पंजाब पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि राज्य को नशे के जाल से मुक्त करने की दिशा में उनकी कार्रवाई कितनी सख्त और रणनीतिक है। हाल ही में हुए एक बड़े ऑपरेशन में पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले एक ड्रग नेटवर्क को पकड़ने में सफलता हासिल की है, जिसमें 85 किलो से अधिक हेरोइन जब्त की गई और करोड़ों की नकदी, फर्जी दस्तावेज व हवाला नेटवर्क से जुड़े महत्वपूर्ण सुराग भी हाथ लगे हैं।
इस पूरे ऑपरेशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नशे का यह धंधा केवल सीमित नहीं बल्कि विश्व स्तर पर फैला हुआ एक गहरा जाल है, जो युवाओं के जीवन को तबाह कर रहा है।
ऑपरेशन की पृष्ठभूमि
इस पूरे ऑपरेशन की शुरुआत तब हुई जब पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि सीमावर्ती जिलों में नशे की एक बड़ी खेप आने वाली है। पंजाब के अलग-अलग जिलों में एक साथ चलाए गए इस अभियान में विशेष रूप से प्रशिक्षित पुलिस टीमों को तैनात किया गया था।
कार्रवाई को अत्यंत गोपनीय रखा गया और तकनीकी निगरानी के साथ-साथ जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी भी जुटाई गई। इसका उद्देश्य केवल खेप को पकड़ना ही नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचना था।
जब्ती और सबूत
इस ऑपरेशन में पुलिस को जो सफलता मिली, वह अपने आप में अभूतपूर्व है। कुल मिलाकर 85 किलो से अधिक हेरोइन बरामद की गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों रुपये आंकी जा रही है। इसके अलावा पुलिस ने ₹87 लाख नकद, कई मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं, जो आगे की जांच में मदद करेंगे।
इन उपकरणों से कई एन्क्रिप्टेड चैट्स और ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड्स मिले हैं, जो यह दर्शाते हैं कि ड्रग्स की खरीद-फरोख्त में अत्याधुनिक डिजिटल तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
Punjab Police busted Major Narco-Hawala Cartel in Amritsar! Operated from Goindwal Jail by kingpin Arshdeep Singh
– 4.5 kg heroin seized
– ₹8.7L drug money recovered
– Hawala trail to Dubai → Pakistan
More arrests likely. #PunjabPolice @cpamritsar @DGPPunjabPolice pic.twitter.com/RxYYBSfySf— Ravinder Singh Robin ਰਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਰੌਬਿਨ (@rsrobin1) June 10, 2025
गिरफ्तारियां और नेटवर्क की जड़ें
इस ऑपरेशन में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से कुछ की भूमिका ड्रग्स की तस्करी और हवाला चैनल्स के संचालन में प्रमुख रही है। गिरफ्तार आरोपियों में कुछ ऐसे भी हैं जो विदेशी नागरिक हैं और उन्होंने नकली पहचान के सहारे भारत में ठिकाने बना रखे थे।
इन आरोपियों के पास से फर्जी पासपोर्ट, पहचान पत्र और सीमित समय के वीजा दस्तावेज मिले हैं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये लोग यूके, दुबई और पाकिस्तान से संचालित नेटवर्क का हिस्सा थे और भारत को एक ट्रांजिट पॉइंट की तरह इस्तेमाल कर रहे थे।
हवाला नेटवर्क और फंडिंग की पड़ताल
ड्रग्स की तस्करी के साथ हवाला नेटवर्क का गहरा संबंध सामने आया है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि नशे की कमाई हवाला चैनल्स के जरिए दुबई और अन्य खाड़ी देशों तक पहुंचाई जा रही थी। इसमें शामिल लोकल एजेंट्स और विदेशी ऑपरेटर्स ने मिलकर एक सुनियोजित तरीका अपनाया था।
इन हवाला चैनलों का उपयोग कर फंड को विदेशी खातों में ट्रांसफर किया जाता था, जिससे ड्रग नेटवर्क को वित्तीय मजबूती मिलती थी और कानून की पकड़ से बचना आसान होता था।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और सरकार की रणनीति
राज्य सरकार और प्रशासन ने इस कार्रवाई की खुले शब्दों में सराहना की है। मुख्यमंत्री ने इसे ‘नशे के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई’ करार दिया है। वहीं, पुलिस विभाग ने इस ऑपरेशन को भविष्य के लिए एक मिसाल बताया है। इसी दिशा में सरकार पहले ही ‘ड्रग-फ्री पंजाब’ मिशन को लेकर कई ठोस कदम उठा चुकी है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत हर नागरिक को नशामुक्त पंजाब अभियान का हिस्सा बनाया जा रहा है। पूरा विवरण यहाँ पढ़ें।
राज्य सरकार ने दोहराया है कि पंजाब को नशा मुक्त बनाना प्राथमिकता है और इस दिशा में भविष्य में और सख्त कदम उठाए जाएंगे। कानून प्रवर्तन एजेंसियों को और अधिक संसाधन दिए जाएंगे ताकि इस तरह की आपराधिक गतिविधियों को जड़ से उखाड़ा जा सके।
सामाजिक असर और लोगों की प्रतिक्रिया
पंजाब में युवाओं के बीच नशा एक गहरी समस्या बन चुका है। ऐसे में इस ऑपरेशन ने समाज में एक सकारात्मक संदेश दिया है। जहां एक ओर लोगों ने पुलिस की कार्रवाई की प्रशंसा की, वहीं दूसरी ओर, इस नेटवर्क का खुलासा समाज में चिंता का विषय भी बना।
राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना को चेतावनी मानते हुए सरकार से और ज्यादा सख्ती की मांग की है।
आगे की राह
इस ऑपरेशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ड्रग्स का धंधा अब केवल स्थानीय समस्या नहीं रहा, बल्कि यह एक अंतरराष्ट्रीय खतरा बन चुका है। इसके खिलाफ लड़ाई में पुलिस, सरकार और समाज—सभी की साझेदारी जरूरी है।
भविष्य में इस तरह की तस्करी को रोकने के लिए सीमावर्ती निगरानी, डिजिटल ट्रैकिंग और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय और सशक्त किया जाना होगा।