पंजाब के रहने वाले जसबीर सिंह को सोशल मीडिया पर “Desi Videos” और YouTube commentary के लिए जाना जाता था। जसबीर के यूट्यूब चैनल पर हजारों फॉलोअर्स थे और वह पाकिस्तान से संबंधित विषयों पर अपने विचार अक्सर साझा करता था। उसकी प्रस्तुति शैली और विषयवस्तु को लेकर पहले भी संदेह जताया गया था, लेकिन कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आया था।
उसकी यूट्यूब उपस्थिति ने उसे न केवल ऑनलाइन पहचान दी बल्कि पाकिस्तानी दर्शकों से भी जोड़ दिया। इसी डिजिटल पहुँच को बाद में जासूसी गतिविधियों का माध्यम बनाया गया। वह खुद को पत्रकार के रूप में प्रस्तुत करता था लेकिन असल में वह ऐसे कंटेंट को बढ़ावा दे रहा था जिससे भारत की छवि को नुकसान हो सकता था।
Acting swiftly on actionable intelligence, State Special Operations Cell (#SSOC), Mohali has unearthed a critical espionage network linked to Jasbir Singh, a resident of Village Mahlan, #Rupnagar.
Jasbir Singh, who operates a #YouTube channel called “Jaan Mahal,” has been found…
— DGP Punjab Police (@DGPPunjabPolice) June 4, 2025
ज्योति मल्होत्रा से जसबीर सिंह का क्या संबंध था?
ज्योति मल्होत्रा के मामले में गिरफ्तारी के बाद जसबीर सिंह पर भी जांच एजेंसियों की नजर पड़ी। रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों के बीच पहले से संपर्क था और कई बार ये दोनों एक ही सोशल ग्रुप्स और चैनलों में सक्रिय देखे गए थे। यही नहीं, दोनों के पाकिस्तानी एजेंटों से जुड़े होने के प्रमाण भी मिल चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक, जसबीर और ज्योति की बातचीत डिजिटल माध्यमों के ज़रिये होती थी और दोनों एक-दूसरे की गतिविधियों से भली-भांति अवगत थे। उनका संबंध सिर्फ पेशेवर नहीं बल्कि आपसी रणनीति साझा करने तक सीमित था। इससे सुरक्षा एजेंसियों को यह संकेत मिला कि यह कोई इकलौता मामला नहीं, बल्कि एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा है।
पाकिस्तान यात्राओं और ISI से संबंध का खुलासा
जांच में सामने आया कि जसबीर सिंह ने पिछले कुछ वर्षों में तीन बार पाकिस्तान की यात्रा की थी। इनमें से एक यात्रा पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान हुई थी, जहां वह विशेष रूप से आमंत्रित अतिथि के रूप में गया था। यह जानकर एजेंसियों को संदेह हुआ कि एक यूट्यूबर को ऐसी आधिकारिक घटनाओं में क्यों बुलाया जा रहा है?
ISI से उसके संबंधों का पता चलने पर खुलासा हुआ कि उसे विशेष टास्क दिए जाते थे जैसे — सेना से जुड़ी जानकारी एकत्र करना, सीमावर्ती क्षेत्रों की फोटोग्राफी करना, और समाज में भ्रम फैलाना। वह इन कार्यों को डिजिटल माध्यम से अंजाम देता था जिससे कोई फिजिकल सबूत न मिल सके।
गिरफ़्तारी से पहले Jasbir Singh ने क्या-क्या सबूत मिटाए?
ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी की खबर मिलने के बाद जसबीर ने अपने मोबाइल और कंप्यूटर से कई डेटा डिलीट कर दिए। उसने सोशल मीडिया अकाउंट्स जैसे कि Instagram, Telegram और YouTube के कुछ पुराने वीडियो तक हटा दिए।
इसके अलावा, वह अपने IP history और browser cache को भी साफ करने की कोशिश कर रहा था जिससे उस तक पहुंचना मुश्किल हो जाए। लेकिन डिजिटल फॉरेंसिक टीम ने समय रहते इन गतिविधियों को ट्रैक कर लिया और आवश्यक डेटा रिकवर कर लिया गया।
#BREAKING: #Punjab Police arrests #YouTuber #JasbirSingh a resident of Village Mahlan, Rupnagar for running espionage network for #Pakistan #ISI in #India
Jasbir Singh, who operates a YouTube channel called “Jaan Mahal,” has been found associated with PIO Shakir alias Jutt… pic.twitter.com/Rf0hx8AJ0l
— Indian Observer (@ag_Journalist) June 4, 2025
NIA और पंजाब पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और पंजाब पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में जसबीर सिंह को जालंधर में उसके घर से गिरफ्तार किया गया। गिरफ़्तारी के समय वह ऑनलाइन था और कथित रूप से किसी पाकिस्तानी हैंडल से संवाद कर रहा था।
जांच एजेंसियों ने उस पर ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट और UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत मामला दर्ज किया है। उसके मोबाइल, लैपटॉप और हार्ड ड्राइव को जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
इस नेटवर्क का भारत की सुरक्षा पर संभावित प्रभाव
इस पूरे जासूसी कांड ने भारत की आंतरिक सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सेना के मूवमेंट, सेंसिटिव लोकेशंस और रणनीतिक योजनाएं लीक होना एक बड़ा खतरा है।
इसके साथ ही सोशल मीडिया के ज़रिये युवाओं को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। ये एजेंट खुद को इंफ्लुएंसर बताकर आम लोगों में भ्रम फैलाते हैं और फिर जानकारी इकट्ठा करते हैं।
सरकारी प्रतिक्रिया और जाँच की दिशा
केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और NIA को विशेष जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही राज्य पुलिस को भी निर्देश दिए गए हैं कि वो किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करें। सुरक्षा एजेंसियों को यह भी आशंका है कि इस नेटवर्क में और भी नाम सामने आ सकते हैं, जिनकी पहचान की जा रही है।
संभावित जासूसी नेटवर्क की जाँच में यह भी सामने आया है कि सोशल मीडिया के ज़रिये न केवल जानकारी एकत्र की जा रही थी, बल्कि भ्रम भी फैलाया जा रहा था। इसी संदर्भ में हाल ही में एक अन्य कथित संदिग्ध ने चुप्पी तोड़ते हुए अपने ऊपर लगे आरोपों और ज्योति मल्होत्रा से रिश्ते को लेकर सफाई दी है। उसने सार्वजनिक रूप से अपनी स्थिति स्पष्ट की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस जाल में कई स्तरों पर लोग जुड़े हुए थे या उनके नामों का इस्तेमाल हुआ था।
जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
जसबीर सिंह की गिरफ्तारी की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया। उसके यूट्यूब फॉलोअर्स में से कई ने टिप्पणी की कि उन्हें कभी ऐसा संदेह नहीं था।
ट्विटर पर भी कई यूज़र्स ने Jasbir की गिरफ्तारी को गंभीर राष्ट्रीय खतरे से जोड़ते हुए सख्त सजा की मांग की है। वहीं कुछ लोग इसे “डिजिटल सुरक्षा की हार” भी बता रहे हैं।
साइबर मीडिया के ज़रिये हो रही जासूसी को लेकर सतर्कता की ज़रूरत
यह पूरा मामला दिखाता है कि आजकल जासूसी के तरीके बदल चुके हैं। अब यह पारंपरिक सीमाओं तक सीमित नहीं, बल्कि इंटरनेट और सोशल मीडिया तक फैल चुका है।
YouTube जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर निगरानी की आवश्यकता है और आम नागरिकों को भी सतर्क रहना होगा। भारत को अब डिजिटल स्पेस में भी सुरक्षा मजबूत करनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों से बचा जा सके।