DeepMind के सह-संस्थापक हैं, बल्कि एक नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक भी हैं। CBS के प्रसिद्ध शो ‘60 Minutes’ में उन्होंने कहा:
“एक औसत दवा बनाने में आज 10 साल और अरबों डॉलर खर्च होते हैं। AI की मदद से हम ये प्रक्रिया महीनों या हफ्तों में पूरी कर सकते हैं।”
उनका मानना है कि आने वाले 5-10 सालों में AI चिकित्सा जगत को पूरी तरह बदल सकता है, और शायद एक दिन हर बीमारी का इलाज खोजा जा सकेगा।
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🤝 Perplexity AI के CEO का समर्थन
Perplexity AI के CEO अरविंद श्रीनिवास, जो खुद Google के प्रतिद्वंदी माने जाते हैं, उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर Hassabis के इंटरव्यू का वीडियो साझा करते हुए लिखा:
“Demis एक जीनियस हैं। उन्हें इस मिशन के लिए दुनिया के सभी संसाधन मिलने चाहिए।”
यह समर्थन इसलिए खास है क्योंकि टेक इंडस्ट्री में प्रतियोगी कंपनियों के सीईओ आमतौर पर एक-दूसरे की तारीफ नहीं करते। यह AI के क्षेत्र में Hassabis के प्रभाव को दर्शाता है।
Demis Hassabis (@demishassabis), CEO of Google DeepMind, was on 60 Minutes last night
AGI is close. He says AI will reason, imagine, become self-aware. It will cure disease, end scarcity, and transform science but only if we build guardrails to keep it aligned with human values pic.twitter.com/IOGlBuwtFD
— Eric Conner (@econoar) April 21, 2025
🧬 AlphaFold: AI का गेमचेंजर प्रोजेक्ट
DeepMind का AlphaFold एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसने वैज्ञानिकों की सोच को ही बदल दिया है। AlphaFold ने मात्र एक साल में 200 मिलियन से अधिक प्रोटीन संरचनाओं की भविष्यवाणी कर दी। पहले यह काम करने में एक पीएचडी छात्र को 4-5 साल लगते थे।
यह उपलब्धि इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि:
- प्रोटीन संरचना समझने से बीमारी का कारण पता चलता है।
- इसी आधार पर दवाएं डिज़ाइन की जा सकती हैं।
- यह दवा खोजने की प्रक्रिया को काफी तेज कर सकता है।
🧠 Astra और Genie: अगली पीढ़ी के AI असिस्टेंट्स
DeepMind ने ऐसे AI मॉडल्स बनाए हैं जो केवल सवालों का जवाब नहीं देते, बल्कि देख सकते हैं, सुन सकते हैं और समझ भी सकते हैं।
🔹 Astra
- किसी दृश्य को देखकर उसका विश्लेषण करता है।
- कला, फोटो, टेक्स्ट सभी का समझदार जवाब देता है।
- रीयल टाइम में बातचीत कर सकता है।
🔹 Genie 2
- केवल एक स्टैटिक इमेज से पूरा 3D वर्ल्ड बना सकता है।
- गेमिंग और साइंटिफिक रिसर्च दोनों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
ये दोनों मॉडल्स इस दिशा में संकेत हैं कि AI अब सिर्फ एक चैटबॉट नहीं, बल्कि एक सहयोगी वैज्ञानिक बन सकता है।
🧠 AGI की ओर कदम: इंसान जैसा सोचने वाला AI
Hassabis का अगला बड़ा सपना है AGI यानी Artificial General Intelligence — ऐसा AI जो इंसानों की तरह सोच सके, लेकिन हजारों गुना तेजी से।
DeepMind का Gemini प्रोजेक्ट इस दिशा में काम कर रहा है। यह:
- ऑनलाइन टिकट बुक कर सकता है।
- ई-कॉमर्स खरीदारी कर सकता है।
- रोज़मर्रा के फैसले ले सकता है।
यदि यह सफल होता है, तो AI हमारे जीवन का सबसे भरोसेमंद सहायक बन सकता है।
🏥 हेल्थकेयर में AI का मौजूदा योगदान
AI पहले से ही हेल्थकेयर में कई बड़े काम कर रहा है:
- स्कैन से ट्यूमर की पहचान
- हार्ट अटैक प्रेडिक्शन
- मेडिकल डाटा एनालिसिस
AI की मदद से दवाओं की खोज 90% तक तेज हो सकती है। Hassabis के अनुसार, यह सिर्फ एक शुरुआत है।
🤔 क्या हर बीमारी का इलाज संभव है? उम्मीद बनाम हकीकत
रिपोर्ट में Parkinson’s बीमारी से जूझ रहे Rory Cellan-Jones के अनुभव का उल्लेख है। उनका मानना है कि:
- AI आशाजनक जरूर है, लेकिन क्लीनिकल ट्रायल्स की रफ्तार अभी भी धीमी है।
- नई दवाएं खोजी जरूर जाती हैं, लेकिन उन्हें बाजार में लाने में सालों लगते हैं।
- AI को अपनाने के लिए हेल्थकेयर सिस्टम को भी तेज़ी से अपडेट होना होगा।
इसका मतलब है कि तकनीकी उन्नति के साथ-साथ संस्थागत बदलाव भी ज़रूरी हैं।
📌 निष्कर्ष
Demis Hassabis का यह सपना केवल एक वैज्ञानिक कल्पना नहीं है। यह एक चेतावनी है, एक संभावना है — कि अगर हम सही दिशा में चलते रहें, तो AI न सिर्फ हमारी ज़िंदगी आसान बना सकता है, बल्कि उसे लंबा और स्वस्थ भी बना सकता है।
क्या यह भविष्य वास्तव में 10 साल दूर है? या ये सिर्फ एक और ‘टेक्नोलॉजिकल हाइप’ है?
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