खडूर साहिब से लोकसभा सांसद और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत को पंजाब सरकार ने एक साल और बढ़ा दिया है। यह फैसला राज्य और केंद्र सरकार की संयुक्त समीक्षा के बाद लिया गया है।
यह कदम ऐसे समय पर आया है जब उनके नौ सहयोगियों की हिरासत को आगे नहीं बढ़ाया गया और उन्हें पंजाब वापस लाया गया। लेकिन अमृतपाल को अब भी असम के डिब्रूगढ़ जेल में ही रखा जाएगा।
NSA of Khadoor Sahib MP #AmritpalSingh has extended by one more year on basis of intelligence reports by state home department. NSA of his 9 co detainees has not extended & they have been shifted to punjab. It’s political implications for @BhagwantMann govt is yet to be seen pic.twitter.com/zJvPrexBUy
— Gurshamshir Singh (@gswaraich6) April 18, 2025
एनएसए क्या है और यह क्यों लगाया गया?
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA), 1980 में लागू किया गया एक कठोर कानून है, जो सरकार को बिना आरोप तय किए, किसी भी व्यक्ति को 12 महीने तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है। इसे तब लागू किया जाता है जब सरकार को लगे कि कोई व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा है।
अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों पर यह कानून फरवरी 2023 में अजनाला थाने पर हुए हमले के बाद लगाया गया था। बाद में, अप्रैल 2023 में उन्हें मोगा ज़िले के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया और असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया।
अमृतपाल सिंह की कहानी: दुबई से पंजाब तक
अमृतपाल सिंह वर्ष 2022 में दुबई से वापस लौटे और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का नेतृत्व संभाला, जिसे अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने शुरू किया था। लेकिन दीप सिद्धू की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद, संगठन का नेतृत्व अमृतपाल ने संभाला और इसे एक कट्टरपंथी रास्ते पर ले गए।
उन्होंने जर्नेल सिंह भिंडरावाले की तरह वेशभूषा अपनाई और पारंपरिक सिख धार्मिक मूल्यों पर ज़ोर देने लगे। कई बार उनके बयानों को भड़काऊ और उकसावे वाला माना गया।
अजनाला हमला और NSA की शुरुआत
23 फरवरी 2023 को अमृतपाल और उनके समर्थकों ने अजनाला थाने पर धावा बोला। वे अपने करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई की मांग कर रहे थे। हजारों की संख्या में समर्थक तलवारें और हथियार लेकर थाने में घुस आए, पुलिस पर हमला किया और तूफान को छुड़ा ले गए।
इस हमले के बाद पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को व्यापक स्तर पर कार्रवाई शुरू की। अमृतपाल करीब एक महीने तक फरार रहे। इस दौरान पंजाब में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई थीं।
गिरफ्तारी और सहयोगियों की स्थिति
23 अप्रैल 2023 को अमृतपाल को मोगा ज़िले के रोडे गांव में एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया। उसके बाद से वे डिब्रूगढ़ जेल में हैं।
उनके साथ गिरफ्तार किए गए नौ सहयोगियों में शामिल हैं:
- पप्पलप्रीत सिंह
- भगवंत सिंह
- कुलवंत सिंह धालीवाल
- गुरमीत सिंह
- हरजीत सिंह
- दलजीत सिंह कालसी
- बसंत सिंह
- गुरिंदरपाल सिंह
- वरिंदर सिंह
इनमें से अधिकतर की NSA हिरासत मार्च 2025 में समाप्त हो गई और उन्हें पंजाब लाकर अजनाला केस में ट्रायल के लिए भेजा गया।
लोकसभा चुनाव और सांसद बनने की कहानी
हालांकि गिरफ्तारी के बावजूद अमृतपाल सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनावों में खडूर साहिब से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को 1.9 लाख वोटों से हराया।
सुरक्षा कारणों से, उन्हें 5 जुलाई 2024 को लोकसभा अध्यक्ष के निजी कक्ष में शपथ दिलाई गई।
क्यों बढ़ाई गई NSA की अवधि?
राज्य गृह विभाग ने अमृतसर ज़िला मजिस्ट्रेट की सिफारिश पर अमृतपाल की NSA हिरासत को 1 साल और बढ़ाने का निर्णय लिया। यह फैसला पुलिस और खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया, जिसमें बताया गया कि अमृतपाल अभी भी राज्य की कानून व्यवस्था के लिए खतरा बने हुए हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “राज्य और केंद्रीय एजेंसियों ने मिलकर वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन किया है। अमृतपाल की गतिविधियों से संबंधित खतरे को देखते हुए, उनकी हिरासत बढ़ाई गई है।”
विवाद और मानवाधिकार बहस
कुछ संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने अमृतपाल की हिरासत बढ़ाने पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बिना ट्रायल के इतनी लंबी हिरासत, संविधानिक अधिकारों का हनन है। वहीं, सरकार का कहना है कि यह निर्णय राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने UAPA के तहत दर्ज मामलों को “राजनीतिक साजिश” बताया और कहा कि यह उनके बेटे के राजनीतिक भविष्य को खत्म करने की योजना है।
क्या वापस लाया जाएगा पंजाब?
रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब पुलिस की एक टीम असम गई है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अमृतपाल को पंजाब लाया जाएगा या डिब्रूगढ़ में ही रखा जाएगा। अधिकारी ने बताया कि स्थिति की समीक्षा के बाद निर्णय लिया जाएगा।
आगे क्या?
अमृतपाल सिंह के खिलाफ UAPA के तहत भी जांच चल रही है। उनकी हिरासत अब अप्रैल 2026 तक बढ़ा दी गई है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके खिलाफ मुकदमे कैसे आगे बढ़ते हैं और क्या वे पंजाब वापस आ पाएंगे।
निष्कर्ष
अमृतपाल सिंह का मामला केवल एक राजनीतिक या कानूनी मुद्दा नहीं, बल्कि पंजाब की सुरक्षा और समाज में कट्टरवाद के खतरे से जुड़ा मामला बन चुका है। NSA के तहत एक और साल की हिरासत सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।