🍛 “साफ-सुथरा खाना”… लेकिन क्या वाकई?
सोचिए, आपने बाज़ार से ताज़ी सब्ज़ियाँ खरीदीं, रसोई में प्यार से खाना बनाया, और परिवार के साथ बैठकर खा लिया। सब ठीक है ना? लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो खाना हम खा रहे हैं वो वाकई सुरक्षित है?
आज के दौर में हर चीज़ चमकदार पैकेज में आती है – बिस्किट से लेकर दूध तक। पर उस पैकेज के अंदर जो है, क्या वो भरोसे के लायक है?
यही सवाल हर साल 7 जून को हमें याद दिलाता है — जब पूरी दुनिया विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) मनाती है।
📆 इस साल की थीम क्या है और क्यों मायने रखती है?
2025 की थीम है:
“Food Safety: Prepare for the Unexpected”
मतलब ये कि चाहे बाढ़ आए, भूकंप हो या फिर कोई महामारी — ऐसे हालात में भोजन की सुरक्षा सबसे पहले खतरे में पड़ती है। कई बार खाना तो मिल जाता है, पर वो इंसान को ठीक करने की बजाय और बीमार कर देता है।
थोड़ा सोचिए, कोविड के समय कितने लोगों ने बिना देखे-समझे चीजें खाईं, और फिर अस्पताल पहुँचे।
इसलिए इस साल का संदेश है – “पहले से तैयार रहें, ताकि खाने में ज़हर न हो, बल्कि ज़िंदगी हो।”
DFPD undertakes diverse range of efforts to provide quality food grains to beneficiaries through scientific techniques. Stay tuned for more interesting facts on upcoming World Food Safety Day. #WorldFoodSafetyDay pic.twitter.com/lH7m6DVaZE
— Department of Food & Public Distribution (@fooddeptgoi) June 3, 2025
🕰️ कहां से शुरू हुई ये सोच?
बहुत पुरानी बात नहीं है।
साल 2018 में संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार ये मान्यता दी कि दुनिया को एक दिन ऐसा चाहिए जो सिर्फ खाने की सुरक्षा को समर्पित हो।
तभी तय हुआ कि हर साल 7 जून को “World Food Safety Day” मनाया जाएगा।
इस फैसले के पीछे दो बड़ी संस्थाएँ थीं –
इनका मकसद साफ़ था:
दुनिया को याद दिलाना कि पेट भरने से ज्यादा ज़रूरी है – पेट सही तरीके से भरना।
🍽️ घर से लेकर होटल तक, कहाँ-कहाँ चूक हो सकती है?
हम सोचते हैं कि बस होटल वाले ही लापरवाही करते हैं, या फूड डिलीवरी ऐप वाले। लेकिन ज़रा ठहरिए…
क्या आप जानते हैं कि कई बार हम खुद अपने घर में ही ऐसे काम करते हैं जो खाने को असुरक्षित बना देते हैं?
चलिए कुछ आम गलतियाँ देखते हैं:
- सब्ज़ियाँ धोए बिना काटना
- बचे हुए खाने को खुला छोड़ देना
- दूध या दही की एक्सपायरी देखे बिना उपयोग करना
- खाना दोबारा गरम करते वक्त सही तापमान तक न पहुंचाना
ये छोटी बातें हैं, पर बीमारियाँ यहीं से शुरू होती हैं।
WHO कहता है कि हर साल 60 करोड़ लोग असुरक्षित भोजन के कारण बीमार पड़ते हैं।
और इनमें से लगभग 4.2 लाख की मौत हो जाती है।
अब सोचिए, हम कितनी बार ऐसी छोटी गलती करते हैं, और भाग्यशाली होते हैं कि बच जाते हैं।
भारत में क्या हो रहा है?
भारत में खाद्य सुरक्षा का जिम्मा FSSAI के पास है। आपने “Eat Right India” वाला लोगो तो जरूर देखा होगा।
FSSAI का हालिया फोकस:
- स्ट्रीट फूड वेंडर्स को ट्रेनिंग देना
- स्कूलों और कॉलेजों में “सेफ फूड कैंपेन”
- और अब “Whistle Blower” सिस्टम — यानी अगर कोई गड़बड़ी देखो, तो रिपोर्ट करो।
Safety is not an afterthought — it’s a process that begins the moment the food grains enter our depots with stringent measures followed by trained officers stationed at various depots and labs of FCI. #WorldFoodSafetyDay #FoodSafety #SafeGrains #FCI #Storage #PMGKAY… pic.twitter.com/fZpcJCuvj4
— Food Corporation of India (@FCI_India) June 5, 2025
पंजाब से एक ताज़ा उदाहरण:
मार्च 2025 में पंजाब के पटियाला में एक मिठाई की दुकान पर छापा पड़ा। वजह?
कस्टमर ने शिकायत की कि मिठाई खाने से उसे उल्टी-दस्त होने लगे।
जांच में पता चला –
मिठाई में इस्तेमाल हो रहा पनीर खराब था, और उसे बर्फ से ठंडा कर छुपाया गया था।
ऐसे केस केवल पंजाब में नहीं, हर राज्य में होते हैं — बस सवाल ये है कि हम बोलते हैं या चुप रहते हैं।
🌍 बाकी दुनिया क्या कर रही है?
अब एक नज़र डालते हैं कि दूसरे देश इस दिन को कैसे मना रहे हैं:
- ऑस्ट्रेलिया: बच्चों के लिए “स्मार्ट ईटिंग गेम” चलाया जा रहा है
- जापान: बुज़ुर्गों के लिए “सेफ्टी अवेयरनेस वॉक”
- अमेरिका: FDA सोशल मीडिया पर हर दिन एक #SafeFoodChallenge पोस्ट कर रहा है
- केन्या: किसानों के लिए सेमिनार – “कैसे रखें अनाज को सुरक्षित”
मतलब साफ है –
हर देश अपने हिसाब से इस मुद्दे को लोगों की ज़िंदगी से जोड़ रहा है।
🧠 क्या उपभोक्ता की कोई भूमिका नहीं?
बिलकुल है।
असल में, खाने को सुरक्षित बनाना सरकार की जितनी जिम्मेदारी है, उतनी ही हमारी भी है।
कुछ आसान बातें जो हम सभी कर सकते हैं:
- सामान खरीदते समय मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जरूर पढ़ें
- किसी पैकेज में फूला हुआ हिस्सा हो तो कभी ना खरीदें
- जो खाना बचे, उसे सही तरीके से स्टोर करें
- बाहर खाना खा रहे हों तो साफ-सफाई पर जरूर ध्यान दें
हर घर, हर रसोई, हर टिफिन — अगर थोड़ा सा सावधान हो जाए, तो बीमारियाँ भी कम होंगी और अस्पताल के बिल भी।
🙋♀️ क्या आपने कभी रिपोर्ट की है?
यहाँ एक सवाल आपसे —
क्या आपने कभी किसी गड़बड़ चीज़ को देखकर दुकानदार से शिकायत की है?
ज़्यादातर लोग चुप रहते हैं।
या सोचते हैं कि “छोड़ो यार, कौन झंझट ले।”
पर जब बात खाने की हो, तो चुप रहना खुद पर ज़ुल्म करने जैसा है।
FSSAI अब एक consumer grievance app भी चला रहा है — जहाँ आप फोटो भेजकर रिपोर्ट कर सकते हैं।
🧾खाना केवल पेट नहीं भरता, सोच भी बदलता है
जब हम अपने खाने के प्रति सजग होते हैं, तो सिर्फ शरीर नहीं, पूरा समाज बदलता है।
हम बच्चों को सिखाते हैं कि खाना बर्बाद मत करो —
अब सिखाने का वक्त है कि खाना समझदारी से खाओ।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2025 हमें यही समझाने आया है –
कि “हम क्या खा रहे हैं”, ये उतना ही ज़रूरी है जितना “क्यों खा रहे हैं।”