Punjab Cyber Fraud 2025 – पंजाब, जो पहले नशे और गैंगस्टरवाद के लिए चर्चा में रहता था, अब साइबर क्राइम का नया शिकार बन रहा है। दिसंबर 2025 में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे देश को चौंका दिया। पंजाब पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर जनरल (IG) अमर सिंह चहल ने कथित तौर पर 8 करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी का शिकार होने के बाद आत्महत्या की कोशिश की। यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि पंजाब में साइबर फ्रॉड की बढ़ती समस्या को उजागर करती है। इस ब्लॉग में हम इस मामले की गहराई से जांच करेंगे, पुलिस की कार्रवाई, पीड़ित की कहानी और साइबर सुरक्षा के सबक पर चर्चा करेंगे।
पंजाब साइबर फ्रॉड 2025 (Punjab Cyber Fraud 2025) की यह घटना पटियाला में हुई, जहां पूर्व IG चहल ने अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। वे छाती में घायल हुए और अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन इस घटना ने साइबर अपराधियों की बेखौफी को दिखाया है। पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। आइए, इस मामले की पूरी कहानी समझते हैं।
घटना की शुरुआत: कैसे हुआ 8 करोड़ का फ्रॉड?
पूर्व IG अमर सिंह चहल, जो पंजाब पुलिस में उच्च पद पर रहे, रिटायरमेंट के बाद निवेश के चक्कर में फंस गए। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने ऑनलाइन ‘वेल्थ मैनेजर्स’ के झांसे में आकर करीब 7 करोड़ रुपये उधार लिए और निवेश किया। ये तथाकथित मैनेजर हाई रिटर्न का लालच देकर लोगों को फंसाते हैं। चहल ने कुल 8.1 करोड़ रुपये निवेश किए, लेकिन जब निकासी का समय आया तो पैसा गायब हो गया।

इस ठगी ने उन्हें इतना मानसिक तनाव दिया कि उन्होंने 12 पेज का सुसाइड नोट लिखा। नोट में उन्होंने ठगों का जिक्र किया और अपनी व्यथा बताई। यह नोट पुलिस को मिला, जिसके आधार पर FIR दर्ज हुई। ठगों ने सोशल मीडिया और ऐप्स के जरिए संपर्क किया, फेक इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म दिखाए और पैसे ट्रांसफर करवाए। यह क्लासिक ‘डिजिटल अरेस्ट’ या इन्वेस्टमेंट स्कैम का मामला है, जो पंजाब में तेजी से बढ़ रहा है।
पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने 2025 की रिपोर्ट में साइबर क्राइम पर बड़ी कार्रवाई का दावा किया है, लेकिन ऐसे मामले दिखाते हैं कि चुनौतियां अभी बाकी हैं। इस साल पंजाब में कई बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट पकड़े गए, लेकिन उच्च पद वाले अधिकारी का शिकार होना चिंता की बात है।
सुसाइड नोट में क्या लिखा था?
12 पेज के सुसाइड नोट ने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया। इसमें चहल ने बताया कि कैसे उन्होंने दोस्तों-रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए, निवेश किया और सब कुछ खो दिया। उन्होंने ठगों के नाम और तरीके का जिक्र किया। नोट में परिवार से माफी मांगी और कहा कि मानसिक तनाव सहन नहीं कर पाए। यह नोट पुलिस के लिए महत्वपूर्ण सबूत है, क्योंकि इससे ठगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
पटियाला पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। साइबर सेल को शामिल किया गया है, क्योंकि ट्रांजेक्शन ऑनलाइन हुए थे। बैंक अकाउंट्स फ्रीज करने और IP एड्रेस ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है। ठग अक्सर विदेश से ऑपरेट करते हैं, इसलिए इंटरपोल की मदद ली जा सकती है।
पंजाब में साइबर क्राइम की मौजूदा स्थिति
2025 में पंजाब पुलिस ने साइबर क्राइम पर बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। डीजीपी की रिपोर्ट के अनुसार, कई फेक कॉल सेंटर पकड़े गए, जहां अमेरिका के लोगों को ठगा जा रहा था। ‘डिजिटल अरेस्ट’ रैकेट में 92 करोड़ का फ्रॉड पकड़ा गया। लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर लोग अभी भी शिकार हो रहे हैं।
पंजाब में ऑनलाइन फ्रॉड के मुख्य तरीके:
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इन्वेस्टमेंट स्कैम: स्टॉक, क्रिप्टो या म्यूचुअल फंड के नाम पर।
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डिजिटल अरेस्ट: फेक पुलिस या ED अधिकारी बनकर डराना।
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हनी ट्रैप: सोशल मीडिया पर फंसाना।
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फेक जॉब रैकेट: रेलवे या सरकारी नौकरी का लालच।
इस साल पंजाब पुलिस ने हजारों FIR दर्ज कीं और करोड़ों रुपये रिकवर किए। लेकिन पूर्व IG जैसे शिक्षित व्यक्ति का शिकार होना दिखाता है कि जागरूकता की कमी है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच की दिशा
घटना के एक दिन बाद FIR दर्ज हुई। पुलिस ने ठगों के खिलाफ धोखाधड़ी, चीटिंग और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए। साइबर क्राइम विंग सक्रिय है। उम्मीद है कि जल्द ही आरोपी पकड़े जाएंगे। पंजाब पुलिस ने ‘सेफ पंजाब’ हेल्पलाइन शुरू की है, जहां ऐसे मामलों की शिकायत की जा सकती है।
इस मामले ने साइबर सुरक्षा पर बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञ कहते हैं कि बैंक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ज्यादा सतर्क होना चाहिए।
साइबर फ्रॉड से बचाव के उपाय
ऐसे मामलों से सबक लेते हुए, यहां कुछ टिप्स:
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अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
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हाई रिटर्न का लालच न मानें।
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निवेश से पहले SEBI रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म चेक करें।
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पुलिस या ED के फेक कॉल पर पैसे न ट्रांसफर करें।
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साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।



















