बिहार के गया ज़िले से सामने आई एक घटना ने पूरे राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यहां एक डॉक्टर को केवल इसलिए पेड़ से बांधकर पीटा गया क्योंकि उसने रेप पीड़िता की मां का इलाज किया था। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि डॉक्टर को बुरी तरह से मारा जा रहा है और वहां मौजूद भीड़ केवल देख रही है।
घटना सामने आने के बाद विपक्षी नेताओं से लेकर आम लोगों तक में आक्रोश है। सबसे बड़ी बात यह कि यह घटना तब सामने आई जब वीडियो वायरल हुआ, जबकि प्रशासन की ओर से कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दिखाई दी।
क्या है पूरा मामला?
डॉक्टर, जो गया के एक निजी क्लिनिक में काम कर रहे थे, रेप पीड़िता की मां का इलाज कर रहे थे। पीड़िता एक जघन्य अपराध का शिकार हुई थी, और उसकी मां मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत ही बुरे दौर से गुजर रही थीं। डॉक्टर ने इंसानियत के नाते उनका इलाज किया।
लेकिन जब यह बात आरोपियों के परिवार को पता चली, तो उन्होंने डॉक्टर पर हमला कर दिया। डॉक्टर को पकड़कर पेड़ से बांधा गया और फिर लाठी-डंडों से पीटा गया। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पूरे राज्य में बवाल मच गया।
JATIWADI VICHAR DHARA🟥
The situation in Bihar is worse than Taliban. In Gaya district, the doctor who went to treat the mother of a rape victim was tied to a tree and beaten to a bloody pulp by the accused
Qatari Kohli IRCTC Narendra Modi #DalitLivesMatter #ModiFails pic.twitter.com/S2DRJHdLF4
— Dhruv Rathee (@Dhruvkumar776) June 5, 2025
तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया और राजनीतिक सवाल
राजद नेता तेजस्वी यादव ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि यह दृश्य तालिबान से भी भयावह हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि बिहार में कानून व्यवस्था कहां है और मुख्यमंत्री कब तक चुप रहेंगे।
तेजस्वी यादव ने राज्य की सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह केवल एक डॉक्टर नहीं, बल्कि इंसानियत पर हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में ‘जंगलराज’ लौट आया है।
तेजस्वी ने इससे पहले RCB Historic Win Celebration के दौरान भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि जब लोग जश्न में व्यस्त हैं, तब बिहार में इंसानियत पिट रही है।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
घटना सामने आने के बाद गया पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है। आरोप है कि पीड़ित डॉक्टर ने पहले भी धमकियों की जानकारी दी थी, लेकिन पुलिस ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने बयान जारी किया कि घटना की जांच की जा रही है। पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली है और केस दर्ज कर लिया गया है। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे लोगों में नाराजगी है।
स्थानीय लोग कह रहे हैं कि अगर वीडियो वायरल नहीं होता तो शायद यह मामला दबा दिया जाता।
पीड़ित डॉक्टर की हालत और बयान
डॉक्टर इस घटना से पूरी तरह सदमे में हैं। उनका कहना है कि उन्होंने केवल मरीज की मदद की थी और उनके मन में कोई दुर्भावना नहीं थी। डॉक्टर ने बताया कि पीड़िता की मां मानसिक रूप से टूटी हुई थीं और वह इंसानियत के नाते उनकी मदद करना चाहते थे।
उन्होंने यह भी कहा कि इस हमले ने उन्हें भीतर से झकझोर दिया है और अब वह अपने काम को लेकर डरे हुए हैं। घटना के बाद डॉक्टरों के समुदाय में भी भय का माहौल है।
सामाजिक और कानूनी सवाल
यह घटना केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि यह हमारी सामाजिक और कानूनी व्यवस्था की असफलता को उजागर करती है। सवाल यह उठता है कि जब कोई डॉक्टर किसी पीड़ित की मदद करता है, तो क्या उसे इसी तरह की हिंसा का सामना करना पड़ेगा?
कानून विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक जघन्य अपराध है और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। यदि इस मामले में न्याय में देरी होती है, तो इससे समाज में डर और असुरक्षा का माहौल और गहरा होगा।
यह सोचने वाली बात है कि क्या समाज में संवेदनशीलता खत्म होती जा रही है, या कानून का डर लोगों के मन से निकल गया है?
सोशल मीडिया पर आक्रोश
वीडियो के सामने आने के बाद ट्विटर पर #BiharJungleRaj ट्रेंड करने लगा। हजारों यूजर्स ने सरकार की निंदा करते हुए ट्वीट किए। कुछ ने इसे इंसानियत के खिलाफ अपराध बताया, तो कुछ ने कहा कि बिहार में प्रशासन पूरी तरह निष्क्रिय हो चुका है।
यूजर्स ने यह भी सवाल उठाया कि आखिर कब तक डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता इस तरह के हमलों का शिकार होते रहेंगे?
निष्कर्ष
इस घटना ने एक बार फिर से बिहार की कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। डॉक्टर, जो समाज में सेवा और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है, जब वही सुरक्षित नहीं है तो आम नागरिक की सुरक्षा कैसे संभव है?
सरकार को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी होगी ताकि ऐसा दोबारा किसी के साथ न हो। साथ ही समाज को भी यह समझने की जरूरत है कि किसी की मदद करना अपराध नहीं, बल्कि मानवता है।
आप इस घटना के बारे में क्या सोचते हैं? कृपया नीचे कमेंट सेक्शन में अपनी राय साझा करें।