RSS के महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने कहा है कि यदि देश का नाम ‘भारत’ है, तो इसे केवल ‘भारत’ ही कहा जाना चाहिए। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार को आधिकारिक रूप से ‘India’ नाम का प्रयोग बंद कर देना चाहिए।
G20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण पत्र में ‘President of Bharat’ लिखे जाने के बाद से ही इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है। इससे पहले, विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के नाम को लेकर भी राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई थी।
‘भारत’ बनाम ‘इंडिया’ का ऐतिहासिक संदर्भ
संविधान के अनुच्छेद 1 में ‘India, that is Bharat’ लिखा गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दोनों नाम आधिकारिक रूप से मान्य हैं। हालाँकि, ब्रिटिश शासन के दौरान ‘India’ नाम का अधिक प्रयोग किया जाने लगा।
RSS और भाजपा की विचारधारा
RSS और भाजपा लंबे समय से ‘Bharat’ नाम को बढ़ावा देने की मांग करते रहे हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में कहा था कि हमें अपने देश को ‘भारत’ ही कहना चाहिए। भाजपा नेताओं ने भी इस विचार को समर्थन दिया है।
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने इसे ‘INDIA’ गठबंधन के खिलाफ राजनीतिक चाल बताया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “सरकार असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए नाम बदलने की बहस छेड़ रही है।”
क्या कानूनी रूप से संभव है बदलाव?
अगर सरकार ‘India’ नाम हटाकर केवल ‘Bharat’ अपनाना चाहती है, तो उसे संविधान संशोधन करना होगा। पहले भी सुप्रीम कोर्ट में इस पर याचिकाएँ दायर की गई थीं, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं आया।
सोशल मीडिया पर बहस जारी
#BharatVsIndia ट्रेंड कर रहा है। कुछ लोग इस बदलाव को भारतीय पहचान से जोड़ रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक चाल बता रहे हैं।
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अब आगे क्या?
सरकार इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाएगी, यह देखने वाली बात होगी। क्या यह सिर्फ एक राजनीतिक बहस बनकर रह जाएगी, या ‘India’ को हटाकर आधिकारिक रूप से ‘Bharat’ को अपनाया जाएगा?