पंजाब सरकार ने अपने स्कूलों की शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार ने शिक्षकों को सिंगापुर, फिनलैंड और IIM अहमदाबाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भेजना शुरू किया है। इसका उद्देश्य शिक्षकों को आधुनिक तकनीक, वैश्विक दृष्टिकोण और बेहतर प्रशासनिक क्षमताओं से लैस करना है।
किन देशों और संस्थानों में भेजे गए शिक्षक?
अब तक लगभग 500 शिक्षक विदेश और देश के बेहतरीन संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं:
- सिंगापुर: आधुनिक शिक्षण विधियों की ट्रेनिंग।
- फिनलैंड: विश्व की सर्वोत्तम शिक्षा प्रणाली का अनुभव।
- IIM अहमदाबाद: नेतृत्व क्षमता और स्कूल प्रबंधन में निपुणता।
पंजाब में शिक्षा क्रांति जारी‼️
⁰📚 CM @BhagwantMann जी ने 72 शिक्षकों के बैच को आज फिनलैंड में ट्रेनिंग के लिए किया रवाना⁰
📅 17 मार्च से 28 मार्च तक चलेगी विशेष ट्रेनिंग🔹 9 मार्च को 36 प्रिंसिपलों को भी सिंगापुर प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था
✅ पंजाब सरकार का संकल्प –… pic.twitter.com/0dr6eP6hkM
— AAP (@AamAadmiParty) March 15, 2025
इस पहल का उद्देश्य क्या है?
मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि सरकारी स्कूलों में भी वही गुणवत्ता होनी चाहिए जो प्राइवेट स्कूलों में होती है। इस पहल का मकसद सरकारी स्कूलों को एक नई पहचान देना और छात्रों को बेहतर भविष्य के लिए तैयार करना है।
छात्रों को क्या फायदा होगा?
ट्रेनिंग के बाद शिक्षक अपने अनुभव और सीखी गई तकनीकों को कक्षा में लागू करेंगे। इससे:
- पढ़ाई अधिक व्यावहारिक और रोचक होगी।
- बच्चों को ग्लोबल एक्सपोजर मिलेगा।
- स्कूलों में पढ़ाई का माहौल और बेहतर होगा।
Under CM @BhagwantMann ji’s leadership, Punjab’s 7th batch of 36 principals heads to Singapore for training, bringing the total to 234 trained.
Transforming education with global best practices! #PunjabEducationRevolution pic.twitter.com/NVPK5mnNSU
— Harjot Singh Bains (@harjotbains) March 8, 2025
वर्तमान में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति
पिछले कुछ वर्षों में पंजाब के सरकारी स्कूलों की हालत में सुधार आया है। स्मार्ट क्लासेज, लाइब्रेरी और लैब्स जैसी सुविधाएं बढ़ी हैं। अब इस नई ट्रेनिंग से और अधिक बदलाव की उम्मीद है। इस विषय से जुड़ी अन्य ताज़ा ख़बरें आप यहाँ क्लिक करके देख सकते हैं।
लोगों की प्रतिक्रिया
अधिकांश लोग इस पहल की सराहना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इसके अच्छे रिव्यू आ रहे हैं। विपक्ष ने कुछ सवाल उठाए हैं, लेकिन सरकार ने इसे जरूरत बताया है, न कि दिखावा।
निष्कर्ष
पंजाब सरकार की यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है। यदि यह मॉडल सफल होता है, तो देश के अन्य राज्य भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।
आप इस फैसले को कैसे देखते हैं? क्या आपके राज्य में भी ऐसा होना चाहिए? नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर बताएं।