उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर और मेरठ जिलों में उस समय हलचल मच गई जब एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर एक विवादित पोस्ट डालते हुए किसान नेता राकेश टिकैत का सिर कलम करने पर ₹5 लाख का इनाम घोषित कर दिया।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत लंबे समय से किसानों की आवाज़ बनकर उभरे हैं और उनका समर्थन देशभर में फैला हुआ है। ऐसे में यह घोषणा ना सिर्फ भड़काऊ है, बल्कि सार्वजनिक शांति व्यवस्था को भी प्रभावित करने वाली है।
🟠 मेरठ निवासी युवक का भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट
मेरठ के एक युवक द्वारा फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह घोषणा की गई।
पोस्ट में लिखा गया था कि जो कोई राकेश टिकैत का सिर लाएगा, उसे ₹5 लाख का इनाम दिया जाएगा।
इस पोस्ट के वायरल होते ही प्रदेशभर में आक्रोश फैल गया।
लोगों ने इसे खुलेआम हिंसा भड़काने की साजिश बताया और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की।
ये अमित चौधरी नाम का युवक है जो इसने किसान नेता राकेश टिकैत जी का सर कलम करने की बात कही है और कलम करने वाले को 5 लाख का इनाम बोला है अगर इसपर कार्यवाही नहीं होती तो प्रदेश का माहौल बिगड़ो या सुधरो उसकी जिम्मेदारी @Uppolice @muzafarnagarpol @dgpup की होंगी। @RakeshTikaitBKU pic.twitter.com/qdE2zb52Wr
— Raghuvanshi Abhinav Baliyan (@Raghuvansh_abhi) May 18, 2025
🟠 पुलिस की कार्रवाई और दर्ज की गई धाराएं
मेरठ पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आपराधिक मामला दर्ज किया है।
आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है:
- धारा 505 (सार्वजनिक शांति भंग करने वाले बयान)
- धारा 506 (आपराधिक धमकी)
- धारा 153A (धर्म, जाति या क्षेत्र के आधार पर द्वेष फैलाना)
इसके अलावा, आईटी एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया है क्योंकि मामला ऑनलाइन माध्यम से जुड़ा है।
पुलिस की टीमें आरोपी की तलाश में जुटी हुई हैं लेकिन खबर लिखे जाने तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
🟠 मुज़फ्फरनगर और अन्य जिलों में उभरे विरोध प्रदर्शन
जैसे ही इस पोस्ट की खबर फैली, मुज़फ्फरनगर, शामली, बागपत और हरिद्वार जैसे जिलों में BKU कार्यकर्ताओं और किसानों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए।
उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
कई स्थानों पर सड़कों पर ट्रैक्टर लगाकर धरना भी दिया गया, लेकिन पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखा।
प्रशासन की ओर से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई, लेकिन किसानों का गुस्सा साफ झलक रहा था।
🟠 राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया: “कानून को अपना काम करने दीजिए”
राकेश टिकैत ने इस मामले में संयमित और जिम्मेदार बयान दिया।
उन्होंने कहा:
“किसी के कहने से न हम डरते हैं, न रुकते हैं। यह देश संविधान से चलता है, धमकियों से नहीं। कानून अपना काम करेगा।”
टिकैत ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की और इस घटना को सामाजिक विघटन का एक उदाहरण बताया।
🟠 BKU की चेतावनी: “अगर गिरफ्तारी नहीं हुई, तो बड़ा आंदोलन होगा”
भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर साफ तौर पर कहा:
“अगर जल्द से जल्द आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो हम प्रदेशव्यापी आंदोलन की राह पर चलेंगे।”
उन्होंने सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग पर सवाल उठाए और केंद्र सरकार से सख्त डिजिटल निगरानी की मांग की।
Sanghis thought they could insult Farmer leader Rakesh Tikait and get away with it.
But look at Muzaffarnagar today — thousands came out in his support.
They honoured him with an even bigger turban.
Now RW gang needs ice, not just Burnol😂🔥 pic.twitter.com/U7IvEasWUC
— Amock (@Politicx2029) May 3, 2025
🟠 राजनीतिक और सामाजिक हलकों से प्रतिक्रिया
इस विवादित पोस्ट पर विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
- कुछ नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया
- वहीं, कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी इस कृत्य की कड़ी आलोचना की
- सोशल मीडिया पर #JusticeForTikait ट्रेंड कर रहा है
सभी का यही कहना था कि सोशल मीडिया पर इस तरह की नफरत फैलाने वाली गतिविधियों पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।
🟠 कानून विशेषज्ञों की राय: “यह स्पष्ट रूप से आपराधिक कृत्य है”
कानून के जानकारों का कहना है कि
“कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी दे या इनाम घोषित करे, तो यह कानूनन अपराध है।”
हालांकि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारे संविधान में दी गई है, लेकिन उसका दुरुपयोग करने पर IPC की कठोर धाराएं लागू की जा सकती हैं।
यह भी स्पष्ट किया गया कि ऐसी घोषणाएं न सिर्फ व्यक्ति विशेष को नुकसान पहुंचा सकती हैं, बल्कि सामाजिक सद्भाव को भी चोट पहुंचाती हैं।
🟠 निष्कर्ष
इस घटना ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि
“क्या सोशल मीडिया पर हर तरह की आज़ादी होनी चाहिए?”
जब एक व्यक्ति केवल लाइक्स और फॉलोअर्स पाने के लिए समाज में हिंसा फैलाने की कोशिश करता है, तो यह पूरी प्रणाली पर सवाल उठाता है।
इसलिए, ज़रूरी है कि:
- सोशल मीडिया पर कड़े नियम लागू हों
- ऐसे मामलों पर त्वरित कानूनी कार्रवाई हो
- जनता भी ऐसी पोस्ट्स को रिपोर्ट कर जागरूकता दिखाए
➡️ आपकी राय क्या है? क्या सोशल मीडिया को लेकर कानून और सख्त होने चाहिए? नीचे कमेंट में बताएं।