पिछले कुछ हफ्तों से पाकिस्तान और अफगानिस्तान की विवादित सीमा पर तनाव तेजी से बढ़ा है। 15 अक्टूबर 2025 को पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के कंधार प्रांत के स्पिन बोल्दक जिले में एक एयरस्ट्राइक की, जिसमें 12 नागरिक मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए। दोनों देशों की सेनाएं वहीं सीमा के आस-पास भारी लड़ाई में उलझी हुई हैं, जिसके कारण ताजा संघर्ष और मौतें हुई हैं। यह सीमा क्षेत्र लगभग 2600 किलोमीटर लंबाई वाली ड्यूरंड लाइन है, जिसे पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा मानता है, लेकिन अफगानिस्तान इसे नहीं स्वीकार करता। दोनों देशों के बीच इस सीमा को लेकर वर्षों से विवाद और झड़पें होती रही हैं।
ताजा लड़ाई का विस्तृत विवरण
15 अक्टूबर की सुबह करीब 4 बजे तक पाकिस्तान ने हल्के और भारी हथियारों का उपयोग करते हुए अफगान सेना पर हमला किया। तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया कि पाकिस्तानी सेनाओं ने अचानक हमला किया, जिसके जवाब में अफगान सैनिक भी उत्तर में लगे। लड़ाई सुबह 8 बजे तक प्रबल रही, जिसमें双方 ने कई चौकियों पर कब्जा जमाया। पाकिस्तानी सेना ने अपने दावे में कहा कि वह कई तालिबानी लड़ाकों को मार गिराने में सफल रही। युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेनाओं के कई टैंक और हथियार भी तालिबान के नियंत्रण में चले गए। यह संघर्ष स्पिन बोल्दक, कुर्रम और चमन के इलाकों में ज्यादा केंद्रित था। इस दौरान नागरिकों को भी भारी नुकसान हुआ, जिनमें कई घायल हैं और मरने वालों में भी आम जन शामिल हैं। इस पूरी घटना की विस्तृत जानकारी आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
संघर्ष विराम की घोषणा और इसके प्रभाव
इन गंभीर झड़पों के बाद दोनों देशों ने 48 घंटे की संघर्ष विराम (सीजफायर) पर सहमति जताई। यह विराम तब घोषित हुआ जब दोनों पक्षों की सेनाओं और नागरिकों को भारी नुकसान हुआ था। इस संघर्ष विराम के तहत दोनों पक्षों ने गोलीबारी बंद करने का वचन दिया है। यह सीमित समय का संघर्ष विराम है, जिसे एक राहत की सांस माना जा रहा है, लेकिन भविष्य में स्थायी शांति के लिए और प्रयास जरूरी हैं। इस विराम के दौरान दोनों पक्ष मामलों को कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर पर सुलझाने की कोशिश करेंगे।
After Peshawar drone attacks Pakistan requested for ceasefire . Emarat islami Afghanistan agreed for 48 hours ceasefire. Stop making fools your self and others Pakistani. If Pakistan broke the ceasefire our next target will be Lahore. pic.twitter.com/cWC8l3sTf4
— ĂFĞHÃŇ _111_ PŘĮŇĆĔ (@M_G_10_10) October 15, 2025
मानवीय और सामाजिक प्रभाव
इस संघर्ष का सबसे बड़ा प्रभाव स्थानीय आबादी पर पड़ा है। कई इलाकों के लोग विस्थापित हुए हैं और घायल नागरिकों को चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है। नागरिक बुनियादी सुविधाओं से वंचित हुए हैं और क्षेत्र में भय का माहौल है। संघर्ष के कारण यातायात और व्यापार भी प्रभावित हुआ है, जिससे आर्थिक नुकसान भी हुआ। राहत एवं पुनर्वास के कार्य शुरू हो चुके हैं, लेकिन स्थायी शांति के अभाव में यह समस्या बढ़ती जा सकती है।
पाकिस्तान-आफगान सीमा विवाद का ऐतिहासिक संदर्भ
ड्यूरंड लाइन पर चल रहा यह विवाद पुराना है। 1893 में ब्रिटिश शासनकाल में बनी यह सीमा आज दोनों देशों के लिए विवादास्पद बनी हुई है। अफगानिस्तान इसे मान्यता नहीं देता, जिससे पश्तून इलाकों का विभाजन हुआ और कई बार झड़पें होती रही हैं। दोनों देशों में सीमा की वजह से राजनीतिक और सामाजिक तनाव बरकरार रहा है। समय-समय पर दोनों तरफ से मिलिट्री ऑपरेशन्स, एयरस्ट्राइक और जमीन पर टकराव होते रहे हैं, जो इलाके की स्थिरता के लिए खतरा बने हैं।
वर्तमान संघर्ष के राजनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव
इस ताजा संघर्ष ने क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचाया है। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे आतंकी संगठन सुरक्षित पनाह लेते हैं, जबकि अफगानिस्तान पाकिस्तान पर घुसपैठ करने और नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाता है। क्षेत्रीय देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस संघर्ष विराम का स्वागत किया है, लेकिन दोनों पक्षों के बयान तनावपूर्ण बने हुए हैं। भविष्य में यह मामला अंतरराष्ट्रीय संवाद और दबाव के तहत सुलझने की संभावना है।
भविष्य की राह
हालांकि 48 घंटे का संघर्ष विराम एक तात्कालिक सफलता है, लेकिन स्थायी शांति केवल कूटनीतिक, सामाजिक, और मानवीय प्रयासों से ही संभव है। दोनों पक्षों को पारस्परिक विश्वास और समस्या समाधान के लिए संवाद को प्राथमिकता देनी होगी। स्थानीय जनता की सुरक्षा और भलाई के लिए राहत कार्य जरूरी हैं। भविष्य में सीमा पर तनाव कम करने और आतंकवाद को समाप्त करने के लिए दोनों देशों की सैन्य और राजनैतिक भागीदारी अनिवार्य होगी।