इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच से पहले टीम इंडिया की संभावित प्लेइंग XI को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस बार सुर्खियों में हैं पूर्व क्रिकेटर और IPL में सक्रिय रणनीतिकार गौतम गंभीर, जिन्होंने अपनी पसंदीदा भारतीय टीम की घोषणा की है। लेकिन जो सबसे चौंकाने वाली बात रही, वह थी इस टीम में कुलदीप यादव का नाम न होना और साथ ही शुभमन गिल तथा करुण नायर जैसे खिलाड़ियों को भी नंबर 3 पर जगह न मिलना।
🔍 गंभीर की Playing XI में कौन-कौन शामिल?
गौतम गंभीर ने जिस टीम का ऐलान किया है, उसमें कई नए नाम तो हैं लेकिन कई अनुभवी और हालिया फॉर्म में चल रहे खिलाड़ियों को नजरअंदाज किया गया है। आइए नजर डालते हैं उनकी टीम पर:
- रोहित शर्मा (कप्तान)
- यशस्वी जायसवाल
- चेतेश्वर पुजारा
- विराट कोहली
- श्रेयस अय्यर
- ऋषभ पंत (विकेटकीपर)
- रविंद्र जडेजा
- रविचंद्रन अश्विन
- जसप्रीत बुमराह
- मोहम्मद सिराज
- मुकेश कुमार
इस Playing XI में स्पिन विभाग की जिम्मेदारी जडेजा और अश्विन पर है, वहीं तेज गेंदबाजी में बुमराह, सिराज और मुकेश कुमार को शामिल किया गया है।
👉 आप हमारी इसी से जुड़ी रिपोर्ट भी पढ़ सकते हैं जहां हमने चयन के पीछे की रणनीति का विश्लेषण किया था।
❌ कुलदीप यादव को क्यों किया गया बाहर?
कुलदीप यादव, जिन्होंने हाल ही में शानदार प्रदर्शन किया है, उन्हें टीम में न देखना क्रिकेट प्रेमियों के लिए हैरानी की बात रही। कुलदीप की लेफ्ट आर्म चाइनामैन बॉलिंग ने पिछले कुछ महीनों में बल्लेबाजों को खूब परेशान किया है।
लेकिन गंभीर ने अपने चयन में शायद यह मान लिया है कि इंग्लैंड की पिचों पर लेफ्ट आर्म स्पिनर्स को उतना सपोर्ट नहीं मिलेगा। साथ ही, जडेजा और अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की मौजूदगी ने कुलदीप के लिए जगह कम कर दी।
❓ नंबर 3 पर Gill या Nair को मौका क्यों नहीं?
नंबर 3 की पोजिशन टेस्ट क्रिकेट में सबसे अहम मानी जाती है। यहां पर खेलने वाले बल्लेबाज को एक मजबूत बैकबोन की तरह टीम को संभालना होता है। लेकिन गंभीर की टीम में ना शुभमन गिल को मौका मिला और ना ही करुण नायर को।
शुभमन गिल का हालिया फॉर्म भले ही उतार-चढ़ाव भरा रहा हो, लेकिन उनकी तकनीक और काबिलियत किसी से कम नहीं है। वहीं करुण नायर, जिन्होंने रणजी ट्रॉफी में लगातार रन बनाए हैं, उनको भी नजरअंदाज कर देना थोड़ा चौंकाने वाला फैसला है।
गंभीर ने इस नंबर 3 के स्लॉट के लिए शायद पुजारा को चुनकर अनुभव को तवज्जो दी है, जो फिलहाल काउंटी क्रिकेट में भी अच्छी लय में हैं।
Kuldeep Out, No Gill Or Nair At No. 3: Gambhir Sent Blunt India XI Message https://t.co/sc8hYGKE9c pic.twitter.com/Oi4D8Fn0m7
— CricketNDTV (@CricketNDTV) June 12, 2025
🔎 गंभीर का नजरिया: सोच समझकर लिया फैसला या ज्यादा जोखिम?
गौतम गंभीर अपने बिंदास और खुलकर बोलने वाले स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। IPL और घरेलू क्रिकेट में उनके कई फैसले विवादों में रहे हैं लेकिन कुछ ने शानदार परिणाम भी दिए हैं।
इस Playing XI में उनका फोकस अनुभव और स्थिरता पर दिख रहा है। हालांकि, कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह टीम बहुत ज्यादा “safe” खेल रही है और bold बदलाव की जरूरत थी, ताकि इंग्लैंड जैसी टीम के सामने नया और चौंकाने वाला कॉम्बिनेशन पेश किया जा सके।
🌍 इंग्लैंड के खिलाफ भारत की रणनीति कैसी दिख रही है?
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही है। गेंदबाजी के लिहाज से जहां बुमराह और सिराज जैसे आक्रमक तेज गेंदबाज मौजूद हैं, वहीं स्पिन में अश्विन-जडेजा की जोड़ी विश्व स्तरीय मानी जाती है। हालांकि, बुमराह का हालिया वर्कलोड और फिटनेस को लेकर चिंता भी बनी हुई है, खासकर जब टीम इंडिया एक नए युग में प्रवेश कर रही है। इस मुद्दे पर विस्तार से हमारी यह रिपोर्ट जरूर पढ़ें, जिसमें बताया गया है कि कैसे बुमराह की भूमिका टीम के भविष्य को प्रभावित कर सकती है।
हालांकि, युवा खिलाड़ियों को नजरअंदाज करने की रणनीति कहीं ना कहीं भविष्य की तैयारी को धीमा कर सकती है। खासतौर पर कुलदीप जैसे बॉलर जो middle overs में breakthroughs निकाल सकते हैं।
🧠 क्या यह Playing XI वाकई सही है?
गंभीर की टीम संतुलित जरूर दिख रही है लेकिन युवा खिलाड़ियों के ना होने की कमी भी महसूस होती है। खासकर जब रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू स्तर पर अच्छे प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ी टीम से बाहर हो जाते हैं, तो कई सवाल खड़े होते हैं।
शायद चयनकर्ताओं को चाहिए कि ऐसे खिलाड़ियों को मौका मिले जो केवल अनुभव के दम पर नहीं, बल्की फॉर्म और प्रदर्शन के आधार पर टीम में शामिल हों।
📌 निष्कर्ष
गौतम गंभीर द्वारा सुझाई गई भारतीय प्लेइंग XI ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। जहां एक ओर यह टीम अनुभव और स्थिरता की मिसाल है, वहीं दूसरी ओर कई नए और प्रदर्शनरत चेहरों को नजरअंदाज करना थोड़ा अटपटा लग सकता है।
कुलदीप यादव, शुभमन गिल और करुण नायर जैसे नाम भारतीय क्रिकेट का भविष्य हो सकते हैं। उन्हें बाहर रखना शायद अभी की रणनीति के लिए फिट हो, लेकिन लंबे वक्त में इसका असर जरूर पड़ेगा।