संसद सत्र का ग्यारहवां दिन क्यों खास है?
मानसून सत्र का ग्यारहवां दिन कई मायनों में अहम रहा। आज लोकसभा में National Sports Governance Bill, 2025 को पेश किया जाना प्रस्तावित है, जो देश के खेल संगठनों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
संसद सत्र के बीते दिनों में जहां विदेश नीति, मंहगाई और आंतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बहस हुई, वहीं आज का दिन खेल, सामाजिक मुद्दे और विपक्ष के विरोध प्रदर्शनों के लिए चर्चा में रहा।
गौरतलब है कि सत्र के सातवें दिन गृहमंत्री अमित शाह द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर दिया गया बयान भी काफी चर्चित रहा था। पूरा पढ़ें
National Sports Governance Bill, 2025: क्या है ये बिल?
आज लोकसभा में जो सबसे महत्वपूर्ण विषय उठाया गया, वह था National Sports Governance Bill, 2025। इस बिल का उद्देश्य देश के खेल संगठनों के कामकाज में पारदर्शिता, पेशेवर प्रबंधन और खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा करना है।
मुख्य बिंदु:
- खेल संघों को पंजीकृत और उत्तरदायी बनाना।
- खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करना।
- राष्ट्रीय खेल संगठनों की प्रशासनिक संरचना में सुधार करना।
- खिलाड़ियों को शिकायत दर्ज करने के लिए न्यायिक मंच प्रदान करना।
सरकार का मानना है कि इस बिल से देश में खेलों के विकास को नई दिशा मिलेगी और ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भारत का प्रदर्शन बेहतर हो सकेगा।
A comparative analysis of some of the key provisions in the Sports Bill 2025 being taken up today in the Lower House (Lok Sabha) and how it is bad in law being against the current law of the land declared by HC & SC which law also stands accepted by the IOC (world patent body)👇 pic.twitter.com/9LUjgTcxtX
— Rahul Mehra (@TheRahulMehra) July 31, 2025
लोकसभा की कार्यवाही की बड़ी बातें
आज की लोकसभा कार्यवाही की शुरुआत विपक्ष के विरोध और शोर-शराबे के बीच हुई। हालांकि बाद में सदन ने कार्यसूची को आगे बढ़ाते हुए कई विधेयकों पर चर्चा शुरू की।
- National Sports Governance Bill को पेश किए जाने के बाद इस पर विस्तृत चर्चा हुई।
- कुछ सदस्यों ने इस बिल का स्वागत किया, जबकि कुछ ने इसकी कानूनी मजबूती और कार्यान्वयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
- सदन में दिव्यांगजन अधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक और डिजिटल डेटा संरक्षण विधेयक पर भी संक्षिप्त बहस हुई।
लोकसभा अध्यक्ष ने कई बार शांति बनाए रखने की अपील की ताकि विधायी प्रक्रिया बाधित न हो।
राज्यसभा में बहस और अन्य प्रस्ताव
राज्यसभा में भी आज कई मुद्दों पर चर्चा देखने को मिली:
- विपक्ष ने बिहार में जातीय सर्वेक्षण और वोटर लिस्ट की सटीकता को लेकर सवाल उठाए।
- केंद्रीय मंत्रियों ने जवाब देते हुए कहा कि “सरकार पारदर्शिता में विश्वास करती है और सभी राज्यों को समान अधिकार देने के पक्ष में है।”
- साथ ही श्रम कानूनों में प्रस्तावित संशोधन पर भी प्रारंभिक बहस हुई।
राज्यसभा की कार्यवाही अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रही, लेकिन विपक्ष ने अपनी बात मजबूती से रखी।
बिहार मुद्दे पर गरमाई सियासत
आज का दिन बिहार से जुड़े मामलों के कारण भी खासा चर्चित रहा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि बिहार में हाल ही में जारी वोटर लिस्ट में जातिगत पक्षपात हो रहा है।
विपक्षी सांसदों का कहना था कि इस लिस्ट का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए किया जा सकता है और इसे तुरंत निरस्त किया जाना चाहिए। सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह मामला राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है।
INDIA ब्लॉक का विरोध प्रदर्शन और रणनीति
INDIA गठबंधन के सांसदों ने सदन में प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट भी किया। विपक्ष का आरोप है कि सरकार जनहित के मुद्दों पर चर्चा से बच रही है।
उन्होंने कहा कि:
- “जनता की आवाज़ दबाई जा रही है”
- “बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे संसद के एजेंडे में नहीं हैं”
विपक्ष की रणनीति आज संगठित विरोध और एकजुटता पर केंद्रित रही, ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके।
This is a commendable effort, championing sustainability and powering our Net-Zero vision. https://t.co/lmT17VOSBo
— Narendra Modi (@narendramodi) August 3, 2025
विदेश नीति पर ट्रंप की टिप्पणी की गूंज
आज की कार्यवाही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी पर भी चर्चा हुई, जिसमें उन्होंने भारत को 25% टैरिफ और तेल खरीद पर चेतावनी दी थी।
विपक्ष ने इसे सरकार की कमजोर विदेश नीति का परिणाम बताया और कहा कि भारत की रणनीतिक स्वायत्तता खतरे में पड़ रही है।
सरकार की ओर से कहा गया कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सशक्त और आत्मनिर्भर भूमिका निभा रहा है, और किसी के दबाव में नहीं झुकता।
संसद का ये दिन कितना प्रभावशाली रहा?
ग्यारहवें दिन की संसद कार्यवाही कई मायनों में महत्वपूर्ण रही।
- National Sports Governance Bill जैसे अहम बिल पर चर्चा हुई
- विपक्ष ने लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जताया
- बिहार और विदेश नीति जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर बहस हुई
यह दिन यह साबित करता है कि संसद न केवल विधायी कार्यों का मंच है, बल्कि जनता के मुद्दों पर बहस और जवाबदेही तय करने की जगह भी है।