राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने JEE Main 2026 का सिलेबस जारी कर दिया है। इस बार सिलेबस को कक्षा 11वीं और 12वीं की NCERT किताबों के अनुरूप रखा गया है, साथ ही कुछ विषय हटा दिए गए हैं ताकि छात्रों का दबाव कम हो सके। हटाए गए प्रमुख टॉपिक हैं — Communication Systems, Polymers, और Mathematical Reasoning।
अब सवाल यह है कि क्या सिर्फ़ इन किताबों का अध्ययन बी.टेक (B.Tech) प्रवेश के लिए पर्याप्त है?
NCERT किताबों का महत्व और उनकी सीमा
JEE Main के प्रश्नों की जड़ें अधिकतर NCERT आधारित होती हैं। छात्रों को यदि मूलभूत अवधारणाओं पर पकड़ बनानी है तो एनसीईआरटी जरूर पढ़नी चाहिए।
लेकिन परीक्षा में सफलता के लिए कॉनसेप्ट एप्लिकेशन और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स की ज़रूरत होती है, जो सिर्फ़ NCERT से हासिल नहीं हो पाती।
विषय विशेषज्ञों के अनुसार —
- फिजिक्स में गहराई के सवालों के लिए HC Verma,
- केमिस्ट्री के लिए OP Tandon,
- और मैथ्स के लिए RD Sharma या Cengage की किताबें भी पढ़नी चाहिए।
2026 सिलेबस के बदलाव: कम अध्याय, ज्यादा गहराई
एनटीए ने इस बार सिलेबस छोटा रखा है, लेकिन प्रश्नों की गहराई बढ़ाई है। नवीनतम पैटर्न के अनुसार, हर सेक्शन में पाँचों numerical-type प्रश्न अब अनिवार्य होंगे।
इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को रटने के बजाय समझ पर आधारित अध्ययन के लिए प्रेरित करना है।
Board Exams 2026: NCERT PARAKH forms expert committee to standardise Class 10, 12 certificates
NCERT SOP to ensure all boards comply with RTE, NCF, NCTE norms; to provide students level-playing field against CBSE in entrance exams #ncert #cbse
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भारतीय उच्च शिक्षा क्षेत्र में वैश्विक पहचान
भारत उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। 2026 की वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है और अमेरिका के बाद दूसरी सबसे अधिक विश्वविद्यालय प्रतिनिधित्व वाली स्थिति प्राप्त की है। इससे स्पष्ट होता है कि भारत के विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर अपना प्रभाव बढ़ा रहे हैं, जो शिक्षा की गुणवत्ता और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में सुधार का संकेत है। भारत सरकार ने शिक्षा के विकास के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे, अनुसंधान एवं नवाचार में निवेश बढ़ाया है, जिससे छात्रों को बेहतर शिक्षण और शोध के अवसर मिल रहे हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में बड़े सुधार किए हैं और आने वाले वर्षों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र को नई दिशा दी है। इस नीति के अंतर्गत शिक्षा में लचीलापन, बहु-विषयक अध्ययन और कौशल विकास को प्राथमिकता दी गई है। NEP 2020 के कारण विश्वविद्यालयों में नामांकनों में वृद्धि हुई है और शोध गुणवत्ता में स्थिरता आई है। यह नीति 2035 तक शिक्षा के सकल नामांकन अनुपात को 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखती है, जिससे भारत की शैक्षणिक प्रतिस्पर्धा विश्व स्तर पर और मजबूत होगी।
क्या केवल NCERT से टॉप रैंक संभव है?
JEE Main में कई सवाल सीधे NCERT से पूछे जाते हैं, खासकर केमिस्ट्री सेक्शन में। परंतु टॉप रैंक हासिल करने के लिए आपको एप्लिकेशन लेवल प्रैक्टिस करनी होगी।
सलाह यह है:
- NCERT से बेस तैयार करें।
- Reference बुक्स से प्रैक्टिस बढ़ाएं।
- मॉक टेस्ट और पुराने प्रश्नपत्र हल करें।
- हर हफ्ते टाइम-बाउंड टेस्ट दें और गलतियों का विश्लेषण करें।
कठिनाई और अवसर: एडमिशन रेस और बढ़ी उम्मीदें
2026 में इंजीनियरिंग और मेडिकल दोनों ही क्षेत्रों में सीटों की संख्या बढ़ रही है। हाल ही में NEET UG 2025 में 9000 सीटें बढ़ीं जिनसे यह संकेत मिलता है कि भारत में उच्च शिक्षा के अवसर लगातार विस्तार पा रहे हैं।
इसी तरह, JEE aspirants को भी बेहतर अवसर मिल सकते हैं यदि वे अध्ययन में संतुलन और निरंतरता बनाए रखें।
कैसे करें स्मार्ट तैयारी
- दिन की शुरुआत NCERT Concepts से करें।
- हर सप्ताह mock test दें।
- Reference बुक से एप्लिकेशन सवाल हल करें।
- Revision Notes लिखें, कमजोर विषय पहचानें।
- हर टेस्ट के बाद Review Session रखें।
यह योजना छात्र को समझ, अभ्यास और समय प्रबंधन — तीनों में मजबूत बनाती है।
नींव NCERT से, सफलता तैयारी से
सिर्फ़ NCERT किताबें पढ़कर आधार तो तैयार हो जाएगा, परंतु JEE Main 2026 में सफलता पाने के लिए गहराई से अभ्यास और लगातार प्रैक्टिस अनिवार्य है।
परीक्षा अब केवल यादशक्ति नहीं, सही अनुप्रयोग और विश्लेषण पर आधारित है।
जो छात्र ‘स्मार्ट स्टडी’ रणनीति अपनाते हैं, वे निश्चित ही उच्च रैंक तक पहुँच सकते हैं।




















