एक होनहार छात्रा ने आत्मदाह जैसा कठोर कदम उठा लिया और इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। ये सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर गंभीर सवाल है।
घटनाक्रम की शुरुआत
बालासोर जिले के फकीर मोहन कॉलेज की एक छात्रा लंबे समय से शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेल रही थी। पढ़ाई में तेज होने के बावजूद, वह लगातार असुरक्षित महसूस कर रही थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, कॉलेज परिसर में उसका कई बार यौन उत्पीड़न किया गया था।
छात्रा ने कई बार कॉलेज प्रशासन से शिकायत की, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और लापरवाही के कारण कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया।
“मैंने कई बार बताया, लेकिन किसी ने नहीं सुना।” — पीड़िता के अंतिम शब्दों में सिस्टम की नाकामी साफ झलकती है।
आत्मदाह की घटना और अस्पताल में भर्ती
12 जुलाई को छात्रा ने कॉलेज परिसर के पास खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली। 95% तक जल चुकी छात्रा को पहले स्थानीय अस्पताल और फिर कटक रेफर किया गया। वहां ICU में कई दिन तक संघर्ष करने के बाद, उसने अंतिम सांस ली।
डॉक्टरों के अनुसार, उसकी हालत शुरुआत से ही गंभीर थी। शरीर का अधिकांश हिस्सा जल चुका था, और वह बार-बार दर्द में कराह रही थी।
India is not for the poor 💔
A girl student sets herself ablaze in a college in Odisha after her repeated pleas against her sexual harassment goes unheard.
It took the girl her life for action on the HoD Sameer Sahu and the Principal Dilip Ghosh
pic.twitter.com/tqwyrQcE8I— With Love Bihar (@WithLoveBihar) July 13, 2025
अंतिम बयान – पीड़िता की ज़ुबानी पूरा सच
इलाज के दौरान ही छात्रा ने वीडियो बयान रिकॉर्ड कराया। इसमें उसने कई युवकों पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए और कॉलेज प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल उठाए।
“मैं इंसाफ चाहती हूं। ये लोग कई लड़कियों के साथ ऐसा कर चुके हैं।” — पीड़िता
उसने साफ तौर पर बताया कि उसका मानसिक संतुलन बिगड़ चुका था और बार-बार अपमानित होने के बाद वह टूट चुकी थी।
FIR और पुलिस कार्रवाई
पीड़िता की मौत के बाद एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें कई छात्रों और एक स्टाफ सदस्य को आरोपी बनाया गया। जांच को लेकर विशेष टीम गठित की गई है, जो कॉलेज प्रशासन की भूमिका की भी समीक्षा कर रही है।
इस मामले में अब तक तीन गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और अन्य संदिग्धों से पूछताछ जारी है।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया और सरकारी रुख
राज्य के मुख्यमंत्री ने दुख जताते हुए कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने जांच में किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरतने का आदेश भी दिया है। साथ ही, छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कॉलेजों में विशेष निगरानी की घोषणा की गई है।
कॉलेज प्रशासन की भूमिका पर सवाल
कॉलेज प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर जनता और छात्र संगठनों में नाराज़गी है। कई छात्रों ने कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया।
कॉलेज ने शुरुआती जांच में किसी गड़बड़ी से इनकार किया, लेकिन अब स्थिति पलटती दिख रही है। जांच दल प्रशासन की भूमिका पर भी फोकस कर रहा है।
#WATCH | Balasore student self-immolation case | Bhubaneswar: Odisha Deputy CM Pravati Parida reaches AIIMS Bhubaneswar.
She says, “She (victim) died around 11:45 pm. I have met her family members. The doctors were trying their best to save her for the last 3 days…The… pic.twitter.com/E2buxA2sbs
— ANI (@ANI) July 14, 2025
सोशल मीडिया और छात्रों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद सोशल मीडिया पर #JusticeForStudent ट्रेंड करने लगा। कई छात्र नेताओं और एक्टिविस्ट्स ने इस मामले को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया।
लोगों का कहना है कि यह घटना चेतावनी है कि कॉलेज जैसे संस्थानों में सुरक्षित माहौल अब भी एक सपना बना हुआ है।
क्या मिलेगा इंसाफ?
इस छात्रा की दर्दनाक मौत ने सिस्टम, समाज और शिक्षा संस्थानों की कमजोरियों को उजागर किया है। सवाल सिर्फ उस एक बच्ची का नहीं, बल्कि पूरे समाज की मानसिकता का है।
जब तक प्रशासन और समाज जागरूक नहीं होंगे, ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी। न्याय की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन क्या ये न्याय समय पर और पूरी तरह मिलेगा?
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