Manmohan Singh Tributes : आज 26 दिसंबर 2025 है। ठीक एक साल पहले, 26 दिसंबर 2024 को भारत ने अपने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया था। 92 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ, और आज उनकी पहली पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। डॉ. मनमोहन सिंह न केवल एक कुशल अर्थशास्त्री और नेता थे, बल्कि उनकी सादगी, बुद्धिमत्ता और देशभक्ति ने उन्हें हर दिल में जगह दी। इस ब्लॉग में हम बात करेंगे उनकी पुण्यतिथि पर दी जा रही श्रद्धांजलियों की, उनकी विरासत की, और कैसे यह विषय भारत में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
डॉ. मनमोहन सिंह की याद में आज राजनीतिक दलों से लेकर आम जनता तक सभी श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने विशेष रूप से उन्हें याद किया, जबकि अन्य नेताओं ने भी उनके योगदान को सलाम किया। हालांकि मनोरंजन जगत में इस बार उतनी सक्रियता नहीं दिखी जितनी उनके निधन के समय थी, लेकिन उनकी विरासत आज भी फिल्मों और चर्चाओं में जीवित है। आइए विस्तार से समझते हैं इस महत्वपूर्ण दिन को।

डॉ. मनमोहन सिंह: भारत के आर्थिक सुधारों के जनक
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को हुआ था। वे एक साधारण परिवार से उठकर विश्व स्तर के अर्थशास्त्री बने। 1991 में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक पटल पर लाने वाले ऐतिहासिक सुधार किए। लाइसेंस राज का अंत, विदेशी निवेश को बढ़ावा और उदारीकरण – ये सभी उनके दूरदर्शी कदम थे। बाद में 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने भारत को मजबूत लोकतंत्र और समावेशी विकास की दिशा दी।
उनकी सादगी प्रसिद्ध थी। हमेशा शांत और विचारशील रहने वाले मनमोहन सिंह ने कभी व्यक्तिगत प्रचार नहीं किया, बल्कि काम से देश को प्रभावित किया। उनकी पुण्यतिथि पर “Manmohan Singh Tributes” सोशल मीडिया और न्यूज में प्रमुखता से चर्चा में है। लोग उनकी नीतियों को याद कर रहे हैं, जैसे मनरेगा जो ग्रामीण भारत को मजबूत बनाया, और सूचना का अधिकार कानून जो पारदर्शिता लाया।
आज कांग्रेस पार्टी ने उन्हें एक दूरदर्शी नेता के रूप में याद किया। पार्टी के अनुसार, मनमोहन सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। राहुल गांधी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी, कहते हुए कि उनकी नीतियां भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने वाली थीं। प्रियंका गांधी ने उनकी सादगी और समर्पण को याद किया।
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राजनीतिक जगत से श्रद्धांजलि: सभी दलों की एकजुटता
पुण्यतिथि पर राजनीतिक दलों ने दुर्लभ एकजुटता दिखाई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री के रूप में याद किया और उनके राष्ट्र विकास में योगदान की सराहना की। अन्य नेताओं जैसे सुप्रिया सुले और अजित पवार ने भी उन्हें आर्थिक सुधारों के वास्तुकार के रूप में श्रद्धासुमन अर्पित किए।
कांग्रेस ने विशेष रूप से उनके नेतृत्व को सलाम किया, कहते हुए कि वे ईमानदारी और विनम्रता के प्रतीक थे। सचिन पायलट जैसे नेताओं ने उनकी विद्वता और नीति दृष्टि को याद किया। यह “Manmohan Singh Tributes” का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां राजनीति से ऊपर उठकर सभी उनके योगदान को मान रहे हैं।
मनमोहन सिंह की विरासत केवल राजनीति तक सीमित नहीं। उनके सुधारों ने भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाया, जिसका असर हर क्षेत्र पर पड़ा।

मनोरंजन जगत में मनमोहन सिंह की छाप: पिछले साल की यादें
हालांकि इस पुण्यतिथि पर मनोरंजन जगत से नई श्रद्धांजलियां कम आईं, लेकिन पिछले साल उनके निधन पर बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय सिनेमा के सितारों ने दिल छूने वाले संदेश दिए थे। कपिल शर्मा ने उन्हें भारत के finest leaders में से एक कहा। माधुरी दीक्षित ने उनकी सादगी और बुद्धि की तारीफ की। दिलजीत दोसांझ, सनी देओल और रितेश देशमुख जैसे सितारों ने भी भावुक पोस्ट शेयर किए।
दक्षिण से चिरंजीवी, विजय, मोहनलाल और रिषभ शेट्टी ने उन्हें visionary leader कहा। चिरंजीवी ने उनकी humility को याद किया, जबकि मोहनलाल ने उनकी सेवा भावना को। ये तमाम “Manmohan Singh Tributes” उस समय ट्रेंडिंग बने थे, और आज भी लोग उन पोस्ट को याद कर रहे हैं।
मनोरंजन जगत में उनकी सबसे बड़ी छाप फिल्म “द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर” से पड़ी, जहां अनुपम खेर ने उनकी भूमिका निभाई। फिल्म ने उनके जीवन के कई पहलुओं को दिखाया, हालांकि विवाद भी हुए। आज पुण्यतिथि पर लोग इस फिल्म को फिर से याद कर रहे हैं, क्योंकि यह उनकी शांत लेकिन मजबूत नेतृत्व शैली को दर्शाती है।
मनमोहन सिंह की नीतियों ने फिल्म इंडस्ट्री को भी प्रभावित किया। उनके सुधारों से विदेशी निवेश आया, जिससे बॉलीवुड वैश्विक हुआ। आज की बड़ी फिल्में और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का विकास अप्रत्यक्ष रूप से उनकी विरासत का हिस्सा है।
मनमोहन सिंह की विरासत: आज के भारत पर प्रभाव
मनमोहन सिंह की पुण्यतिथि हमें उनकी उपलब्धियों को याद दिलाती है। 1991 के सुधारों ने भारत को संकट से बाहर निकाला। ядер हथियार परीक्षण के समय उनकी भूमिका, परमाणु समझौता और आर्थिक विकास दर – सब कुछ उनकी दूरदर्शिता का प्रमाण है।
आज जब भारत विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में है, तो इसका श्रेय काफी हद तक मनमोहन सिंह को जाता है। उनकी पुण्यतिथि पर लोग सोशल मीडिया पर #ManmohanSinghTributes के साथ उनकी यादें शेयर कर रहे हैं। युवा पीढ़ी उन्हें एक प्रेरणा स्रोत मानती है, जो दिखाता है कि सादगी और ज्ञान से कितना कुछ हासिल किया जा सकता है।
कांग्रेस ने कहा कि मनमोहन सिंह ने RTI और मनरेगा जैसे कानून दिए, जो आज भी लाखों लोगों की जिंदगी बदल रहे हैं। अन्य दलों ने भी उनके योगदान को स्वीकार किया। यह दिखाता है कि महान नेता दलों से ऊपर होते हैं।
क्यों है यह विषय ट्रेंडिंग?
2025 में मनमोहन सिंह की पुण्यतिथि इसलिए चर्चा में है क्योंकि यह हमें याद दिलाती है कि शांत नेतृत्व कितना प्रभावी होता है। आज के तेज-रफ्तार राजनीतिक माहौल में उनकी सादगी एक मिसाल है। न्यूज चैनल्स और सोशल मीडिया पर “Manmohan Singh Tributes” प्रमुखता से आ रहा है। लोग उनकी पुरानी स्पीचेज और इंटरव्यू शेयर कर रहे हैं।
मनोरंजन जगत में हालांकि इस बार शांति है, लेकिन उनकी बायोपिक और डॉक्यूमेंट्रीज फिर से देखी जा रही हैं। यह दिखाता है कि उनकी कहानी आज भी प्रासंगिक है।
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