नोएडा का यह मामला फरवरी से चर्चा में था जब निक्की अपने पति विपिन और ससुरालवालों से अलग होकर मायके चली गई थी। परिवारिक कलह और दहेज को लेकर आए दिन विवाद होते थे।
मौत वाले दिन का घटनाक्रम बेहद दर्दनाक रहा। आरोप है कि विवाद के बाद निक्की को आग के हवाले कर दिया गया। जलने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने शोरगुल सुना तो तुरंत पुलिस को खबर दी। जांच में सामने आया कि यह कोई साधारण झगड़ा नहीं बल्कि योजनाबद्ध साज़िश थी।
पुलिस जांच में अब तक क्या सामने आया
जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, पुलिस ने एक के बाद एक परत खोली। पति विपिन को तुरंत हिरासत में लिया गया। पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
सिर्फ पति ही नहीं, बल्कि ससुर और देवर पर भी गंभीर आरोप लगे। पुलिस ने इस आधार पर कार्यवाही शुरू की कि घर में कई महीनों से तनाव चल रहा था। FIR में साफ तौर पर दहेज प्रताड़ना और हत्या की धाराएं शामिल की गईं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह केस समाज के लिए एक कड़ी चेतावनी है। परिवारिक दबाव और लालच किस हद तक इंसान को हैवान बना देता है, यह इस घटना ने साबित कर दिया।
She is Nikki. Angel face. But No more. Husband Vipin & MIL Daya Bhati set her ablaze. For ₹36L dowry. In front of their lil boy. “Mumma ko mara aur jala diya”.
Vipin- you’re not a man. Asurā gati. Rot in jail and then rot in hell.
Parents- never ignore the the first alarm.… pic.twitter.com/GHTFx9B5Dq
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) August 24, 2025
निक्की को क्यों कहा गया ‘Reels और Parlour बंद करो’
सबसे बड़ा खुलासा यह रहा कि निक्की जब भी सोशल मीडिया पर सक्रिय होती, ससुरालवालों को यह नागवार गुजरता। उन्होंने कई बार उसे reels पोस्ट करने से मना किया।
निक्की का सपना था कि वह ब्यूटी parlour चलाए और आत्मनिर्भर बने। लेकिन परिवार को यह भी मंज़ूर नहीं था। उनका कहना था कि यह काम उनके घर की “इज़्ज़त” के खिलाफ है।
यहीं से विवाद और बढ़ा। निक्की की आज़ादी पर लगाई गई ये पाबंदियाँ धीरे-धीरे तनाव का कारण बनीं और आखिरकार उसकी ज़िंदगी निगल गईं।
पंचायत और समझौते की कहानी
फरवरी में जब हालात बिगड़े, निक्की मायके चली गई थी। मामला पंचायत तक पहुंचा। पंचायत ने दोनों परिवारों पर दबाव बनाकर समझौता कराया।
लेकिन यह समझौता सिर्फ कागज़ों और औपचारिकता तक सीमित रहा। घर लौटने के बाद भी तनाव जस का तस बना रहा। रिश्तों में खटास इतनी गहरी हो चुकी थी कि छोटी-सी बात भी बड़े विवाद में बदल जाती थी।
परिवार और समाज की प्रतिक्रिया
निक्की के मायके वालों का आरोप है कि यह मामला पूरी तरह दहेज से जुड़ा था। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने कई बार शिकायत की थी कि उसे स्वतंत्र रूप से जीने नहीं दिया जा रहा।
पड़ोसियों का भी कहना है कि ससुराल का माहौल अक्सर तनावपूर्ण रहता था। झगड़ों की आवाज़ें बाहर तक सुनाई देती थीं।
महिला संगठनों ने इसे एक शर्मनाक घटना बताया और कहा कि आज के समय में भी अगर बेटियों को उनकी पसंद का जीवन जीने की आज़ादी नहीं मिल रही, तो यह समाज के लिए खतरे की घंटी है।
Greater Noida dowry murder: Nikki, married since 2016, was beaten unconscious and set ablaze by husband Vipin and in-laws for not meeting dowry demands. She died on the way to hospital. Husband arrested, others absconding.#JusticeForNikki #NikkiBhati #Dowry #NoidaDowryMurder pic.twitter.com/pdagfXYLYn
— TIger NS (@TIgerNS3) August 24, 2025
दहेज हत्या कानून और इस केस की स्थिति
भारतीय कानून में दहेज हत्या को गंभीर अपराध माना जाता है। IPC की धारा 304B इसके लिए बनी है, जिसके तहत सात साल से लेकर उम्रकैद तक की सज़ा हो सकती है।
इसके अलावा धारा 498A भी इस केस पर लागू होती है, जो मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से जुड़ी है। निक्की का मामला इन धाराओं के सीधे अंतर्गत आता है।
कानूनविदों का कहना है कि इस केस में सबूत और गवाह मजबूत हैं, इसलिए दोषियों के खिलाफ सख्त सज़ा की संभावना है। कोर्ट की कार्यवाही आने वाले समय में इस पर मुहर लगाएगी।
समाज के लिए सबक और सवाल
यह केस केवल एक परिवार का मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे समाज के सामने आई सच्चाई है। सवाल यह है कि आज के दौर में भी क्यों एक महिला को reels पोस्ट करने और parlour चलाने पर रोक लगाई जाती है? दहेज की मानसिकता अब भी कई घरों में जिंदा है। परिवार और पंचायतें अक्सर ऐसे मामलों में “समझौते” का दबाव डालती हैं, जो पीड़ित महिलाओं के लिए और खतरनाक साबित होता है। हाल ही में उत्तर प्रदेश से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जहाँ एक लड़की की हत्या के आरोप में उसके भाई और चचेरे भाई को गिरफ्तार किया गया। इस पूरे मामले को विस्तार से आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
दहेज की मानसिकता अब भी कई घरों में जिंदा है। परिवार और पंचायतें अक्सर ऐसे मामलों में “समझौते” का दबाव डालती हैं, जो पीड़ित महिलाओं के लिए और खतरनाक साबित होता है।
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि स्वतंत्रता, शिक्षा और रोजगार का अधिकार हर महिला का है। इसे रोकना केवल अपराध ही नहीं बल्कि समाज को पीछे धकेलने जैसा है।
ताज़ा अपडेट और आगे की कार्यवाही
पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर दी है। पति और देवर जेल में हैं जबकि ससुर की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है।
आगामी सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि आरोपियों पर कौन-कौन सी धाराएं साबित होती हैं। परिवार अब न्याय की उम्मीद लगाए बैठा है।
निष्कर्ष
नोएडा की यह घटना समाज के लिए एक आईना है। निक्की जैसी कई महिलाएं अपनी स्वतंत्रता और सपनों के लिए संघर्ष कर रही हैं। लेकिन दहेज और सामाजिक पाबंदियों की वजह से उनकी जान तक चली जाती है।
यह ज़रूरी है कि हम इस केस को केवल एक खबर न मानें, बल्कि एक चेतावनी समझें। आप इस घटना को किस नजरिए से देखते हैं? अपनी राय कमेंट में ज़रूर साझा करें।