23 वर्षीय युवा क्रिकेटर यशस्वी जयसवाल ने हाल ही में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में डबल सेंचुरी बनाने से कुछ ही रन दूर रह गए। 175 रन पर रन आउट होकर उनका शानदार प्रयास अधूरा रह गया। इस घटना ने उन्हें न केवल व्यक्तिगत रूप से निराश किया, बल्कि वे राहुल द्रविड़ के उस अनचाहे रिकॉर्ड में भी शामिल हो गए, जो किसी भी बल्लेबाज़ के लिए गर्व की बात नहीं है।
यशस्वी जयसवाल का धमाकेदार प्रदर्शन
दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए मैच के दूसरे दिन, यशस्वी ने शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए 175 रन बनाए। वे डबल सेंचुरी की दूरी पर थे, सभी की निगाहें उन पर टिकी थीं। लेकिन कप्तान शुबमन गिल के साथ हुई चूक की वजह से वे रन आउट हो गए। जयसवाल ने एक त्वरित रन लेने की कोशिश की, लेकिन गिल की प्रतिक्रिया में देरी के कारण वे समय पर क्रिज तक पहुँच नहीं सके। निराश होकर उन्होंने अपना माथा जमीन पर ठोका, जो उनकी मायूसी को दर्शाता था।
राहुल द्रविड़ के अनचाहे रिकॉर्ड की चर्चा
यशस्वी 175 रन की पारी के साथ उस अनचाहे रिकॉर्ड का हिस्सा बने, जिसमें राहुल द्रविड़ और संजय मंजरेकर जैसे दिग्गज बल्लेबाज़ भी शामिल हैं। यह रिकॉर्ड उन उच्च स्कोरिंग भारतीय बल्लेबाज़ों का है जो रन आउट होकर आउट हुए। द्रविड़ के नाम कुछ उच्च स्कोर इस लिस्ट में दर्ज हैं, और अब यशस्वी भी चौथे नंबर पर आ गए हैं। यह एक अप्रिय रिकॉर्ड है, लेकिन यह युवा बल्लेबाज़ की प्रतिभा और क्षमता को कम नहीं करता।
टीम पर इसका असर और आगे के मैच
इस घटना का टीम की मानसिकता पर असर पड़ेगा, लेकिन यह नकारात्मक असर की बजाय सीखने और सुधारने का अवसर होना चाहिए। टीम आगामी मुकाबलों में इस अनुभव से मजबूत होकर वापसी करेगी। टीम की और अन्य खिलाड़ियों की स्थिति और प्रदर्शन पर भी ध्यान रखा जा रहा है। इस संदर्भ में, टीम की कुछ अन्य प्रमुख खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर भी नजर रखना आवश्यक है, जैसे
हर्मनप्रीत कौर का हालिया संघर्ष।
Yashasvi Jaiswal had crossed almost halfway, but Shubman Gill was looking at the fielder instead of Jaiswal. And the most basic rule of cricket is to keep an eye on your partner and trust his judgment.
But today Jaiswal missed his double century due to Selfish Gill.💔 pic.twitter.com/mgwFfYkl2A
— CricSachin (@Sachin_Gandhi7) October 11, 2025
यशस्वी की मानसिक और शारीरिक प्रतिक्रिया
यशस्वी की निराशा साफ़ नजर आई जब उन्होंने अपना माथा ठोका। यह भावनात्मक प्रतिक्रिया उनकी क्रिकेट के प्रति गहरी प्रतिबद्धता और मेहनत का परिचायक है। हालांकि कोई गंभीर शारीरिक चोट नहीं आई, लेकिन इस प्रकार की प्रतिस्पर्धा में मानसिक स्थिरता अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। युवा खिलाड़ी को अब इस अनुभव से सीख लेकर और भी बेहतर करने का मौका मिलेगा।
प्रशंसकों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों ने यशस्वी के प्रदर्शन की सराहना की है और यह माना है कि यह अनुभव उन्हें और मजबूत बनाएगा। सोशल मीडिया पर उनकी भावनाओं से जुड़ी पोस्ट वायरल हुई हैं, और प्रशंसकों ने उन्हें समर्थन व प्रोत्साहन दिया है। इस पर आप अपनी राय नीचे कमेंट सेक्शन में साझा कर सकते हैं।
निष्कर्ष और संदेश
यशस्वी जयसवाल का यह प्रयास न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता का प्रतीक है, बल्कि भारतीय क्रिकेट के उज्जवल भविष्य की भी घोषणा करता है। डबल सेंचुरी से चूकने के बावजूद, उनकी क्षमता और प्रदर्शन काबिलेतारीफ है। इस अनुभव को वे सीख के रूप में लेंगे और आने वाले मैचों में बेहतर करेंगे। हम सभी को युवा खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाना चाहिए और उन्हें निराश नहीं होने देना चाहिए।