LOC पर तड़के हुई गोलीबारी ने तोड़ी शांति की नींव
7 मई 2025 की सुबह जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में आम दिनों की तरह शुरू हुई थी। मगर कुछ ही देर में पाकिस्तानी सेना ने बिना किसी उकसावे के LoC (Line of Control) और IB (International Border) पर भारी गोलीबारी शुरू कर दी।
इस हमले में 7 मासूम नागरिकों की जान चली गई और 38 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
सबसे चिंताजनक बात यह रही कि निशाना पूरी तरह से रिहायशी इलाकों पर साधा गया। स्कूल जाने की तैयारी कर रहे बच्चे, घर के काम में जुटी महिलाएं, और खेत की ओर निकलते किसान – सब अचानक गोलियों की आवाज़ से डर कर छिप गए।
📍 किन इलाकों को बनाया गया निशाना?
हमला मुख्यतः जम्मू क्षेत्र के पुंछ, राजौरी, अखनूर, और आरएस पुरा जैसे संवेदनशील सेक्टरों में हुआ।
➡️ खासकर ये गांव बुरी तरह प्रभावित हुए:
- बालाकोट (पुंछ)
- सुंदरबनी (राजौरी)
- आरएस पुरा (जम्मू)
- कानाचक (अखनूर)
👉 लगभग 3 घंटे तक लगातार मोर्टार शेलिंग और ऑटोमैटिक राइफल से फायरिंग होती रही। कई मकान क्षतिग्रस्त हुए, स्कूलों की खिड़कियां टूटीं और लोगों को बंकरों में भागना पड़ा।
👩👧 “बच्चों को रसोई में छिपाया, खुद दरवाजा पकड़कर बैठी रही,” — सीमा पर रहने वाली एक महिला की भयभीत आवाज़।
Pakistan Army shells areas along LoC in J&K; 7 dead, over 38 injured
– 7 deaths were reported in Poonch with another 25 persons injured
– 10 injured in Uri sector of Baramulla district
– 3 injured in Rajouri district#OperationSindoor #PahalgamTerroristAttack pic.twitter.com/kdAFg2AIeC
— Ishani K (@IshaniKrishnaa) May 7, 2025
🏥 राहत कार्य और घायलों की स्थिति
घायलों को राजौरी मेडिकल कॉलेज, पुंछ जिला अस्पताल, और जम्मू GMC में भर्ती किया गया।
12 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।
स्थानीय प्रशासन, सेना और पुलिस ने संयुक्त रूप से राहत और बचाव कार्य चलाया।
घायलों को त्वरित एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया।
🚑 “हमारे डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ दिन-रात काम कर रहे हैं। एक भी घायल को अनदेखा नहीं किया जाएगा।” — जम्मू स्वास्थ्य विभाग
7 civilians killed, 38 injured as Pakistan resorts to heavy artillery fire after India’s Operation Sindoor. While one person was killed in Mendhar, six died in Poonch, the officials informed. @IndianExpress pic.twitter.com/sNDplYT3Yz
— Parmeet Bidowali (@ParmeetBidowali) May 7, 2025
🛡️ भारत का जवाब और “ऑपरेशन सिंदूर”
भारत ने इस नापाक हरकत का तुरंत और जोरदार जवाब दिया। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक जवाबी मिशन शुरू किया और पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया।
🧠 सेना सूत्रों के अनुसार:
“यह जवाब केवल गोलीबारी का नहीं था, यह संदेश था कि अब भारत आतंक और गोलियों के खेल को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
इसके साथ ही, उत्तरी भारत के कई एयरपोर्ट्स को सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। इसके पीछे मुख्य कारण संभावित हवाई खतरों को लेकर सतर्कता बढ़ाना था।
👉 अधिक जानकारी के लिए आप यह रिपोर्ट देखें।
🧭 नागरिकों की प्रतिक्रिया और ज़मीनी सच्चाई
सीमावर्ती क्षेत्रों के नागरिक हर गोलीबारी के साथ न केवल जान का जोखिम उठाते हैं, बल्कि उनका भविष्य भी खतरे में होता है।
👨🌾 “हम खेतों में काम नहीं कर सकते, बच्चों को स्कूल नहीं भेज सकते, और हर वक्त डर के साये में जीते हैं।” — पुंछ के एक किसान की व्यथा
👉 स्कूल बंद कर दिए गए हैं, और बंकरों में भोजन-पानी की व्यवस्था करना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है।
🔍 केंद्र और राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने पाकिस्तान की इस हरकत को “घोर अमानवीय और अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन” बताया है।
विदेश मंत्रालय ने इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठाने की तैयारी शुरू कर दी है।
रक्षा मंत्रालय का बयान:
“पाकिस्तान को हर गोली के लिए जवाब मिलेगा। हमारी सेना तैयार है और जवाबी कार्रवाई जारी है।”
👉 इसके अलावा, देशभर में आपदा प्रबंधन की तैयारी को जांचने के लिए 7 मई को एक राष्ट्रीय मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया दी जा सके।
🌐 अंतरराष्ट्रीय मंचों पर असर
हालांकि अभी तक किसी देश ने औपचारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन अमेरिका, फ्रांस और संयुक्त राष्ट्र ने स्थिति पर नज़र बनाए रखने की बात कही है।
🕊️ संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।
🏘️ सीमावर्ती गांवों की मांगें
- पक्के बंकरों का निर्माण
- सीमावर्ती स्कूलों में सुरक्षा इंतजाम
- फसलों के नुकसान का उचित मुआवजा
- चिकित्सा और एम्बुलेंस सेवाओं की उपलब्धता
👩👦 “हमें केवल युद्ध नहीं, जीने के हक की भी ज़रूरत है,” — एक सीमा ग्रामवासी
🧭 भविष्य की राह: कूटनीति या करारा जवाब?
भारत के सामने दो रास्ते हैं –
- अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को घेरना
- सैन्य और रणनीतिक मोर्चे पर कड़ी कार्रवाई
वर्तमान हालात में यह साफ हो गया है कि भारत केवल शांति की अपील से आगे बढ़कर अब जवाब देने की नीति पर काम कर रहा है।
📢 सवाल केवल सीमा का नहीं, भरोसे का है
हर बार पाकिस्तान की ओर से की गई ऐसी कार्रवाइयाँ यह सिद्ध करती हैं कि वह न तो शांति प्रक्रिया के प्रति गंभीर है और न ही अपने नागरिकों की जिम्मेदारी समझता है।
👉 भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए न केवल सैनिक मजबूती दिखाई है, बल्कि एक ठोस संदेश भी दिया है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा।
📌 दूसरी ओर, यह ज़रूरी है कि हम नागरिकों की सुरक्षा, शिक्षा और जीवन की गुणवत्ता को केंद्र में रखें।
🗣️ आपकी राय क्या है?
क्या आपको लगता है भारत को इस तरह की घटनाओं पर और सख्त कदम उठाने चाहिए या शांति की कोशिशों को जारी रखना चाहिए?
➡️ कमेंट बॉक्स में अपनी राय ज़रूर दें। आपके विचार देश के भविष्य की दिशा तय कर सकते हैं।