भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति कोई नई नहीं है, लेकिन हाल के हफ्तों में जिस प्रकार से घटनाएं तेजी से घटी हैं, उसने एक बार फिर से सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
पाकिस्तान की ओर से बार-बार युद्धविराम का उल्लंघन, सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ की कोशिशें और अब ड्रोन के ज़रिए सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना, यह सब एक बड़ी योजना की ओर इशारा करते हैं।
इसी बीच ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम आतंकी हमला, और कश्मीर घाटी में ब्लैकआउट जैसी घटनाएं सामने आईं, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। अब भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान ने एक रणनीतिक योजना के तहत ड्रोन, लंबी दूरी के हथियार और लॉइटरिंग म्युनिशन का इस्तेमाल किया है।
सरकारी खुलासा: पाकिस्तान की सैन्य रणनीति का नया चेहरा
सरकारी रिपोर्ट में सामने आया है कि हालिया हमलों में पाकिस्तान ने पारंपरिक हथियारों के बजाय आधुनिक हाई-टेक सिस्टम का इस्तेमाल किया।
इनमें शामिल हैं:
- सशस्त्र ड्रोन
- लॉइटरिंग म्युनिशन
- लंबी दूरी के निर्देशित हथियार
लॉइटरिंग म्युनिशन वो तकनीक है जो पहले किसी इलाके में उड़ते रहते हैं और जैसे ही लक्ष्य की पहचान होती है, वह खुद को लक्ष्य पर विस्फोट कर देते हैं।
यह वही तकनीक है जिसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक नाकाम किया था। रिपोर्ट के मुताबिक इन हमलों के पीछे पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी ISI की प्रत्यक्ष संलिप्तता रही है।
Briefing on #OperationSindoor underway | #Watch
Col Sofiya Qureshi says, “Pakistan has used drones, long-range weapons, loitering munitions and fighter jets to attack India’s military sites… India neutralised many dangers, but Pakistan tried to infiltrate via Air at more… pic.twitter.com/M6H8FnlfUz
— TIMES NOW (@TimesNow) May 10, 2025
किन सैन्य ठिकानों को बनाया गया निशाना?
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने जिन क्षेत्रों को निशाना बनाया वे अधिकतर सीमावर्ती इलाके हैं:
- जम्मू और कश्मीर: सांबा, पुंछ, और कठुआ
- पंजाब: पठानकोट के समीपवर्ती सैन्य ठिकाने
- राजस्थान: गंगानगर और जैसलमेर बॉर्डर
इन क्षेत्रों में रात के समय ड्रोन गतिविधियों के अलावा कुछ विस्फोट भी दर्ज किए गए। ऑपरेशन सिंदूर के बाद इन राज्यों की सीमाओं को सील किया गया और मिसाइलें तैनात की गईं, जिससे स्थिति की गंभीरता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
ड्रोन और लॉइटरिंग म्युनिशन की तकनीक पर विश्लेषण
ड्रोन और लॉइटरिंग म्युनिशन आधुनिक युद्ध की सबसे घातक तकनीकों में गिने जाते हैं।
- ड्रोन: रिमोट कंट्रोल से संचालित विमान जो निगरानी, हथियार गिराने और लक्ष्य पर हमला करने में सक्षम होते हैं।
- लॉइटरिंग म्युनिशन: ये टारगेट के ऊपर उड़ते रहते हैं और सही समय पर आत्मघाती विस्फोट करते हैं।
सीरिया, यूक्रेन और आर्मेनिया-अज़रबैजान युद्ध में भी इनका भारी प्रयोग हो चुका है। भारत के लिए खतरा इस बात में है कि पाकिस्तान जैसे देश अब इन्हें छोटे स्तर पर भी उपयोग कर पा रहे हैं।
भारत की प्रतिक्रिया: सैन्य और कूटनीतिक कदम
भारत सरकार ने हमलों की गंभीरता को देखते हुए:
- सीमा सुरक्षा बल और सेना को हाई अलर्ट पर रखा
- MEA ने पाकिस्तान से कड़ा विरोध दर्ज कराया
- डिफेंस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता के लिए DRDO को तेजी से काम पर लगाया गया
- काउंटर-ड्रोन सिस्टम और रडार की क्षमता को अपग्रेड करने का आदेश दिया गया
#Breaking | India struck Lahore, Sialkot with drones
– HQ Integrated Defence Staff Statement
– ‘Pak used missiles & drones to attack’
– ‘Target: Jammu military installation’
– ‘Target: Pathankot military asset’
– ‘Target: Udhampur military installation’@srinjoyc1 &… pic.twitter.com/OvPjbo0dvg
— TIMES NOW (@TimesNow) May 8, 2025
विशेषज्ञों की राय: क्या ये नई हाइब्रिड वॉर की शुरुआत है?
रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि ये पूरी तरह से एक हाइब्रिड वॉर की रणनीति है, जिसमें पारंपरिक और आधुनिक तकनीकों का मिला-जुला इस्तेमाल होता है।
साइबर अटैक, ड्रोन स्ट्राइक, आतंकी गतिविधियां और मीडिया भ्रम फैलाने की कोशिश — ये सब इसका हिस्सा हैं।
प्रमुख रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान ‘लो कॉस्ट हाई इम्पैक्ट’ पॉलिसी अपना रहा है, जिसका मुकाबला करने के लिए भारत को अपनी रणनीति में बदलाव लाना होगा।
जनता और राजनीतिक प्रतिक्रिया
पंजाब और कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में डर का माहौल है। पंजाब के अमृतसर क्षेत्र में मिसाइल का मलबा मिलने से लोगों में दहशत फैल गई।
राजनीतिक स्तर पर संसद में विपक्ष ने सरकार से सवाल पूछे कि ड्रोन सुरक्षा को लेकर अब तक क्या तैयारियां की गईं। वहीं, सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताया और भरोसा दिलाया कि कोई भी हमला सफल नहीं होगा।
निष्कर्ष: भारत की सुरक्षा नीति का नया अध्याय
पाकिस्तान की ओर से हो रहे ऐसे हमले यह दिखाते हैं कि आने वाले समय में भारत को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि प्रोएक्टिव रक्षा नीति ही अब समय की मांग है।
भारत को चाहिए कि वह ड्रोन तकनीक, AI आधारित निगरानी सिस्टम और आधुनिक रक्षा उपकरणों में निवेश बढ़ाए, ताकि इस नए प्रकार के युद्ध से निपटा जा सके।
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क्या हमारी सीमाएं इस तरह की तकनीकी हमलों के लिए पूरी तरह सुरक्षित हैं?
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