टेस्ला इंक के शेयरों में सोमवार को जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। एक ही दिन में शेयर करीब 14 प्रतिशत तक टूट गया, जिससे कंपनी की कुल मार्केट वैल्यू में $150 अरब डॉलर की कटौती हो गई। यह 2025 का अब तक का सबसे बड़ा एकदिनी नुकसान माना जा रहा है, जिससे वैश्विक निवेशकों के बीच चिंता की लहर दौड़ गई है।
टेस्ला का स्टॉक पिछले कुछ समय से उतार-चढ़ाव में था, लेकिन इस बार गिरावट की रफ्तार तेज और असर बहुत व्यापक रहा। एलन मस्क की लीडरशिप वाली इस इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी को यह झटका ऐसे समय पर लगा है, जब अमेरिकी राजनीतिक परिदृश्य भी अस्थिरता से भरा हुआ है।
निवेशकों में बेचैनी — क्यों होने लगी भारी बिकवाली?
इस गिरावट के तुरंत बाद ही बाजार में panic selling का माहौल बन गया। कई बड़े संस्थागत निवेशकों ने टेस्ला से अपने हाथ पीछे खींच लिए। वहीं खुदरा निवेशकों ने भी भारी मात्रा में शेयर बेचना शुरू कर दिया।
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह बिकवाली केवल बाजार के आंकड़ों पर आधारित नहीं है, बल्कि निवेशकों की भविष्य की आशंकाओं से भी प्रेरित है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव, लीडरशिप विवाद और टेक इंडस्ट्री में संभावित सख्त नीतियों की बातें अब निवेश निर्णयों पर असर डाल रही हैं।
Amazing day. $155 billion burnt on a personal beef with the president of the United States, because POTUS is going to do what he SAID he was going to do on the campaign trail – lose EV tax credits and EV mandates
If Tesla shareholders are sticking by Musk through this, you need… pic.twitter.com/YRslinYEgE
— CommonSenseSkeptic (@C_S_Skeptic) June 5, 2025
मस्क और ट्रम्प के तनाव का असर बाजार पर
हाल ही में एलन मस्क और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच काफी तीखा टकराव देखने को मिला। ट्रम्प ने एक बयान में कहा कि मस्क को लोग “ज़्यादा पसंद नहीं करते”, जिस पर मस्क ने सोशल मीडिया पर करारा जवाब दिया। मस्क ने यहां तक कहा कि “अमेरिकियों को इस बिल को ठुकरा देना चाहिए”, जिससे राजनीतिक गर्मी और बढ़ गई। इस बयान की विस्तृत रिपोर्ट यहाँ पढ़ें।
इस सार्वजनिक बयानबाज़ी ने न केवल राजनीति में हलचल मचाई बल्कि शेयर बाजार को भी हिला दिया। निवेशकों को डर है कि अगर ट्रम्प फिर से राष्ट्रपति बने, तो मस्क के बिजनेस पर नीतिगत दबाव बढ़ सकता है। यही आशंका शेयरों में तेज गिरावट का बड़ा कारण बनी।
EV सेक्टर पर असर — क्या टेस्ला अकेली पिसेगी?
टेस्ला लंबे समय तक इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार में अग्रणी रही है, लेकिन अब प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ चुकी है। Rivian, BYD और Lucid जैसी कंपनियां लगातार अपने दायरे को बढ़ा रही हैं।
इस माहौल में टेस्ला की गिरावट का असर केवल इस कंपनी पर नहीं, बल्कि पूरे EV सेक्टर पर पड़ा है। Rivian और अन्य कंपनियों के स्टॉक्स में भी हल्की गिरावट देखी गई, हालांकि टेस्ला जैसी गंभीर नहीं थी। इसका मतलब यह भी है कि टेस्ला की बाजार पर पकड़ पहले जैसी मजबूत नहीं रही।
Watch Tesla’s shares drop 14% today as Elon Musk and President Trump’s simmering feud erupts 📉
The rout erased about $150 billion from the EV maker’s market value, the stock’s biggest decline since March 10 pic.twitter.com/NWKayqJpsT
— Bloomberg Opinion (@opinion) June 5, 2025
अमेरिकी चुनाव और आर्थिक चिंता का संबंध
2024-25 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की आहट से बाजार में पहले ही अनिश्चितता बनी हुई थी। डोनाल्ड ट्रम्प का फिर से उभरना और एलन मस्क के साथ उनका टकराव, दोनों ही कारण निवेशकों के लिए खतरे की घंटी बन गए हैं।
टेक सेक्टर, खासकर टेस्ला जैसी कंपनियां, सरकार की नीतियों से सीधे तौर पर प्रभावित होती हैं। अगर अगली सरकार टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए सख्त रुख अपनाती है, तो यह मार्केट वैल्यू को और नुकसान पहुँचा सकता है।
क्या टेस्ला इससे उबर पाएगी?
इतिहास गवाह है कि टेस्ला कई बार संकट से उभर चुकी है। चाहे 2020 की महामारी हो या 2022 का चिप शॉर्टेज, कंपनी ने हर बार वापसी की है। लेकिन इस बार मामला सिर्फ फाइनेंस का नहीं बल्कि लीडरशिप की विश्वसनीयता से जुड़ा है।
कंपनी की अगली तिमाही रिपोर्ट और सेल्स नंबर पर अब सबकी नजरें टिकी होंगी। निवेशकों को उम्मीद है कि अगर मस्क कोई बड़ा कदम उठाते हैं या कंपनी कोई नई रणनीति अपनाती है, तो भरोसा फिर से बहाल हो सकता है।
विशेषज्ञों की राय — क्या कह रहे हैं मार्केट एनालिस्ट?
सीएनबीसी, ब्लूमबर्ग और इंडिया टुडे जैसे प्रतिष्ठित मीडिया प्लेटफार्म्स के अनुसार, विशेषज्ञ मानते हैं कि टेस्ला की गिरावट अस्थायी हो सकती है। Goldman Sachs और JPMorgan जैसे संस्थान अभी भी कंपनी को ‘Hold’ रेटिंग दे रहे हैं।
हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स ने ये भी कहा कि अगर मस्क और ट्रम्प के बीच तनाव और बढ़ा, तो इससे टेस्ला की वैल्यू लॉन्ग टर्म में भी प्रभावित हो सकती है।
आम निवेशकों को क्या समझना चाहिए?
इस घटना से सबसे बड़ा सबक यही मिलता है कि शेयर बाजार में भावनात्मक फैसलों से नुकसान होता है। ऐसे समय में panic selling करने से बचना चाहिए और लॉन्ग टर्म पर फोकस बनाए रखना चाहिए।
वित्तीय सलाहकारों का सुझाव है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करना चाहिए, ताकि एक कंपनी के गिरने से ज्यादा नुकसान न हो। साथ ही, टेस्ला जैसे शेयरों में निवेश से पहले राजनीतिक घटनाओं को भी ध्यान में रखना ज़रूरी हो गया है।