पिछले कुछ वर्षों में प्रशासनिक प्रणाली को सुव्यवस्थित करने और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार ने अपने खजाना विभाग में कई महत्वपूर्ण डिजिटल सुधार लागू किए हैं। इस पहल का उद्देश्य सरकारी वित्तीय लेन-देन को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और त्वरित बनाना है। वित्त वर्ष 2025-26 में यह सरकार 350 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन को हासिल करने के लिए काम कर रही है, जो राज्य की बेहतर वित्तीय प्रशासन नीति का परिणाम है। यह लेख पंजाब की इन नीतिगत पहलों, सुधारों तथा उनके प्रभावों की व्याख्या करेगा।
पंजाब ट्रेज़री सुधार की मुख्य बातें
पंजाब सरकार ने वित्तीय लेनदेन के तकनीकी आधुनिकीकरण के लिए ‘SNA-SPARSH’ जैसे सिस्टम को लागू किया है जो कि केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय विभिन्न वित्तीय पोर्टल्स जैसे PFMS, IFMS और RBI के ई-कूबर से जुड़ा हुआ है। यह प्रणाली सम्पूर्ण फंड फ्लो को बेहतर ढंग से मैनेज करती है तथा अनावश्यक धन राशियों को बैंकों में लंबे समय तक पड़े रहने से रोकती है। इससे ट्रेज़री की तरलता में काफी सुधार हुआ है, जिससे त्वरित और सही समय पर फंड ट्रांसफर सुनिश्चित होते हैं। साथ ही, पेंशनधारकों के लिए पेंशनर सेवा पोर्टल प्रारंभ किया गया है, जो ऑनलाइन पेंशन प्रबंधन एवं शिकायत निपटान को आसान बनाता है।
SNA-SPARSH प्रणाली का महत्व
यह एक प्रभावी योजना है जो वित्तीय विभागों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुव्यवस्थित करती है। इससे धनराशि के आवंटन, उपयोग एवं ट्रैकिंग का प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जाता है। उदाहरण स्वरूप, अगर किसी विभाग के पास कोई निधि बिना उपयोग के रह जाती है, तो इसे तुरंत अन्य विभागों या योजनाओं के लिए स्थानांतरित कर दिया जाता है। यह सिस्टम राज्य के वित्तीय संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग को सुनिश्चित करता है।
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पेंशनर सेवा पोर्टल के लाभ
पेंशनधारियों के लिए शुरू किया गया यह केंद्रीकृत पोर्टल पेंशन योजनाओं की निगरानी, शिकायत निवारण और पेंशन भुगतान के लिए एक केंद्रीकृत डिजिटल मंच प्रदान करता है। इससे पेंशनर ऑनलाइन अपने भुगतान स्टेटस की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और जीवन प्रमाण पत्र जैसी जरूरी प्रक्रियाएं अधिक सहजता से पूरी हो पाती हैं। इस पोर्टल ने पेंशनधारियों के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया को तेज़ और पारदर्शी बना दिया है।
ऑडिट मैनेजमेंट सिस्टम और डिजिटल ई-वाउचर
नए ऑडिट मैनेजमेंट सिस्टम ने तकनीकी दृश्टि से वित्तीय प्रमाणिकता को मजबूत किया है। यह प्रणाली ऑनलाइन ऑडिट रिपोर्ट प्रदान करती है, जिससे प्रशासनिक अधिकारी वित्तीय गतिविधियों की जांच रियल टाइम कर सकते हैं। इसी के साथ पारंपरिक कागजी वाउचरों का स्थान डिजिटल ई-वाउचरों ने ले लिया है, जिससे खर्च कम हुआ है और वाउचर सुरक्षित डिजिटल माध्यम में संग्रहीत होते हैं।
प्रोत्साहन लक्ष्य और आर्थिक प्रभाव
पिछले वित्त वर्ष में पंजाब को 450 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन राशि मिली थी, और इस वित्त वर्ष के लिए ₹350 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। यह प्रोत्साहन योजना राज्य के कैपिटल निवेश को बढ़ावा देती है और सरकारी वित्तीय सुधारों की सफलता को दर्शाती है। इससे न केवल वित्तीय स्थिरता बढ़ती है, बल्कि सरकार के बेहतर संसाधन प्रबंधन से विकास कार्यों में तेजी आती है।
भविष्य की दिशा और योजनाएं
वित्त मंत्री हरपाल चीमा की माने तो यह सुधार केवल सॉफ्टवेयर उन्नयन नहीं है बल्कि पूरे वित्त प्रबंधन आर्किटेक्चर में मौलिक बदलाव है। आगे चलकर और भी सुधारों और तकनीकी नवाचारों को अपनाये जाने की योजना है, जिससे राज्य सरकार की वित्तीय प्रणाली और भी अधिक मजबूत और सक्षम बनी रह सके।
आपदा प्रबंधन और मौसम संबंधित पहल
हाल ही में पंजाब, हिमाचल और हरियाणा सहित कई राज्यों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है और मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया था। इस मुश्किल समय में सरकार के डिजिटलीकृत फंड प्रबंधन और राहत कार्य प्रणाली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आप ऐसी ताज़ा खबरों और मौसम अपडेट्स की जानकारी हमारे यहां पढ़ सकते हैं
जनता के लिए इससे मिलने वाले फायदे
डिजिटल ट्रेज़री सुधार से आम नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ त्वरित, पारदर्शी और सरल तरीके से पहुंच रहा है। चाहे पेंशन धारक हों, किसान, व्यापारी या छात्र, सभी को अब ऑनलाइन माध्यम से सुविधा मिल रही है। इससे भ्रष्टाचार घटा है, सेवा वितरण में तेजी आई है और सरकारी तंत्र की जवाबदेही बढ़ी है।
निष्कर्ष
पंजाब के डिजिटल ट्रेज़री सुधार ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन में एक नया आयाम जोड़ा है। सही प्रबंधन और तकनीकी सुधारों के जरिए सरकार ने वित्तीय पारदर्शिता को मानक बनाया है जो आने वाले वर्षों में राज्य के विकास की नींव मजबूत करेगा। पाठकों से आग्रह है कि वे इस पहल पर अपने विचार, प्रश्न और सुझाव कमेंट सेक्शन में साझा करें ताकि संवाद बना रहे और सुधारों को और भी बेहतर बनाया जा सके।