सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे शुभ समय माना गया है। यह माह केवल परंपराओं तक सीमित नहीं बल्कि ईश्वर के प्रति आस्था और श्रद्धा को समर्पित एक आध्यात्मिक यात्रा है। भक्तों के मन में सबसे आम सवाल यह होता है – सावन में शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए और क्या नहीं?
इस लेख में जानिए उन चीज़ों की सूची जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं, और साथ ही वे चीज़ें जिन्हें चढ़ाना धार्मिक रूप से वर्जित माना गया है।
सावन में शिव की पूजा का धार्मिक महत्व
सावन मास में भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को जब शिव ने ग्रहण किया, तो उन्हें शांत रखने के लिए देवताओं ने उनके ऊपर जल चढ़ाया। तभी से जलाभिषेक की परंपरा आरंभ हुई।
सावन सोमवार का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने और शिवलिंग पर पूजा करने से इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
कांवड़ यात्रा भी सावन मास में शिवभक्तों के लिए अत्यंत विशेष मानी जाती है। इसके पीछे की पौराणिक कथा और महत्व आप यहाँ पढ़ सकते हैं – कांवड़ यात्रा का महत्व और पौराणिक कहानी
शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली पवित्र चीज़ें
- शुद्ध जल
शिवलिंग पर जल चढ़ाना सबसे पहली और आवश्यक पूजा प्रक्रिया है। यह तन-मन की शुद्धता और समर्पण का प्रतीक है। - बेल पत्र
भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय हैं। ध्यान रखें कि पत्ते साबुत हों और फटे न हों। - भांग
भांग शिव की प्रिय वस्तु मानी जाती है। इसे चढ़ाकर मानसिक शांति की कामना की जाती है। - धतूरा
धतूरा विषैला फल है जिसे शिवलिंग पर चढ़ाना उनकी शांति और संतुलन को बनाए रखने के लिए किया जाता है। - सफेद पुष्प
सफेद रंग के फूल जैसे कनेर, कुमुद आदि भगवान शिव को चढ़ाना शुभ माना गया है। - अक्षत (चावल)
बिना टूटे हुए सफेद चावल पूर्णता और पवित्रता का प्रतीक माने जाते हैं। - शहद
शहद से भगवान शिव को चढ़ाकर भक्त अपने जीवन में मिठास और संतुलन की कामना करते हैं। - गाय का दूध
गाय के दूध से अभिषेक करने से सात्विक ऊर्जा मिलती है और शिव कृपा प्राप्त होती है। - चंदन
चंदन की शीतलता शिव की प्रकृति से मेल खाती है। यह मानसिक शांति प्रदान करता है। - पंचामृत
दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से बना पंचामृत शिवलिंग पर चढ़ाना अत्यंत पुण्यकारी होता है।
शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित चीज़ें
- तुलसी के पत्ते
तुलसी विष्णु को समर्पित हैं, इसलिए इन्हें शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित है। - केतकी फूल
एक पौराणिक कथा के अनुसार इस फूल ने झूठ बोला था, जिससे शिव ने इसे श्रापित कर दिया। - सिंदूर
सिंदूर देवी का प्रतीक है और शिवलिंग पर इसे चढ़ाना वर्जित है। - नारियल पानी
नारियल शिव को अर्पित किया जा सकता है, लेकिन उसका पानी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए। - हल्दी
हल्दी विवाह और देवी से जुड़ी होती है, शिव पर इसका प्रयोग नहीं होता। - टूटा हुआ बेलपत्र
फटा या सूखा बेलपत्र अशुद्ध माना जाता है और अर्पण योग्य नहीं होता। - बासी फूल
ताजे फूल ही चढ़ाने योग्य होते हैं, बासी फूलों से पूजा निष्फल हो सकती है। - नमक या पका भोजन
शिव पूजा में सिर्फ सात्विक और कच्ची चीज़ें चढ़ाई जाती हैं। नमक और पका भोजन वर्जित है।
पूजा की सही विधि: एक सरल प्रक्रिया
– सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
– शिवलिंग को शुद्ध जल से स्नान कराएं।
– पंचामृत से अभिषेक करें।
– बेलपत्र, पुष्प, भांग, धतूरा आदि क्रम से अर्पित करें।
– “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
– धूप व दीप जलाकर आरती करें।
– अंत में शांति मंत्र बोलकर पूजा पूर्ण करें।
सावन में शिव पूजा के लाभ
– संतान प्राप्ति में सहायता
– विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं
– करियर और नौकरी में प्रगति
– मानसिक शांति और आत्मिक बल
– ग्रह दोषों से मुक्ति
– परिवार में सुख-शांति
पूजा में आम गलतियां
– मोबाइल पर बात करते हुए पूजा करना
– अशुद्ध या फटा हुआ बेलपत्र चढ़ाना
– बिना मन के सामग्री अर्पित करना
– पूजा को केवल दिखावे के रूप में करना
निष्कर्ष
शिव की पूजा में श्रद्धा और भक्ति सबसे आवश्यक तत्व हैं। सावन वह अवसर है जब भक्त पूरी श्रद्धा से भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। जो सामग्री चढ़ाई जा रही है, वह शुद्ध होनी चाहिए और आस्था के साथ अर्पित होनी चाहिए।
सावन में यदि शास्त्रों के अनुसार और पूर्ण श्रद्धा से भगवान शिव की पूजा की जाए तो निश्चित ही जीवन में सुख, शांति और मनोकामना पूर्ति संभव है।




















