भारत की आर्थिक स्थिति और औद्योगिक विकास का अंदाजा लगाने के लिए हर साल Annual Survey of Industries (ASI) जारी किया जाता है। वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट ने एक बार फिर यह साबित किया है कि उत्तर प्रदेश तेज़ी से औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में मजबूत स्थिति बना रहा है। इस रिपोर्ट में यूपी को देश के टॉप-5 राज्यों में शामिल किया गया है।
ASI रिपोर्ट न सिर्फ उत्पादन और उद्योगों का विवरण देती है, बल्कि यह भी बताती है कि किस राज्य ने रोजगार के क्षेत्र में कितनी प्रगति की। इस बार का सर्वे यह संकेत देता है कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था अब पारंपरिक कृषि आधारित ढांचे से निकलकर औद्योगिक केंद्र की ओर बढ़ रही है।
यूपी की स्थिति: टॉप-5 में जगह
एएसआई 2023-24 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश देश के शीर्ष पाँच राज्यों में शामिल हुआ है, जहां औद्योगिक इकाइयों और रोजगार की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई।
रिपोर्ट में यूपी के साथ महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे औद्योगिक दिग्गज राज्यों का भी नाम शामिल है। यह उपलब्धि इस बात का संकेत है कि अब यूपी को उद्योग और निवेश के लिहाज से हल्के में नहीं लिया जा सकता।
यूपी ने हाल के वर्षों में कई बड़े निवेश समझौते किए हैं। विभिन्न सेक्टरों – जैसे टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य प्रसंस्करण और ऑटोमोबाइल – में तेजी से उद्योग स्थापित हुए हैं। इसका सीधा असर रोजगार और उत्पादन पर दिखाई दे रहा है।
🚨MoSPI has released the Annual Survey of Industries (ASI) Results for 2023-24. Top Indian States by number of factories :
1. Tamil Nadu : 40,127 🥇
2. Gujarat : 33,313 🥈
3. Maharashtra : 26,526 🥉
4. Uttar Pradesh : 22,231
5. Andhra Pradesh : 16,020#MakeIndia #Industries pic.twitter.com/voE7p7CwAy— Chennai Updates (@UpdatesChennai) August 28, 2025
रोजगार सृजन में उत्तर प्रदेश की उपलब्धि
ASI रिपोर्ट 2023-24 के मुताबिक, उत्तर प्रदेश रोजगार के मामले में आगे बढ़कर राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत स्थिति बना चुका है।
- रिपोर्ट के अनुसार लाखों लोगों को विभिन्न उद्योगों में काम मिला है।
- छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों ने सबसे ज्यादा नौकरियां प्रदान की हैं।
- महिला श्रमिकों और युवाओं की भागीदारी भी लगातार बढ़ रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यूपी में हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, एक्सप्रेसवे निर्माण और औद्योगिक गलियारों के चलते निवेशक यहां रोजगार सृजन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
औद्योगिक इकाइयों की संख्या और विकास
ASI रिपोर्ट दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- छोटे और मध्यम उद्योग (MSMEs) का योगदान सबसे अधिक है।
- बड़े औद्योगिक संयंत्र भी इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में स्थापित हो रहे हैं।
- उत्पादन की क्षमता में सुधार हुआ है और स्थानीय स्तर पर भी रोजगार बढ़ा है।
यूपी सरकार की नीतियों ने यह सुनिश्चित किया है कि राज्य में उद्योगों को सस्ती बिजली, बेहतर परिवहन और निवेश-अनुकूल माहौल मिले।
Annual Survey of Industries (ASI) Results for 2023-24
💠Gross Value Added grew by 11.89% in current prices in the year 2023-24 over previous year
💠Industrial output grew by more than 5.80% in 2023-24 over the previous year
💠Total estimated employment in the sector* showed a… pic.twitter.com/gvMvfp6jAs
— PIB India (@PIB_India) August 27, 2025
नीतियों और सरकारी प्रयासों का असर
उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते कुछ वर्षों में कई ऐसी नीतियां लागू की हैं जिनका सीधा असर औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन पर पड़ा है।
- इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2022
- Ease of Doing Business में सुधार
- निवेशकों को प्रोत्साहन और सब्सिडी
- विशेष आर्थिक क्षेत्रों और औद्योगिक गलियारों की स्थापना
इन पहलों का असर अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसे आयोजन से न केवल देशी बल्कि विदेशी निवेशक भी यूपी की ओर आकर्षित हुए हैं।
राष्ट्रीय और वैश्विक निवेशकों की रुचि
उत्तर प्रदेश ने हाल के वर्षों में राष्ट्रीय और वैश्विक निवेशकों का विश्वास जीता है। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने यहां निवेश किया है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सेक्टर में बड़े निवेश
- एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर की कंपनियों की रुचि
- फूड प्रोसेसिंग और एग्री-बिजनेस में निवेश
इन निवेशों के चलते रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं और राज्य का औद्योगिक उत्पादन भी नई ऊँचाइयों तक पहुंचा है।
चुनौतियाँ और भविष्य की राह
हालांकि उपलब्धियां बड़ी हैं, लेकिन चुनौतियाँ भी मौजूद हैं।
- बिजली आपूर्ति और ट्रांसपोर्ट को और मजबूत करने की जरूरत है।
- कुशल श्रमबल की कमी अब भी कई उद्योगों के लिए चुनौती है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक अवसर सीमित हैं।
इन चुनौतियों के बावजूद, विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यूपी अपनी औद्योगिक ताकत और रोजगार क्षमता के दम पर देश की अर्थव्यवस्था में और बड़ा योगदान देगा।
साथ ही यह भी जरूरी है कि विकास प्रक्रिया में प्रशासनिक पारदर्शिता और राजनीतिक स्थिरता बनी रहे। हाल ही में यूपी निवासियों के बिहार की मतदाता सूची में शामिल होने और उस पर चुनाव आयोग की सफाई का मामला सामने आया था, जिसने दिखाया कि विकास के साथ-साथ लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की निष्पक्षता भी उतनी ही अहम है।
अन्य राज्यों से तुलना
अगर यूपी की तुलना महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों से की जाए तो साफ दिखता है कि यूपी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
- महाराष्ट्र और गुजरात जहां लंबे समय से औद्योगिक हब रहे हैं, वहीं यूपी ने हाल के वर्षों में तेजी से विकास किया है।
- तमिलनाडु और कर्नाटक आईटी और टेक्नोलॉजी हब माने जाते हैं, लेकिन यूपी अब मैन्युफैक्चरिंग और MSME सेक्टर में अपनी पहचान बना रहा है।
यूपी की बढ़ती औद्योगिक ताकत
ASI 2023-24 रिपोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ कृषि प्रधान राज्य नहीं, बल्कि एक मजबूत औद्योगिक और रोजगार सृजन केंद्र भी बन चुका है।
आने वाले वर्षों में यदि राज्य अपनी चुनौतियों को दूर करने में सफल रहता है, तो यह न केवल भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा देगा बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार का रास्ता भी खोलेगा।
👉 अब सवाल यह है कि पाठक इस उपलब्धि को कैसे देखते हैं? क्या आपको लगता है कि यूपी आने वाले समय में देश का सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र बन सकता है? अपनी राय कमेंट में ज़रूर बताइए।




















