बेंगलुरु का एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम 5 जून को जश्न के रंग में डूबा हुआ था। RCB (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) ने इस साल आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया था, और इसी के जश्न में हजारों प्रशंसक स्टेडियम के बाहर उमड़ पड़े। टीम के ‘यूनाइटेड एंड बॉलिवरबल’ थीम पर आधारित इस कार्यक्रम में विराट कोहली, फाफ डु प्लेसिस और अन्य खिलाड़ी हिस्सा लेने वाले थे।
हालांकि, भीड़ का अंदाज़ा आयोजकों को नहीं था। टिकट से ज़्यादा लोग सिर्फ विराट को देखने पहुंच गए। देखते ही देखते गेट्स के बाहर भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
🟨 शिकायत दर्ज: विराट कोहली पर क्यों लगा आरोप?
RTI कार्यकर्ता शिवकुमार ने बेंगलुरु के कब्बन पार्क थाने में एक औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि विराट कोहली ने सोशल मीडिया पर इस इवेंट की जानकारी पोस्ट कर लोगों को आमंत्रित किया, जिससे भीड़ में अफरा-तफरी मची।
शिवकुमार का कहना है कि एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते विराट को इस बात का आभास होना चाहिए था कि उनके एक पोस्ट से कितनी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो सकते हैं। शिकायत में कहा गया कि सिर्फ पोस्ट के जरिए भीड़ को बुलाना गैर-जिम्मेदाराना था, जबकि सुरक्षा व्यवस्था की कोई ठोस योजना नहीं थी।
🚨 COMPLAINT FILED AGAINST VIRAT KOHLI IN STAMPEDE CASE❗
Social activist H.M. Venkatesh has lodged a police complaint at Bengaluru’s Cubbon Park PS, naming Virat Kohli in the tragic Chinnaswamy Stadium stampede case
● 11 fans died during RCB’s IPL victory celebration on June… pic.twitter.com/7JScs0h2de
— The Matrix (@thematrixloop) June 6, 2025
🟧 भीड़ का व्यवहार और हादसा
घटनास्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि अचानक अफवाह फैली कि विराट स्टेडियम में दाखिल हो गए हैं। इस सूचना के साथ ही लोगों की संख्या तेज़ी से बढ़ने लगी। कई लोग गेट पर चढ़ने लगे, और फिर धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
एक महिला समेत कुल 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, और दर्जनों लोग घायल हुए। इस दुखद घटना की पूरी जानकारी और विस्तृत रिपोर्ट यहां पढ़ें।
यह खबर फैलते ही पुलिस और आयोजकों पर सवाल उठने लगे। क्या सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम थे? क्या आयोजकों को अनुमान नहीं था कि विराट जैसे स्टार के आने से जनसैलाब उमड़ेगा?
🟩 शिकायतकर्ता का पक्ष: कौन हैं शिवकुमार?
शिवकुमार, जो कि लंबे समय से RTI कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे हैं, बेंगलुरु में कई बार प्रशासनिक लापरवाहियों के खिलाफ आवाज़ उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि एक संकेत है कि सेलिब्रिटी की जिम्मेदारी भी आम आदमी की तरह होती है।
उनका तर्क है कि अगर कोई व्यक्ति जानता है कि उसकी एक सोशल मीडिया पोस्ट लाखों तक पहुंचेगी, तो उसे इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि वो पोस्ट समाज पर क्या असर डालेगी।
🟨 आयोजकों की चूक या हालात की मजबूरी?
इस इवेंट के लिए BBMP (बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका), स्टेडियम प्रशासन, और इवेंट मैनेजमेंट एजेंसी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, आयोजन की अनुमति तो ली गई थी, लेकिन सुरक्षा के इंतज़ाम अपर्याप्त थे। भीड़ नियंत्रण के लिए न तो बैरिकेडिंग पर्याप्त थी, न ही एंट्री पॉइंट्स की संख्या।
जब तक पुलिस पहुंची, हालात बिगड़ चुके थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि “हमें फोर्स भेजने की सूचना देर से मिली और वहां की भीड़ अनुमान से कहीं ज्यादा थी।”
🟦 कानून विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
कानूनी विशेषज्ञ इस मामले को संवेदनशील मानते हैं। उनका कहना है कि सेलिब्रिटी की पब्लिक पोस्ट अगर किसी घटना की अप्रत्यक्ष वजह बनती है, तो उस पर जांच हो सकती है, लेकिन सीधे दोषी ठहराना आसान नहीं होता।
एक वकील के मुताबिक, “अगर विराट ने यह पोस्ट केवल जानकारी के लिए की थी और उसका मकसद भीड़ इकट्ठा करना नहीं था, तो उन्हें कानूनी रूप से दोषी ठहराना मुश्किल है। लेकिन फिर भी, यह जांच का विषय है कि उनके पोस्ट का क्या असर हुआ।”
🟩 सोशल मीडिया की दो ध्रुवीय प्रतिक्रियाएं
इस मुद्दे पर इंटरनेट पर लोगों की राय बंटी हुई नजर आ रही है।
कुछ लोगों का मानना है कि विराट को इस तरह से बुलावा नहीं देना चाहिए था, जबकि अन्य का कहना है कि एक खिलाड़ी को हर चीज़ के लिए जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है।
“अगर आयोजकों ने उचित इंतज़ाम किए होते, तो ऐसा हादसा टाला जा सकता था,” एक यूज़र ने लिखा। वहीं, विराट के प्रशंसकों ने इस आरोप को “निराधार और जनभावनाओं को भड़काने वाला” बताया है।
🟨 विराट और RCB की ओर से क्या कहा गया?
अब तक इस पूरे मामले में विराट कोहली या उनकी टीम की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
RCB फ्रेंचाइज़ी ने भी इसपर चुप्पी साध रखी है। हालांकि, अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि टीम इस पूरे मामले पर कानूनी सलाह ले रही है और ज़रूरत पड़ने पर स्टेटमेंट जारी किया जा सकता है।
🟧 आगे की जांच और संभावनाएं
बेंगलुरु पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और जांच प्रारंभ कर दी गई है।
जांच के दायरे में विराट के पोस्ट की टाइमिंग, कार्यक्रम की योजना, आयोजकों की अनुमति और भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था शामिल है।
यदि पुलिस को लगता है कि सोशल मीडिया पोस्ट और भगदड़ के बीच कोई सीधा संबंध है, तो यह मामला और गहराएगा। फिलहाल पुलिस का फोकस है—भीड़ में घायल लोगों की पहचान, घटनास्थल के वीडियो, और पोस्ट की फॉरेंसिक जांच।
🟩क्या यह सिर्फ हादसा था या जिम्मेदारी का सवाल?
चाहे हादसा हो या योजना में चूक, यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि बड़े आयोजनों में जिम्मेदारी सिर्फ आयोजकों की नहीं, बल्कि उन लोगों की भी है जिनका असर जनता पर सीधा पड़ता है।
सेलिब्रिटी प्रभावशाली होते हैं—लेकिन क्या उन्हें हर उस बात के लिए जिम्मेदार ठहराना सही है जो उनकी उपस्थिति या सोशल मीडिया से जुड़ी हो?
इस सवाल का जवाब सीधा नहीं है, लेकिन यह चर्चा अब ज़रूरी हो चुकी है।