पंजाब की सियासत में एक बार फिर गरमाहट लौट आई है। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में अपने संगठन को मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए नए कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति की है। पदभार ग्रहण करते ही अश्वनी शर्मा ने प्रदेश सरकार पर करारा हमला बोला और राजनीतिक माहौल को एक बार फिर तेज कर दिया।
इस घटनाक्रम को केवल आंतरिक पार्टी गतिविधि कहकर टालना मुश्किल है, क्योंकि इसके साथ ही विपक्ष की रणनीति और सत्तारूढ़ दल की कार्यशैली पर तीखा सवाल खड़ा हुआ है।
पदभार संभालते ही बड़ा राजनीतिक संदेश
अश्वनी शर्मा के अध्यक्ष बनने के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल देखने को मिला। समारोह में उनकी ऊर्जा और आक्रामक शैली ने साफ संकेत दे दिया कि आने वाले समय में भाजपा का रुख अब और मुखर होने वाला है।
“यह सिर्फ एक पद नहीं, बल्कि पंजाब के विकास की नई शुरुआत है”, इस वाक्य ने उनके इरादों को स्पष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है जब जनसंवाद और जवाबदेही को राजनीतिक मंचों पर फिर से स्थापित किया जाए।
VIDEO | MLA Ashwani Sharma (@AshwaniSBJP) takes charge as Working State President of Punjab BJP. #PunjabBJP pic.twitter.com/hn6VXX7JHD
— Press Trust of India (@PTI_News) July 13, 2025
मुख्यमंत्री मान की कार्यशैली पर करारा हमला
कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में अश्वनी शर्मा ने सीधा निशाना मुख्यमंत्री भगवंत मान पर साधा। उन्होंने मान द्वारा प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर की गई आलोचना को बेहद गंभीर और बचकाना करार दिया।
“प्रधानमंत्री की विदेश यात्राएं देश की गरिमा और साझेदारी को मजबूत करती हैं। इस पर राजनीति करना सिर्फ एक सस्ता ड्रामा है।”
इस तीखी टिप्पणी से साफ है कि भाजपा अब मान सरकार को हर मंच पर घेरने की तैयारी में है।
इतना ही नहीं, अश्वनी शर्मा ने राज्य की कानून व्यवस्था, बेरोजगारी और विकास के मुद्दों को लेकर भी “सरकार नहीं, सर्कस” वाला जुमला उछाल दिया, जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी।
पंजाब में भाजपा की भविष्य की रणनीति
कार्यक्रम के दौरान भाजपा की आगामी रणनीति पर भी संकेत दिए गए। पार्टी का जोर अब युवा, किसान और व्यापारी वर्ग को जोड़ने पर रहेगा। भाजपा यह मानती है कि राज्य में जनता अब सिर्फ भाषण नहीं, काम देखना चाहती है।
“हम सिर्फ विरोध के लिए विरोध नहीं करेंगे, बल्कि मुद्दों की सच्चाई सामने रखेंगे।”
इस बयान से स्पष्ट है कि पार्टी अब मैदान में पूरी तैयारी से उतरने जा रही है।
पार्टी नेताओं का साथ और समर्थन
कार्यभार ग्रहण करते वक्त अश्वनी शर्मा के साथ कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। सभी नेताओं ने एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए कहा कि अब पार्टी जमीनी स्तर पर सक्रिय होगी, और आम जनता तक सीधे संवाद को प्राथमिकता देगी।
इस आयोजन ने भाजपा के संगठनात्मक ढांचे की मजबूती का भी प्रदर्शन किया, जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल और बढ़ा।
आज चंडीगढ़ में कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व संभालते समय, पंजाब भर से आए समर्पित कार्यकर्ताओं का दिल से धन्यवाद करता हूँ।
आपकी मौजूदगी ने मेरा हौसला बढ़ाया है।
आपका यही जोश और समर्थन हमें पंजाब में मज़बूत, जनहितैषी सरकार की ओर ले जाएगा।
जय हिंद, जय भाजपा, जय पंजाब! pic.twitter.com/IPuYVOte9K— Ashwani Sharma (मोदी का परिवार) (@AshwaniSBJP) July 13, 2025
आप सरकार की नीतियों पर सवाल
अश्वनी शर्मा ने सिर्फ बयानबाज़ी तक ही बात नहीं रखी, बल्कि सरकार की नीतियों की बारीकी से आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था कमजोर हुई है, युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्र उपेक्षित हैं।
“सरकार सिर्फ जुमलों से नहीं चलती, जमीनी काम भी चाहिए।”
यह टिप्पणी स्पष्ट संकेत देती है कि भाजपा अब हर मंच पर आप सरकार की जवाबदेही मांगने जा रही है।
बदलते राजनीतिक समीकरण
पंजाब की राजनीति हमेशा से ही बदलते समीकरणों की गवाह रही है। अब जबकि भाजपा ने अश्वनी शर्मा जैसे आक्रामक नेतृत्व को आगे किया है, राज्य की राजनीति में नए संतुलन बनने की संभावनाएं तेज़ हो गई हैं।
राज्य की जनता अब देख रही है कि कौन वास्तव में उनके मुद्दों पर बात कर रहा है और कौन केवल मंचीय बयानबाज़ी तक सीमित है।
सियासी टक्कर होगी और तेज़
अश्वनी शर्मा के आक्रामक रुख से साफ है कि भाजपा पंजाब में अब पहले से कहीं ज़्यादा एक्टिव रोल निभाएगी। विपक्ष में रहते हुए भी पार्टी अब हर मंच पर सरकार से सवाल करेगी और जवाब मांगेगी।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह आक्रामकता भाजपा को जनसमर्थन दिला पाएगी या नहीं। लेकिन इतना तो तय है कि अब पंजाब की सियासत में ठहराव नहीं, बल्कि एक नई हलचल शुरू हो चुकी है।




















