हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हालात एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं। सीमा पर गतिविधियों में तेजी, मिसाइल और ड्रोन हमलों की खबरों ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। इसी पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख, रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शामिल हुए।
A high level meeting was chaired by PM @narendramodi at 7, Lok Kalyan Marg. Those who attended the meeting included Defence Minister @rajnathsingh, NSA Ajit Doval, CDS General Anil Chauhan, armed forces chiefs and senior officials. pic.twitter.com/mECIeuREKz
— PMO India (@PMOIndia) May 10, 2025
🔍 क्यों बढ़ा तनाव? – संघर्ष की जड़ें
तनाव की शुरुआत तब हुई जब ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत भारतीय सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तान की घुसपैठ की कोशिशों को विफल किया। इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी यहां पढ़ें।
इसके बाद से पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमलों की घटनाएं बढ़ गई हैं, खासकर जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में।
इन हमलों में आम नागरिकों को भी नुकसान पहुंचा, जिससे पूरे देश में गुस्से और चिंता का माहौल बन गया है।
🛡️ प्रधानमंत्री मोदी की रणनीतिक बैठक – अंदर की बात
PM मोदी की अध्यक्षता में बुलाई गई इस सुरक्षा समीक्षा बैठक में शामिल हुए:
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- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
- NSA अजीत डोभाल
- तीनों सेनाओं के प्रमुख (Army, Navy, Airforce)
- Chief of Defence Staff (CDS)
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
बैठक में निर्णय लिया गया कि सेनाओं को “पूर्ण ऑपरेशनल स्वतंत्रता” दी जाए, जिससे वे ज़रूरत पड़ने पर तेज और निर्णायक कार्रवाई कर सकें। यह निर्णय इस बात का संकेत है कि अब भारत, पाकिस्तान की किसी भी उकसावे वाली हरकत का सीधा और प्रभावी जवाब देने के लिए तैयार है।
PM @narendramodi chaired a meeting, which was attended by Defence Minister @rajnathsingh, NSA Ajit Doval, CDS General Anil Chauhan, Chiefs of the armed forces and senior officials. pic.twitter.com/ciFWz8osRK
— PMO India (@PMOIndia) May 9, 2025
🚁 सीमा पर हलचल – सैन्य कार्रवाई शुरू
इस बैठक के तुरंत बाद भारतीय सेना ने सीमा क्षेत्रों पर तैयारियां तेज़ कर दीं। विशेष रूप से राजस्थान और पंजाब में हाई अलर्ट जारी किया गया। इन राज्यों में मिसाइल तैयारियों और सीमाओं के सील किए जाने की विस्तृत खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।
इसके अलावा:
- भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट लगातार निगरानी कर रहे हैं।
- थल सेना ने फ्रंटलाइन पोस्ट पर सैनिकों की संख्या बढ़ाई है।
- नौसेना को पश्चिमी समुद्री सीमाओं पर सतर्क रहने को कहा गया है।
👨👩👧👦 आम नागरिकों पर असर और सुरक्षा कदम
इस तनावपूर्ण स्थिति में सरकार ने आम नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सीमावर्ती गांवों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।
पंजाब के अमृतसर जिले में हाल ही में मिसाइल के मलबे मिलने की खबर ने स्थिति को और भी गंभीर कर दिया। इस घटना की पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें।
इसके अलावा:
- इंटरनेट सेवाएं सीमित की गई हैं।
- ब्लैकआउट रणनीति अपनाई गई है।
- मेडिकल टीम और राहत केंद्र सक्रिय किए गए हैं।
🌍 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं – संयम और कूटनीति की अपील
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस और G7 देशों ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हालांकि भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपनी संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं करेगा।
भारत का रुख स्पष्ट है — आत्मरक्षा में उठाया गया हर कदम न्यायोचित है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में हुई यह बैठक भारत की रणनीतिक प्रतिबद्धता और सैन्य तैयारी को दर्शाती है। भारत शांति का समर्थक जरूर है, लेकिन जरूरत पड़ने पर अपनी सुरक्षा के लिए सख्त निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेगा।
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