देश की सुरक्षा, अब अभ्यास के ज़रिए होगी और मजबूत
भारत में आज यानी शुक्रवार, 31 मई को, एक अलग ही नज़ारा देखने को मिलेगा। कहीं अचानक बिजली गुल हो जाएगी, तो कहीं तेज़ आवाज़ में सायरन गूंजने लगेंगे। लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं — ये सब “ऑपरेशन शील्ड” के तहत हो रहा है।
यह एक मॉक ड्रिल है, यानी एक ऐसा अभ्यास, जो युद्ध या किसी बड़े आपातकाल की स्थिति में सरकार और लोगों की तैयारियों को परखने के लिए किया जाता है।
देश के कई अहम हिस्सों में आज यह अभ्यास होगा, जिसमें सेना, पुलिस, सिविल डिफेंस, मेडिकल टीम्स और प्रशासनिक अमले के साथ आम लोग भी भाग लेंगे।
किन इलाकों में होगी ड्रिल, क्या है टाइमिंग?
सूत्रों के मुताबिक, जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस मॉक ड्रिल में शामिल किया गया है, उनमें प्रमुख रूप से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का नाम सामने आया है।
इन इलाकों में ड्रिल के समय अलग-अलग स्लॉट तय किए गए हैं। सुबह कुछ जगहों पर ड्रिल शुरू हो गई है, जबकि कुछ स्थानों पर दोपहर और शाम के लिए शेड्यूल है।
स्थानीय प्रशासन ने पहले से ही नागरिकों को सूचित कर दिया है कि किस समय, किस इलाके में कौन-कौन सी गतिविधियां होंगी। कई जिलों में लाउडस्पीकर, पोस्टर और मोबाइल अलर्ट के ज़रिए भी जानकारी दी गई है।
*Operation Shield Blackout Mock Drill from 8 pm to 8.15 pm tomorrow*
*Also urges Ludhiana residents to voluntarily participate by switching off all lights during the drill* pic.twitter.com/CFkU1mUSuX
— District Election Officer, Ludhiana (@LudhianaDEO) May 30, 2025
क्या-क्या हो सकता है आज — अलर्ट रहें, लेकिन घबराएं नहीं
आज के दिन कुछ ऐसी चीज़ें देखने को मिल सकती हैं, जो आम दिनों में नहीं होतीं। मसलन:
🔦 बिजली अचानक चली जाएगी
कुछ जगहों पर इच्छा से बिजली काटी जाएगी, जिससे ब्लैकआउट जैसा माहौल बनाया जा सके। इसका मकसद यह देखना है कि बिना बिजली के जरूरी सेवाएं और लोग कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।
🚨 सायरन गूंजेंगे
एयर रेड सायरन, यानी वो आवाज़ जो आमतौर पर खतरे या हवाई हमले की चेतावनी के लिए इस्तेमाल होती है — वह आज बजाई जाएगी। आवाज़ तेज़ होगी और अचानक आ सकती है, इसलिए घबराएं नहीं।
🛡️ सुरक्षा बलों की मूवमेंट
सड़कों पर पुलिस, होमगार्ड और कभी-कभी सेना की गाड़ियां भी दिख सकती हैं। वे लोगों से बातचीत भी कर सकते हैं या ट्रैफिक को कुछ देर के लिए रोक सकते हैं — यह सब अभ्यास का हिस्सा है।
मकसद सिर्फ एक — वक्त आने पर कोई चूक न हो
ऑपरेशन शील्ड का मकसद सीधा है — अगर कभी असली आपदा या युद्ध जैसी स्थिति आती है, तो हम सब तैयार रहें।
इस अभ्यास के ज़रिए सरकार यह जानना चाहती है कि:
- हमारी टीमें कितनी जल्दी रिएक्ट कर सकती हैं?
- लोगों को अलर्ट करने की प्रक्रिया कितनी प्रभावी है?
- आम नागरिक ऐसे हालात में क्या रुख अपनाते हैं?
यह सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक ऐसा ग्राउंड टेस्ट है जो भविष्य की रणनीति तय कर सकता है।
आपकी भूमिका क्या है — जिम्मेदारी सबसे ज़रूरी
अगर आप उन इलाकों में हैं जहां यह ड्रिल हो रही है, तो कुछ बातें जरूर ध्यान में रखें:
📌 प्रशासन की बात मानें
अगर कहा गया है कि घर के अंदर रहें या लाइट्स बंद रखें — तो ऐसा जरूर करें। यह आपकी सुरक्षा और अभ्यास दोनों के लिए ज़रूरी है।
📢 अफवाहों से बचें
सोशल मीडिया पर कोई भी मैसेज बिना पुष्टि के शेयर न करें। प्रशासन जो कहे, वही सही सूचना मानी जाए।
🔋 खुद को तैयार रखें
मोबाइल, टॉर्च, पावरबैंक जैसी चीज़ें पहले से चार्ज रखें। जरूरी दस्तावेज़ और दवाइयां एक जगह रख लें।
🤝 सहयोग करें
अगर प्रशासन आपसे कोई जानकारी मांगे या सहयोग मांगे, तो उसमें सहयोग करना ही आपकी नागरिक जिम्मेदारी है।
प्रशासन ने क्या-क्या इंतज़ाम किए हैं?
इस मॉक ड्रिल को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने किसी भी किस्म की ढील नहीं बरती है।
- पुलिस और अर्धसैनिक बलों को अलर्ट पर रखा गया है
- एम्बुलेंस और फर्स्ट एड टीमें हर एक्टिव ज़ोन के पास तैनात हैं
- कुछ जगहों पर ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है
- लोगों को पहले ही SMS और लोकल मीडिया के ज़रिए जानकारी दी गई है
इससे पहले भी देश ने इस तरह की तैयारियों को लेकर कई मॉक ड्रिल देखी हैं। उदाहरण के तौर पर, 7 मई को देशभर में हुई मॉक ड्रिल ने भी प्रशासन और नागरिकों की भागीदारी को परखने का मौका दिया था।
इस बार का फोकस सिर्फ ज़रूरत पड़ने पर नहीं, ज़रूरत आने से पहले तैयार रहने पर है।
नतीजा साफ है — तैयारी से ही सुरक्षा संभव है
ऑपरेशन शील्ड एक अभ्यास है, लेकिन यह हमें बहुत कुछ सिखा सकता है।
यह दिखाता है कि सिर्फ हथियार या सेनाएं नहीं, लोगों की समझदारी और तैयारी भी देश की ताकत होती है।
अगर हम आज अभ्यास को गंभीरता से लेंगे, तो कल संकट आने पर हमें घबराने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
हर नागरिक की भूमिका अहम है — क्योंकि एक सजग नागरिक ही सुरक्षित भारत की नींव है।
🗣️ आपका अनुभव क्या कहता है?
क्या आपके इलाके में भी मॉक ड्रिल हुई?
आपको कैसा लगा ये अनुभव?
कमेंट करके हमें बताइए — आपकी बात देशभर के लोगों तक पहुंचेगी।