गोंडा ज़िले का वह घर, जो शादी की खुशियों से गूंज रहा था, एक पल में सन्नाटे में बदल गया। घर का इकलौता कमाने वाला बेटा, 20 वर्षीय युवक, जो बहन की शादी को लेकर सबसे ज़्यादा उत्साहित था, अब इस दुनिया में नहीं था।
शादी से ठीक एक दिन पहले कुछ अज्ञात हमलावर घर में घुस आए और डकैती की कोशिश की। जब युवक ने उनका विरोध किया, तो उसे गोलियों से भून दिया गया। वह सिर्फ़ एक हत्या नहीं थी, वह उस परिवार के सपनों, उम्मीदों और भावनाओं का बेरहम अंत था।
लेकिन फिर जो हुआ, उसने दिल जीत लिया – पुलिस ने निभाई ‘भाई’ की ज़िम्मेदारी
जब यह खबर पुलिस तक पहुँची, तो सिर्फ़ एक FIR नहीं दर्ज हुई। उस दिन इंसाफ़ की राह पर एक नया मोड़ आया। थाना कोतवाली देहात के SHO अनिल कुमार यादव ने इस दुखी परिवार की हालत देखी और केवल अधिकारी बनकर नहीं, एक भाई, एक इंसान बनकर सामने आए।
SHO अनिल यादव और उनकी टीम ने मिलकर ₹1.5 लाख जुटाए। यह रकम केवल पैसों का नहीं, बल्कि संवेदनाओं का संग्रह था—जिसमें था दुख का साझापन, मदद की भावना और सामाजिक ज़िम्मेदारी का भाव।
SHO की टीम ने खुद संभाली शादी की हर छोटी-बड़ी व्यवस्था
मंडप सजाया गया। लाइटिंग, खाना, रिश्तेदारों का स्वागत—हर जिम्मेदारी पुलिस टीम ने खुद निभाई। SHO यादव ने खुद शादी की देखरेख की, लड़की को आशीर्वाद दिया और उसे भाई की तरह विदा किया।
वह शादी अब सिर्फ़ एक पारिवारिक समारोह नहीं रही, बल्कि इंसानियत की सबसे सुंदर तस्वीर बन गई। गांव के लोग भी इस दृश्य को देखकर भावुक हो उठे—जहां एक ओर भाई की कमी महसूस हो रही थी, वहीं पुलिस का यह प्यार भरा सहयोग उस खालीपन को थोड़ा भर रहा था।
#Gonda: यूपी एसटीएफ और गोंडा पुलिस ने निभाया भाई का फर्ज, मृतक शिवदीन के बहन उदयकुमारी की धूमधाम से कराई शादी.. घर–गृहस्थी के दिए उपहार। एसपी, दरोगा, एसटीएफ के सीओ और राज्य महिला आयोग समेत स्थानीय पुलिस प्रशासन विवाह समारोह में हुआ शामिल। STF चीफ अमिताभ यश ने उठाया शादी का खर्च।… pic.twitter.com/IXL1JPlo9L
— GONDA POST (@gondapost) June 6, 2025
गांव की आंखों में आँसू, लेकिन मन में था गर्व
जिस दिन बारात आई, उस दिन गांव की हर आंख नम थी। लेकिन हर आंसू में एक कृतज्ञता भी थी—UP पुलिस के उस कदम के लिए, जो अब सिर्फ कानून नहीं, समाज का हिस्सा बन चुकी थी।
लोगों ने खुलकर पुलिस के इस मानवीय रूप की तारीफ़ की। “आज हमने देखा कि पुलिस सिर्फ वर्दी नहीं, एक दिल भी होती है,” यह बात हर बुजुर्ग, हर बच्चा कह रहा था।
गिरफ्तार हुए दो आरोपी, बाकियों की तलाश जारी
जैसे ही जांच शुरू हुई, पुलिस को जल्द ही दो आरोपियों को पकड़ने में सफलता मिली। ये अपराधी पहले से ही आपराधिक गतिविधियों में लिप्त थे। SHO यादव ने यह भी आश्वासन दिया कि बाकी अपराधियों को जल्द ही सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा।
उन्होंने कहा, “हम सिर्फ अपराध नहीं रोकते, हम उन जख्मों पर मरहम भी लगाते हैं जो ऐसे हादसों से बनते हैं।”
UP पुलिस का मानवीय चेहरा: पहली बार नहीं, लेकिन हर बार प्रेरणादायक
यह कोई पहली घटना नहीं है जहां यूपी पुलिस ने इंसानियत दिखाई हो। इससे पहले भी उन्होंने बुजुर्गों को अस्पताल पहुंचाया है, भूखों को खाना दिया है और असहायों को सहारा दिया है।
SHO अनिल यादव पहले भी सामाजिक जिम्मेदारियों में आगे रहते हैं। उनका मानना है—“पुलिस का काम केवल कानून का पालन कराना नहीं, समाज का सहारा बनना भी है।”
समाज को मिला संदेश: इंसानियत ज़िंदा है, और पुलिस उसका चेहरा भी बन सकती है
आज जब चारों ओर पुलिस की छवि को लेकर तरह-तरह की बातें होती हैं, ऐसे उदाहरण विश्वास को फिर से जन्म देते हैं। यह घटना सिर्फ़ एक शादी नहीं थी, यह भरोसे का पुनर्जन्म था।
जब जनता और पुलिस के बीच रिश्ता विश्वास पर टिके, तो न अपराध बचते हैं और न पीड़ाएं अकेली रह जाती हैं।
वर्दी में छुपा इंसान, जिसने एक परिवार को टूटने से बचा लिया
SHO यादव और उनकी टीम ने यह दिखा दिया कि संवेदनशीलता और इंसाफ़ एक साथ चल सकते हैं। उन्होंने जो किया, वो सिर्फ एक कर्तव्य नहीं था—वो उस परिवार के लिए नई जिंदगी, नई उम्मीद थी।
यह घटना केवल गोंडा की नहीं, पूरे देश के लिए एक सीख है
आज के समय में जब पुलिस को लेकर मिश्रित विचार होते हैं, ऐसे कदम समाज में भरोसा जगाने का कार्य करते हैं। यह घटना दर्शाती है कि पुलिस केवल अपराधियों को पकड़ने तक सीमित नहीं, बल्कि जरूरतमंदों की मदद करने वाली संस्था भी है।
दुर्भाग्यवश, हर राज्य में पुलिस का चेहरा ऐसा नहीं होता। जैसे हाल ही में बिहार की एक घटना ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया, जहाँ एक रेप पीड़िता की मां को इलाज कर रहे डॉक्टर तक को बेरहमी से पीटा गया। यह घटनाएं इस बात की याद दिलाती हैं कि एक संवेदनशील और न्यायप्रिय पुलिस व्यवस्था कितनी ज़रूरी है।
हर राज्य, हर थाने को इस घटना से प्रेरणा लेनी चाहिए। जब वर्दी के पीछे दिल धड़कता है, तब ही देश की आत्मा मजबूत होती है। SHO यादव जैसे अधिकारी, वर्दी का असली सम्मान बनाते हैं।