हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स हटाने की चर्चा
भारत में स्वास्थ्य बीमा यानी हेल्थ इंश्योरेंस अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है। बढ़ते मेडिकल खर्चों और अस्पतालों में इलाज की महंगाई ने आम परिवारों के लिए बीमा को ज़रूरी बना दिया है। हालांकि, अभी तक हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% तक का जीएसटी (GST) लगता है, जिससे पॉलिसी की कीमत और बढ़ जाती है।हाल ही में यह चर्चा तेज हुई है कि सरकार जल्द ही हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी हटाने का फैसला ले सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह लाखों पॉलिसीधारकों के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
मौजूदा ढांचा: हेल्थ इंश्योरेंस और जीएसटी
फिलहाल किसी भी व्यक्ति या कंपनी द्वारा लिया गया हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगाया जाता है।
- मान लीजिए किसी पॉलिसी का सालाना प्रीमियम ₹20,000 है, तो उस पर अतिरिक्त ₹3,600 जीएसटी के रूप में देना पड़ता है।
- इसका सीधा मतलब है कि पॉलिसीधारक को कुल ₹23,600 चुकाना पड़ता है।
यह टैक्स सबसे ज्यादा असर डालता है:
- सीनियर सिटीज़न्स पर, जिनकी पॉलिसी प्रीमियम पहले से ही ज्यादा होती है।
- मिडल क्लास परिवारों पर, जिन्हें सालाना बजट में यह अतिरिक्त बोझ भारी लगता है।
- कॉरपोरेट कंपनियों पर, जो अपने कर्मचारियों के लिए ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस लेती हैं।
प्रस्तावित बदलाव: नो GST प्लान
डॉक्यूमेंट और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार GST काउंसिल की मीटिंग्स में हेल्थ इंश्योरेंस को टैक्स-फ्री करने पर विचार कर रही है।
- विचार यह है कि जनरल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज़ और सीनियर सिटीज़न्स के लिए मेडिक्लेम पॉलिसीज़ को जीएसटी से पूरी तरह मुक्त किया जाए।
- इससे प्रीमियम कम हो जाएंगे और ज्यादा लोग बीमा लेने के लिए प्रेरित होंगे।
- स्वास्थ्य बीमा को व्यापक स्तर पर सुलभ बनाना सरकार की प्राथमिकता भी है, क्योंकि यह सीधे तौर पर देश की स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़ा मामला है।
GST on health and life insurance is now zero! A big win for policyholders as premiums become more affordable starting September 22, 2025. This move aims to boost insurance coverage and ease financial burdens on families.
#GSTRelief #InsuranceForAll pic.twitter.com/qxUL0kgF6h
— Hook (@hookonline_) September 4, 2025
किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा?
आम जनता
अगर जीएसटी हट जाता है तो हर पॉलिसीधारक को सीधा फायदा होगा। उदाहरण के लिए:
- ₹25,000 के प्रीमियम पर अभी ₹4,500 जीएसटी देना पड़ता है।
- टैक्स हटने पर पॉलिसीधारक का प्रीमियम सिर्फ ₹25,000 ही रहेगा।
यानि, पॉलिसी सस्ती और ज्यादा किफायती हो जाएगी।
सीनियर सिटीज़न्स
बुजुर्गों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पहले से ही महंगा होता है। अगर उस पर से टैक्स हटेगा तो उनके लिए बीमा खरीदना आसान हो जाएगा, और वे ज्यादा कवरेज ले पाएंगे।
मिडल क्लास और युवा
मिडल क्लास फैमिलीज़, जो अब तक हेल्थ इंश्योरेंस को “अतिरिक्त खर्च” मानती थीं, अब इसे अपनी ज़रूरत में शामिल करने लगेंगी। युवाओं के लिए भी यह आकर्षक विकल्प बनेगा।
कॉरपोरेट और कंपनियाँ
जिन कंपनियों को हर साल अपने कर्मचारियों के लिए लाखों रुपये ग्रुप हेल्थ पॉलिसीज़ पर खर्च करने पड़ते हैं, उन्हें भी बड़ा लाभ मिलेगा।
इंश्योरेंस इंडस्ट्री
यह कदम इंश्योरेंस कंपनियों के लिए नए ग्राहकों को जोड़ने का अवसर बनेगा। जब बीमा सस्ता होगा तो अधिक लोग इससे जुड़ेंगे, जिससे मार्केट का दायरा बढ़ेगा।
अर्थव्यवस्था और हेल्थ सेक्टर पर असर
- हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज बढ़ेगा: भारत में अब भी बड़ी संख्या में लोग बिना बीमा के हैं। टैक्स हटने पर इंश्योरेंस अपनाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ेगी।
- अस्पताल और हेल्थकेयर सेक्टर को फायदा: ज्यादा लोग इंश्योरेंस लेने पर इलाज कराने में हिचकिचाएँगे नहीं, जिससे अस्पतालों का कारोबार भी मजबूत होगा।
- सरकारी बोझ कम: अगर अधिक लोग इंश्योरेंस कवर के तहत होंगे, तो सरकारी अस्पतालों और योजनाओं पर बोझ थोड़ा कम होगा।
इसी तरह जीएसटी से जुड़े अन्य क्षेत्रों में भी बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में FMCG सेक्टर में जीएसटी दरों के बदलाव पर हमारे लेख में विस्तार से बताया गया था कि कैसे टैक्स नीति का सीधा असर कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों पर पड़ता है। हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी हटाने का असर भी वैसा ही व्यापक हो सकता है।
चुनौतियाँ और सवाल
हालांकि फायदे बड़े हैं, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ सकती हैं:
- सरकार का टैक्स रेवेन्यू घटेगा – जीएसटी हटाने से सरकार को हर साल हजारों करोड़ का घाटा हो सकता है।
- क्या कंपनियाँ असल फायदा देंगी? – कई बार देखा गया है कि टैक्स कटौती का लाभ कंपनियाँ खुद रख लेती हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि ग्राहक को सीधा फायदा मिलता है या नहीं।
- लागू होने की टाइमलाइन – अभी तक कोई आधिकारिक तारीख तय नहीं हुई है। इसका असर तभी होगा जब यह निर्णय जल्दी लागू होगा।
ग्लोबल तुलना
विदेशों में हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स का ढांचा अलग है।
- कई विकसित देशों में इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स बेहद कम या शून्य है।
- यही कारण है कि वहाँ ज्यादा लोग आसानी से हेल्थ इंश्योरेंस खरीद पाते हैं।
- भारत भी उसी दिशा में कदम बढ़ाकर आम जनता के लिए इसे ज्यादा सुलभ बनाना चाहता है।
निष्कर्ष
हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी हटाने का फैसला आम जनता के लिए बड़ी राहत होगा। इससे बीमा पॉलिसी सस्ती होगी, कवरेज बढ़ेगा और लोगों की मेडिकल सुरक्षा मजबूत होगी।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इसे कब लागू करती है और कंपनियाँ इस राहत को किस हद तक उपभोक्ताओं तक पहुँचाती हैं।
👉 आप इस फैसले को लेकर क्या सोचते हैं? क्या वाकई इससे आम जनता को राहत मिलेगी? अपनी राय हमें कमेंट में ज़रूर बताइए।




















