जल विवाद पर अदालत का बड़ा कदम
पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से चल रहे जल विवाद को लेकर एक नया मोड़ आया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे “नैतिक जीत” करार दिया है, जब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है। यह आदेश उस याचिका के संदर्भ में आया है, जिसमें पंजाब सरकार ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) में राज्य की हिस्सेदारी से जुड़े मामले में केंद्र के फैसले को चुनौती दी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “केंद्र और हरियाणा के भारी दबावों के बावजूद हमने पंजाब का पक्ष मजबूती से रखा और यह आदेश दर्शाता है कि हम सही दिशा में हैं।”
BBMB विवाद: मुद्दे की जड़ क्या है?
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड यानी BBMB, भाखड़ा नांगल और ब्यास परियोजनाओं के प्रबंधन के लिए बनाया गया था। यह बोर्ड हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों को बिजली और पानी उपलब्ध कराता है। पंजाब सरकार का आरोप है कि केंद्र ने BBMB के नियमों में बदलाव कर उसके अधिकारों और प्रतिनिधित्व को कम कर दिया है।
मार्च 2022 में केंद्र सरकार ने BBMB में नियुक्तियों को लेकर IAS और अन्य केंद्रीय सेवाओं से अफसर भेजने की प्रक्रिया को लागू किया, जिससे पंजाब के अधिकारियों की नियुक्ति पर असर पड़ा। पंजाब का कहना है कि इससे राज्य की हिस्सेदारी और निर्णय लेने की शक्ति प्रभावित हुई है।
कोर्ट का आदेश: जवाब मांगा गया
पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और हरियाणा को नोटिस जारी किया है और इस विवाद पर स्पष्ट जवाब मांगा है।
कोर्ट ने कहा कि मामला सुनवाई योग्य है और यह तय करना जरूरी है कि केंद्र द्वारा किए गए संशोधन राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रहे हैं या नहीं।
याचिका में कहा गया:
- BBMB में पंजाब की उचित भागीदारी को अनदेखा किया गया
- केंद्र सरकार ने बिना सहमति के संशोधन किए
- नियुक्तियों में पारदर्शिता और राज्य हित की अनदेखी हुई
Panchkula, Haryana: Additional Advocate General Deepak Balyan, on the BBMB row, says, “In the hearing at the Punjab-Haryana High Court regarding the application filed by the Punjab government, Haryana’s Advocate General Parvinder Singh Chouhan strongly opposed the application and… pic.twitter.com/1g3wNnIyNk
— IANS (@ians_india) May 14, 2025
सीएम मान का बयान: ‘ये सिर्फ आदेश नहीं, जनता की जीत है’
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हाईकोर्ट का यह कदम दर्शाता है कि पंजाब की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि
“हमने केंद्र और हरियाणा की ताकत के बावजूद अपने जल अधिकार की रक्षा की है। ये पंजाब की जनता के हक की जीत है।”
उन्होंने आगे कहा कि पंजाब के किसानों, युवाओं और अधिकारियों की मेहनत का यह सम्मान है कि कोर्ट ने हमारी बात को गंभीरता से सुना।
All-party meeting concluded. CM Bhagwant Mann said Punjab has no extra water to give to Haryana, and all parties agreed with this stance. A special Punjab Vidhan Sabha session will soon be convened on the issue. pic.twitter.com/WpXabXblNh
— Gagandeep Singh (@Gagan4344) May 2, 2025
हरियाणा और केंद्र सरकार का पक्ष
हरियाणा सरकार ने इस मामले पर अब तक कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सरकारी सूत्रों के अनुसार हरियाणा BBMB में केंद्र के संशोधनों का समर्थन करता रहा है।
केंद्र सरकार का रुख रहा है कि BBMB एक तकनीकी बोर्ड है, और इसमें विशेषज्ञों की नियुक्ति जरूरी है। केंद्र के अनुसार, नियुक्तियों में विशेषज्ञता को प्राथमिकता दी गई, न कि राज्यों की हिस्सेदारी को कम करने के लिए कोई साजिश रची गई।
Haryana CM Nayab Saini-
“Mann is unconstitutionally trying to stop Haryana’s share of water.
Person who took oath on Constitution is doing unconstitutional work.
This water belongs to entire country.
During partition, water was divided between India and Pakistan.” pic.twitter.com/Vto0A6kRf8
— News Arena India (@NewsArenaIndia) May 3, 2025
राजनीतिक मायने: चुनावी असर और क्षेत्रीय राजनीति
यह विवाद न सिर्फ प्रशासनिक है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी बेहद संवेदनशील है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार इस मुद्दे को राज्य के स्वाभिमान से जोड़कर पेश कर रही है, जबकि हरियाणा में यह पानी के अधिकार से जुड़ा मामला बन चुका है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, आगामी लोकसभा चुनावों में यह मुद्दा जल अधिकार, संघीय ढांचा और राज्य बनाम केंद्र की बहस को गर्मा सकता है।
पानी की राजनीति: पुरानी दरारें, नई बहसें
BBMB विवाद ने फिर से वही सवाल उठाए हैं: क्या केंद्र राज्यों के अधिकारों में दखल दे रहा है? क्या पंजाब को उसका हिस्सा मिल रहा है? क्या तकनीकी नियुक्तियों के नाम पर राजनीतिक संतुलन तोड़ा जा रहा है?
इसी क्रम में, हाल ही में यह विवाद राजधानी दिल्ली तक पहुँच गया, जब विभिन्न पक्षों ने केंद्र से सीधे हस्तक्षेप की मांग की। इस पर आधारित विस्तृत रिपोर्ट आप इस लिंक पर पढ़ सकते हैं, जहां बताया गया है कि कैसे पंजाब-हरियाणा जल संकट अब राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा बनता जा रहा है।
BBMB विवाद ने फिर से वही सवाल उठाए हैं:
- क्या केंद्र राज्यों के अधिकारों में दखल दे रहा है?
- क्या पंजाब को उसका हिस्सा मिल रहा है?
- क्या तकनीकी नियुक्तियों के नाम पर राजनीतिक संतुलन तोड़ा जा रहा है?
किसानों और नागरिकों की राय
पंजाब के किसान संगठनों ने हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत किया है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के एक प्रवक्ता ने कहा, “पानी का अधिकार पंजाब के किसानों का जीवन और अस्तित्व है। अगर BBMB में हिस्सा ही नहीं रहेगा, तो पंजाब को कोई भी फायदा नहीं मिलेगा।”
सोशल मीडिया पर भी लोग इस आदेश को “पंजाब की आत्मा की रक्षा” कह रहे हैं।
कानूनी विशेषज्ञों की राय: आगे क्या?
वकीलों और संवैधानिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला संविधान के अनुच्छेद 131 से भी जुड़ सकता है, जो राज्यों के बीच विवादों के समाधान के लिए सर्वोच्च न्यायालय को अधिकार देता है।
एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा:
“यह आदेश केंद्र को जवाबदेह बनाने की दिशा में पहला बड़ा कदम है। अब यदि जवाब संतोषजनक नहीं होता, तो यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा सकता है।”
आगे की राह: क्या होगा अगला कदम?
हाईकोर्ट ने अब सभी पक्षों से 4 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके बाद अदालत आगे की सुनवाई करेगी और यह तय करेगी कि केंद्र के फैसले को रद्द किया जाए या नहीं।
इस बीच पंजाब सरकार ने साफ किया है कि वह हर स्तर पर राज्य के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
🔚 निष्कर्ष
BBMB विवाद अब सिर्फ प्रशासनिक या तकनीकी मामला नहीं रह गया है। यह पंजाब के आत्मसम्मान, उसके किसानों के अधिकार और संघीय व्यवस्था की मजबूती से जुड़ा मुद्दा बन गया है। हाईकोर्ट का आदेश इस दिशा में एक मजबूत संकेत है कि न्यायपालिका राज्यों की बात सुनने को तैयार है।
जैसे-जैसे अगली सुनवाई नजदीक आएगी, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या केंद्र और हरियाणा अपने रुख में बदलाव लाते हैं, या यह मामला और गहराता है।
✍️ आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं? क्या BBMB में पंजाब की हिस्सेदारी वाजिब है? अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर बताएं।