परेश रावल और भारतीय सिनेमा में उनकी पहचान
भारतीय सिनेमा में कुछ ऐसे कलाकार हैं जिनके बिना बॉलीवुड अधूरा लगता है, और परेश रावल उन्हीं में से एक हैं।
अपने करियर में उन्होंने गंभीर, कॉमिक और विलेन हर तरह के किरदार निभाए हैं।
लेकिन जब बात होती है Hera Pheri में बाबूराव गणपतराव आपटे की भूमिका की, तो लोग झूम उठते हैं।
यह किरदार इतना लोकप्रिय हुआ कि आज भी मीम्स से लेकर डायलॉग्स तक बाबूराव हमारे दिलों पर राज करते हैं।
पर क्या आपको पता है? परेश रावल खुद इस किरदार को ‘गले का फंदा’ कहते हैं!
आइए, जानते हैं क्यों?
Hera Pheri और बाबूराव का जादू
सन 2000 में रिलीज़ हुई Hera Pheri ने भारतीय कॉमेडी फिल्मों की दिशा ही बदल दी थी।
अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी और परेश रावल की तिकड़ी ने जो धमाल मचाया, उसकी गूंज आज तक सुनाई देती है।
बाबूराव का किरदार —
👉 “उठ जा बेटे, aankh khol le…”
👉 “Meri chappal kahaan hai?”
👉 “Yeh Babu Rao ka style hai”
— जैसे डायलॉग्स आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं।
यह किरदार इतना हिट हुआ कि परेश रावल का नाम सुनते ही बाबूराव का चेहरा सामने आने लगा।
यही जबरदस्त प्यार एक कलाकार के लिए आशीर्वाद भी होता है… और कभी-कभी एक कैद भी।
वैसे, अगर आप बॉलीवुड के लेटेस्ट अपडेट्स के शौकीन हैं, तो हाल ही में सलमान खान की आने वाली फिल्म ‘सिकंदर’ की रिलीज डेट भी फाइनल हुई है, जिसे जानना आपके लिए दिलचस्प हो सकता है!
‘गले का फंदा’ वाली सच्चाई: परेश रावल का दर्द
हाल ही में एक इंटरव्यू में परेश रावल ने दिल खोलकर बताया कि Hera Pheri के बाद कैसे बाबूराव का किरदार उनके करियर पर भारी पड़ गया।
उन्होंने कहा,
“लोग मुझे सिर्फ बाबूराव के रूप में देखने लगे थे। मैं चाहे कोई भी सीरियस रोल करूं, उनकी उम्मीद वही रहती थी — कॉमेडी और बाबू भैया स्टाइल।”
टाइपकास्टिंग का ये दर्द हर कलाकार के लिए भारी होता है।
जब एक कलाकार को केवल एक ही प्रकार के रोल में देखने की आदत डाल दी जाती है, तो उसकी दूसरी प्रतिभाएं दब जाती हैं।
Paresh Rawal, the legendary actor behind Babu Rao from “Hera Pheri,” has opened up about feeling trapped by the iconic role, calling it a “gale ka fanda” (noose). pic.twitter.com/Ip4PgnCbVR
— Wartalaap (@wartalaap_offic) April 28, 2025
कला बनाम पहचान: अभिनेता की जंग
हर बड़ा कलाकार चाहता है कि उसे उसके पूरे टैलेंट के लिए पहचाना जाए, न कि किसी एक किरदार के लिए।
परेश रावल ने Sardar, OMG – Oh My God!, Aankhen, और Tamanna जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया है।
लेकिन बाबूराव की लोकप्रियता इतनी बड़ी थी कि बाक़ी किरदार कहीं पीछे छूट गए।
यह सवाल उठता है —
क्या दर्शकों की मोहब्बत कभी-कभी कलाकारों की रचनात्मक स्वतंत्रता को बाधित कर देती है?
जब लोग किसी एक छवि में आपको पसंद करने लगते हैं, तो उससे बाहर आना एक अलग ही लड़ाई बन जाता है।
अगर आप बॉलीवुड में हो रही दूसरी हलचलों में रुचि रखते हैं, तो आप हमारी रिपोर्ट पर भी नजर डाल सकते हैं जहाँ हमने बताया है कि ‘छावा’ फिल्म की टिकट बिक्री में किस तरह जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है!
परेश रावल के ताज़ा ट्वीट्स और बयानों की झलक
हाल ही में परेश रावल ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने बाबूराव के किरदार के प्रति अपने भावनाओं को साझा किया।
उन्होंने कहा:
“Baburao gave me love and identity, but also trapped me. Gratitude and suffocation together!”
इस ट्वीट ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी।
कुछ फैंस ने लिखा —
- “Sir, you are not just Baburao, you are a legend!”
- “Babu Bhaiya is forever in our hearts!”
- “We want to see you in versatile roles again!”
उनके इस इमोशनल एक्सप्रेशन ने यह भी दिखा दिया कि
भले ही किरदार के प्रति उनके मन में शिकायत हो, लेकिन प्यार भी उतना ही गहरा है।
भविष्य की उम्मीदें: क्या बाबूराव से आज़ादी मिल पाएगी?
आज भी जब Hera Pheri 3 की खबर आती है, तो सबसे पहले लोग बाबूराव को लेकर उत्साहित हो जाते हैं।
लेकिन परेश रावल अब अपने करियर के इस पड़ाव पर नए और चैलेंजिंग रोल्स करना चाहते हैं।
वह फिर से उन जड़ों की ओर लौटना चाहते हैं जहां उन्हें अलग-अलग भूमिकाओं में देखा जाए।
चाहे वो पॉलिटिकल ड्रामा हो, इमोशनल स्टोरी हो या फिर कोई नया कैरेक्टर — परेश रावल अभी भी बहुत कुछ देने को तैयार हैं।
पर सवाल ये है —
क्या दर्शक उन्हें बाबूराव से अलग भी अपना पाएंगे?
निष्कर्ष
परेश रावल के लिए बाबूराव का किरदार एक वरदान भी है और एक बंधन भी।
एक तरफ यह उन्हें अमर कर गया, दूसरी तरफ यह उन्हें एक दायरे में कैद भी कर गया।
यह कहानी सिर्फ परेश रावल की नहीं है, बल्कि हर उस कलाकार की है जो अपनी कला को नए आयाम देना चाहता है।हमें यह समझने की जरूरत है कि कलाकारों को भी आगे बढ़ने और नए किरदार निभाने का अवसर मिलना चाहिए।
बाबूराव तो हमेशा दिलों में रहेगा —
लेकिन परेश रावल को उनके बाकी शानदार काम के लिए भी याद किया जाना चाहिए। ❤️
🤔 अब आपकी बारी!
Comment में बताइए:
- आपको बाबूराव का कौन सा डायलॉग सबसे ज़्यादा पसंद है?
- क्या आप परेश रावल को अलग तरह की भूमिकाओं में देखना चाहेंगे?
आपके जवाब का इंतज़ार रहेगा!👇